Tuesday, April 23, 2024
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कंफ्यूजन ही कंफ्यूजन है... 2,000 के नोट बदलने का सॉल्यूशन पता नहीं? यहां जानें सबकुछ

Bank Branches on First Day: 2016 में 500 और 1,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने के बाद बैंकों के बाहर मची अफरातफरी जैसी स्थिति इस बार नहीं देखने को मिली, सिवाय कंफ्यूजन के। आइए सॉल्यूशन जानते हैं।

Vikash Tiwary Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: May 24, 2023 9:35 IST
Confusion of Rs 2,000 Note Exchange- India TV Paisa
Photo:FILE Confusion of Rs 2,000 Note Exchange

Confusion of Rs 2,000 Note Exchange: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 2,000 रुपये के नोट बदलने के पहले दिन बैंकों की शाखाओं में पहचान पत्र और फॉर्म की जरूरत को लेकर असमंजस की स्थिति देखी गई। हालांकि, अधिकांश बैंक शाखाओं में नोट बदलने को लेकर अधिक भीड़भाड़ नहीं रही लेकिन इसके लिए फॉर्म भरने और पहचान पत्र की जरूरत को लेकर बैंक अधिकारियों और ग्राहकों के बीच तकरार की स्थिति जरूर पैदा हुई। कुछ लोगों ने कहा कि बैंकों ने नोट बदलने की जगह उन्हें खातों में जमा करने का दबाव बनाया और उनसे पहचान पत्र भी मांगा, जबकि मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि इसकी कोई जरूरत नहीं है। वाणिज्यिक बैंकों की शाखाओं पर हालांकि सुबह ज्यादा भीड़ नहीं थी, लेकिन बाद में कतारें दिखाई देने लगीं। इस दौरान बुजुर्ग लोगों के बीच खासतौर से चिंता देखने को मिली। कई ग्राहकों ने इस प्रक्रिया को लेकर असंतोष भी जताया। 

रिजर्व बैंक का है आदेश

रिजर्व बैंक ने गत शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने का ऐलान करते हुए कहा था कि 2,000 मूल्य के ये नोट 23 मई से 30 सितंबर तक बैंकों में जाकर जमा किए जा सकते हैं या उन्हें बदलकर कम मूल्य के नोट भी लिए जा सकते हैं। इसके लिए रिजर्व बैंक ने पहचानपत्र दिखाने या जमा फॉर्म भरने की जरूरत से भी इनकार किया है। इसके बावजूद कुछ बैंकों ने इलेक्ट्रॉनिक विवरण दर्ज करने के बाद ही नोट बदले जबकि कुछ बैंकों में ग्राहकों से अपना नाम और मोबाइल नंबर एक रजिस्टर में दर्ज करने को कहा गया। वहीं कुछ जगहों पर ग्राहकों ने पैन या आधार कार्ड की मांग रखने की शिकायत भी की। दिल्ली में भीषण गर्मी ने स्थिति को और खराब कर दिया। खासतौर से बुजुर्गों को परेशानी हुई और उन्होंने बैंक शाखाओं में लंबा इंतजार करने की शिकायत की। 

2016 की नोटबंदी जैसा नहीं है नजारा

हालांकि नवंबर, 2016 में 500 और 1,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने के बाद बैंकों के बाहर मची अफरातफरी जैसी स्थिति इस बार नहीं देखने को मिली। लेकिन सभी बैंकों में नोट बदलने से जुड़े प्रावधानों को लेकर एकरूपता नहीं होने से असमंजस जरूर रहा। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अपनी शाखाओं को भेजी गई आधिकारिक सूचना में कहा है कि 2,000 रुपये के नोट जमा या बदलते समय किसी भी फॉर्म या पर्ची को भरने की जरूरत नहीं होगी। वहीं कोटक महिंद्रा और एचएसबीसी जैसे निजी बैंकों ने कहा कि वे गैर-खाताधारकों से फॉर्म भरने या पहचान पत्र देने को कह रहे हैं। लेकिन एक्सिस बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, यस बैंक, केनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने किसी भी तरह के फॉर्म या पहचान पत्र की मांग नहीं की। बैंक ऑफ बड़ोदा गैर-खाताधारकों से पहचानपत्र मांग रहा है जबकि आईसीआईसी बैंक और एचडीएफसी बैंक ने सभी ग्राहकों से फॉर्म भरने को कहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नोट बदलने के लिए चार महीने की मोहलत होने से अधिक भीड़भाड़ नहीं देखने को मिली। वहीं नोट को जमा करने की कवायद सामान्य गति से चलती रही।

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