Tuesday, December 16, 2025
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Budget 2025:गारमेंट एक्सपोर्टर्स ने बजट में टैक्स इन्सेन्टिव्स देने की मांग की, बताया- क्या होगा फायदा?

केंद्रीय बजट 2025 की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ ही, अधिकांश उद्योग निकाय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पर्याप्त राहत की मांग कर रहे हैं।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jan 04, 2025 05:31 pm IST, Updated : Jan 20, 2025 04:09 pm IST
Finance Minister Nirmala Sitharaman- India TV Paisa
Photo:PTI वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार, 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी। आम बजट की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। बजट से राहत मिलने को लेकर उद्योग जगत की काफी उम्मीदें हैं। हर कोई अपनी मांग को वित्त मंत्री के सामने रख रहा है। वित्त मंत्री उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से बारी-बारी कर मिल भी रही हैं और उनके सुझाव ले रही हैं। अब गारमेंट उद्योग के कारोबारियों ने वित्त मंत्री से अगाीम बजट में इस सेक्टर के लिए टैक्स इन्सेन्टिव्स देने की मांग की है। गारमेंट एक्सपोर्टर्स (परिधान निर्यातकों) के संगठन एईपीसी ने शनिवार को सरकार से आगामी आम बजट में कर प्रोत्साहन (टैक्स इन्सेन्टिव्स) की घोषणा करने का आग्रह किया। इसमें परिधान मशीनरी पर आयात शुल्क कटौती और सीमा शुल्क छूट का दावा करने के लिए एमएसएमई को 45 दिनों के भीतर भुगतान की आवश्यकता वाले प्रावधान को हटाना शामिल है। उद्योग से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि अगर हमारी मांगे मांगी जाती है तो निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी। 

निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी

परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) ने यह भी अनुरोध किया कि बजट में पांच प्रतिशत की ब्याज समानीकरण दर की घोषणा की जाए। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को संसद में बजट पेश करेंगी। परिषद ने नई परिधान इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए रियायती कर दर का विस्तार, आईजीसीआर (रियायती दर पर माल का आयात) के तहत ट्रिम्स और अलंकरण के आयात की प्रक्रिया में सरलीकरण और ई-कॉमर्स निर्यात प्रक्रियाओं को उदार बनाने की बात भी कही। एक बयान में कहा गया कि रेडीमेड गारमेंट (आरएमजी) उद्योग ने आगामी बजट में आईटी अधिनियम की धारा 43बी (एच) को हटाने की भी मांग की है, जो किसी भी एमएसएमई कंपनियों को कर में किसी भी कटौती का दावा करने के लिए अधिकतम 45 दिनों के भीतर भुगतान से संबंधित है। बयान के मुताबिक इससे कर देनदारियां बढ़ गई हैं और निर्यातकों के लिए नकदी प्रवाह बाधित हुआ है। 

आयकर रिटर्न फॉर्म को सरल बनाने का सुझाव 

चार्टर्ड एकाउंटेंट की शीर्ष संस्था आईसीएआई ने जलवायु परिवर्तन रोकथाम रणनीतियों को बढ़ावा देने के लिए कर लाभ और आयकर रिटर्न फॉर्म में शेयरों और प्रतिभूतियों से आय के लिए एक अलग खंड की मांग की है। इसके अलावा, भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) ने साझेदार फर्मों और सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) के लिए एक विशेष कर व्यवस्था के साथ ही आयकर रिटर्न फॉर्म को सरल बनाने का भी सुझाव दिया है। संस्थान ने बजट से पहले दिये अपने सुझाव में आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और पर्यावरणीय अनुकूल उपायों को प्रोत्साहित करने के लिए विवेकपूर्ण कर सुधारों की वकालत की है। अन्य सुझावों के अलावा, आईसीएआई ने शेयरों और सिक्योरिटीज से आय दिखाने के लिए एक नये खंड का प्रस्ताव दिया है, जिसमें लाभांश, ब्याज या पूंजीगत लाभ से हुई आय के संबंध में कर देनदारी के प्रावधान होंगे। संस्थान ने ई-फाइलिंग व्यवस्था में आय रिटर्न को दोषपूर्ण मानने के लिए शर्तों को तर्कसंगत बनाने और दोषपूर्ण रिटर्न को अमान्य मानने से पहले सुनवाई का मौका देने का सुझाव भी दिया है।

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