नई दिल्ली। कच्चे तेल के दाम में आई जोरदार तेजी के कारण डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल सोमवार को एक बार फिर मंद पड़ गई। डॉलर के मुकाबले रुपये में तकरीबन एक फीसदी की कमजोरी आई, जो कि देसी करेंसी में दो अगस्त के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। शुरूआती गिरावट के बाद थोड़ी रिकवरी के साथ डॉलर के मुकाबले रुपया 63 पैसे यानी 0.88 फीसदी की कमजोरी के साथ 71.54 रुपये प्रति डॉलर पर बना हुआ था।
इससे पहले देसी करेंसी सोमवार को पिछले सत्र के मुकाबले 70 पैसे की गिरावट के साथ 71.62 रुपए प्रति डॉलर पर खुली। पिछले सत्र में शुक्रवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 70.92 पर बंद हुआ था। एजेंल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (एनर्जी व करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने कहा कि रुपये में कमजोरी की मुख्य वजह कच्चे तेल में आई जोरदार तेजी है। उन्होंने कहा कि तेल उत्पादक और निर्यातक देशों के समूह ओपेक में सबसे बड़े उत्पादक देश सऊदी अरब की तेल कंपनी सऊदी अरामको के संयंत्रों पर पिछले सप्ताह हुए हमले से तेल की आपूर्ति बाधित होने की आशंका से कीमतों में जबरदस्त तेजी आई है क्योंकि तेल की आपूर्ति में इसका पांच फीसदी योगदान है। उन्होंने बताया कि भारत सऊदी से काफी मात्रा में तेल खरीदता है।
मालूम हो कि भारत तेल की अपनी 80 फीसदी से ज्यादा जरूरतों की पूर्ति आयात से करता है। लिहाजा, तेल के दाम में वृद्धि होने से अधिक डॉलर की जरूरत होती है, जिसके चलते डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल मंद पड़ जाती है। गुप्ता ने कहा कि इससे पहले दो अगस्त को डॉलर के मुकाबले रुपये में 1.63 फीसदी की गिरावट आई थी जिसके बाद की सबसे बड़ी गिरावट आज ही आई है।