
in Lockdown traders given compensation CAIT demand
नई दिल्ली। देश भर में एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगने लगे हैं, जिसके बाद से राज्यों में नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन लगाने की स्थिति बन चुकी है। ऐसे में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एवं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक पत्र भेजकर मांग की है कि इस महामारी से बचाव में यदि कोई राज्य लॉकडाउन की घोषणा करता है, जिससे दुकानें बंद हो, तो सरकार को उन सभी व्यापारियों को उचित मुआवजा देना चाहिए। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि सरकार के आदेश पर किए गए लॉकडाउन के कारण बंद हुई दुकानों को सरकार से मुआवजा लेने का हक बनता है।
कैट ने मुआवजे देने के फॉमूर्ले को बताते हुए कहा कि जिस दुकान की जो वार्षिक टर्न ओवर है उसके अनुपात में सरकार को ऐसे व्यापारियों को मुआवजा देना चाहिए। कैट के अनुसार, देश में प्रतिवर्ष लगभग 80 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होता है, जो प्रति माह लगभग 6.5 लाख करोड़ का होता है। अकेले महाराष्ट्र का मासिक कारोबार लगभग 1 लाख करोड़ रुपये तथा दिल्ली का मासिक कारोबार लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का होता है।
आज तक नहीं हुई भरपाई
खंडेलवाल ने आगे कहा कि पिछले वर्ष के लॉकडाउन में व्यापारियों ने न केवल अपनी दुकानें ही बंद कीं, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर करोना के भीषण समय में भी अपनी जान की परवाह न करते हुए पूरे देश में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई को निर्बाध रूप से जारी रखा, जिसके कारण देशभर के व्यापारियों को अपने व्यापार में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है, जिसकी भरपाई आज तक नहीं हुई है।
व्यापारियों को नहीं दी गई सहायता
कैट ने कहा जहां केंद्र सरकार ने गत वर्ष विभिन्न वर्गों के लिए अनेक पैकेज दिए, वहीं देश के व्यापारियों को किसी भी पैकेज में एक रुपये की भी सहायता नहीं दी गई एवं न ही किसी राज्य सरकार ने व्यापारियों की ओर मदद का हाथ बढ़ाया, जिसके फलस्वरूप व्यापारी वर्ग आज तक वित्तीय तरलता के बड़े संकट का सामना कर रहा है।
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विभिन्न क्षेत्रों के लिए अलग-अलग कार्य समय हो
कैट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोरोना वायरस महामारी के प्रसार पर अंकुश के लिए लॉकडाउन और रात्रि कर्फ्यू नहीं लगाने और उसकी जगह विभिन्न क्षेत्रों में काम के अलग-अलग समय की व्यवस्था अपनाने का आग्रह किया है। कैट ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा कि रात्रि कर्फ्यू या लॉकडाउन अभी तक देश में कोविड के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने को लेकर प्रभावी कदम साबित नहीं हुए हैं। ऐसी स्थिति में यह अधिक उपयुक्त होगा यदि पूरे देश में विकल्प के तौर पर जिला स्तर पर बेहद मजबूती के साथ कोविड उपायों को अपनाया जाए और विभिन्न क्षेत्रों के काम के समय अलग-अलग किए जाएं।
संगठन ने विभिन्न कारोबार और व्यावसाय के लिये अलग-अलग कामकाजी घंटे निर्धारित करने का सुझाव दिया है। कैट के अनुसार हमारा सुझाव है कि सरकारी कार्यालयों, निजी दफ्तरों तथा अन्य कार्यालयों में कामकाज सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक हो सकता है, जबकि बाजार और दुकानों को पूर्वाह्न 11 बजे से शाम 5 बजे तक खोलने की अनुमति दी जा सकती है।
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