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कच्चे तेल पर कोरोना वायरस का कहर, 7 सप्ताह के निचले स्तर पर ब्रेंट क्रूड

चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस सप्ताह लगातार चार दिनों तक कच्चे तेल के दाम पर दबाव बना रहा और इन चार दिनों में बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड का दाम करीब पांच डॉलर प्रति बैरल टूट गया है। 

IANS Reported by: IANS
Published on: January 25, 2020 13:52 IST
Brent crude, China, coronavirus, crude oil- India TV Paisa
Photo:AP

Brent crude lowest in 7 weeks amid nCoV concern in China

नई दिल्ली। चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस सप्ताह लगातार चार दिनों तक कच्चे तेल के दाम पर दबाव बना रहा और इन चार दिनों में बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड का दाम करीब पांच डॉलर प्रति बैरल टूट गया है। ब्रेंट क्रूड का भाव शुक्रवार को करीब सात सप्ताह के निचले स्तर तक टूट गया। चीन दुनिया में कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है, जहां कोरोना वायरस का प्रकोप होने के कारण कई शहरों में सार्वजनिक परिवहन बंद कर दिया गया है। लिहाजा, चीन की ओर से कच्चे तेल की मांग में नरमी आने के कारण बीते कारोबारी सप्ताह तेल के दाम पर भारी दबाव बना रहा।

अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड का मार्च अनुबंध पिछले सत्र के मुकाबले 2.29 फीसदी की कमजोरी के साथ 60.62 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान तेल का दाम 60.26 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा, जोकि तीन दिसंबर, 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है, जब ब्रेंट क्रूड का भाव 60.30 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा था।

बेंट्र क्रूड का दाम पिछले सप्ताह के मुकाबले तकरीबन सात फीसदी टूटा है, जोकि दिसंबर 2018 के बाद की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है। वहीं, न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) का मार्च अनुबंध शुक्रवार को पिछले सत्र के मुकाबले 2.50 फीसदी की नरमी के साथ 54.20 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान तेल का दाम 53.88 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा। इस प्रकार डब्ल्यूटीआई का भाव इस साल के सबसे उंचे स्तर 65.65 डॉलर प्रति बैरल से 11.77 डॉलर प्रति बैरल टूट चुका है।

एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी एवं करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने बताया कि अमेरिका और चीन के बीच पहले चरण के ट्रेड डील पर हस्ताक्षर के बाद उम्मीद की जा रही थी कि चीन की तरफ से कच्चे तेल की मांग बढ़ेगी, लेकिन इस बीच कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण इस उम्मीद पर पानी फिर गया। उन्होंने कहा कि चीन में इसके कारण परिवहन व कारोबार पर असर पड़ा है, जिससे तेल की मांग कमजोर रहने की आशंकाओं के बीच कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में नरमी आने से भारतीय वायदा बाजार में भी कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट आई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर शुक्रवार को कच्चे तेल का फरवरी अनुबंध पिछले सत्र के मुकाबले 50 रुपये यानी 1.27 फीसदी की कमजोरी के साथ 3,881 रुपये प्रति बैरल पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान तेल का भाव 3,850 रुपए प्रति बैरल तक टूटा। एमसीएक्स पर कच्चे तेल का भाव इस साल के सबसे उंचे स्तर 4,670 रुपए प्रति बैरल से 820 रुपए प्रति बैरल तक टूट चुका है।

गुप्ता ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई गिरावट से भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं को और राहत मिलेगी। देश की राजधानी दिल्ली में 11 जनवरी के बाद पेट्रोल 1.85 रुपए प्रति लीटर सस्ता हो गया है, जबकि डीजल का दाम भी 1.86 रुपए प्रति लीटर कम हो गया है।

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