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आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 4.78 लाख करोड़ रुपये, जानिए कहां होगा कितना खर्च

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को संसद में पेश किए गए आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए आंशिक वृद्धि करते हुए 4.78 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: February 02, 2021 8:03 IST
Nirmala Sitharaman- India TV Paisa
Photo:PTI

Nirmala Sitharaman

नयी दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को संसद में पेश किए गए आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए आंशिक वृद्धि करते हुए 4.78 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया जबकि पिछले साल रक्षा क्षेत्र को 4.71 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। चीन संकट के बीच बजट में रक्षा आवंटन में वृद्धि न होने पर विशेषज्ञ आलोचना भी कर रहे हैं। बजट में यह बात भी सामने आई है कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ गतिरोध के मद्देनजर सैन्य बलों ने अतिरिक्त 20,776 करोड़ रुपये सैन्य सामान खरीदने में खर्च किए। 

बजट दस्तावेजों के मुताबिक रक्षा सेवाओं में 2020-2021 के लिए संशोधित पूंजीगत व्यय 1,34,510 करोड़ रुपये था जबकि बजटीय आवंटन 1,13,734 करोड़ रुपये का था। भारतीय सैन्य बलों ने चीन के साथ गतिरोध के मद्देनजर कई देशों से हथियार व अन्य सैन्य साजो सामान खरीदे थे। वित्त मंत्री ने रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित पूरी राशि में 1.35 लाख करोड़ रुपये पूंजी परिव्यय के रूप में नये हथियारों, विमानों, युद्धपोतों और अन्य सैन्य साजोसामान खरीदने के लिए अलग से रखा है। 

राजनाथ सिंह ने जताया आभार 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा बजट बढ़ाकर 4,78,195 करोड़ रुपये करने के लिये ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताया और कहा कि बजट में करीब 19 प्रतिशत की वृद्धि बीते 15 साल में सबसे अधिक है। रक्षा मंत्री ने 100 सैनिक स्कूल खोलने के सीतारमण के बजट प्रस्ताव पर भी प्रसन्नता प्रकट की। 

कहां होगा कितना खर्च

कुल 4.78 लाख करोड़ रुपये के इस बजट में 1.15 लाख करोड़ रुपये पेंशन के भुगतान के लिये आवंटित किये गए हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि पेंशन के भुगतान के लिये पिछले बजट में 1.33 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान था, जिसमें इस बार कटौती की गई है। सैन्य मामलों के विशेषज्ञों ने कहा है कि आवंटन में कमी सैन्य अधिकारियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर पेंशन के भुगतान पर होने वाले खर्च में कटौती की सरकार की योजना का संकेत हो सकती है। 

वेतन भुगतान और रख-रखाव के लिए 2.12 लाख करोड़

एक अधिकारी ने कहा कि अधिकारियों ने बाद में स्पष्ट कर दिया है कि यह आवंटन 2020-21 के आवंटन से अधिक है क्योंकि पेंशन एरियर के तौर पर 18,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना अभी बाकी है। पेंशन खर्च को हटाकर वेतन भुगतान और प्रतिष्ठानों के रख-रखाव के लिये कुल मिलाकर 2.12 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान है। विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस के चलते अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव के मद्देनजर कुल आवंटन पर संतोष व्यक्त किया है। हालांकि उन्होंने कहा है कि भारत बढ़ते बाहरी खतरों से निपटने के लिये धीरे-धीरे अपने रक्षा व्यय को बढ़ाएगा। 

पूंजीगत व्यय में 22 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि 

प्रख्यात रक्षा विशेषज्ञ डॉक्टर लक्ष्मण बेहरा ने कहा, ''अर्थव्यवस्था पर पड़े कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए मैं कुल आवंटन पर संतोष व्यक्त करता हूं।'' उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय में 22 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि स्वागत योग्य कदम है, जिससे तीनों सेनाओं को खुद को आधुनिक बनाने के अभियान में मदद मिलेगी। पूर्व थलसेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) वी पी मलिक ने ट्वीट किया, ''रक्षा बजट में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि एक सकारात्मक कदम है। उम्मीद है कि हम राजस्व और पेंशन पर अधिक खर्च नहीं करेंगे।'' 

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