
गुजरात सरकार ने शनिवार को हीरा उद्योग के लिए एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा की, जिसके तहत श्रमिकों के बच्चों को एक साल की स्कूल फीस और पॉलिश इकाइयों को पूंजी पर ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने 'हीरा नगरी' सूरत में यह घोषणा की, जहां दुनिया के 90 फीसदी हीरे तराशे और पॉलिश किए जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय कारकों के चलते हीरा उद्योग मंदी की चपेट में है। विशेष पैकेज के तहत सरकार प्रभावित हीरा श्रमिकों के बच्चों की एक साल की स्कूल फीस देगी। पॉलिश करने वाली इकाइयों को एक साल के लिए बिजली शुल्क से छूट मिलेगी।
पैकेज की मुख्य बातें:
- श्रमिकों के बच्चों की स्कूल फीस सरकार देगी, प्रति छात्र अधिकतम ₹13,500 सालाना तक।
- पॉलिशिंग यूनिट्स को एक साल के लिए बिजली शुल्क से छूट दी जाएगी।
- ₹5 लाख तक की पूंजी पर तीन साल तक ब्याज सब्सिडी मिलेगी।
तीन साल के लिए ब्याज सब्सिडी मिलेगी
साथ ही सरकार पांच लाख रुपये की पूंजी पर तीन साल के लिए ब्याज सब्सिडी देगी। संघवी ने पैकेज को राज्य में हीरा श्रमिकों और पॉलिश करने वाली इकाइयों को वित्तीय राहत देने और उद्योग की स्थिरता बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उद्योग के एक अंदरूनी सूत्र ने पिछले साल पीटीआई-भाषा को बताया था कि सूरत में लगभग 4,000 पॉलिश और प्रसंस्करण इकाइयों में लगभग 10 लाख लोग काम करते हैं।
स्कूल की पूरी फीस दी जाएगी
संघवी ने कहा कि स्कूल की पूरी फीस दी जाएगी, हालांकि यह प्रति छात्र सालाना अधिकतम 13,500 रुपये होगी। मंत्री ने कहा कि 31 मार्च, 2024 के बाद अपनी नौकरी गंवाने वाले हीरा उद्योग के श्रमिक इस सहायता के लिए पात्र होंगे। उन्होंने कहा कि पात्र होने के लिए, श्रमिकों की आयु 21 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और उन्हें हीरा कारखाने में काम करने का कम से कम तीन साल का अनुभव होना चाहिए।