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अनिल अंबानी ग्रुप पर ED की बड़ी कार्रवाई, 3084 करोड़ की 40 से ज्यादा प्रॉपर्टी जब्त की

अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एजेंसी ने ग्रुप से जुड़ी 40 से ज्यादा संपत्तियों को अस्थायी तौर पर अटैच कर लिया है, जिनकी कुल कीमत करीब 3084 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

Written By : Atul Bhatia Edited By : Shivendra Singh Published : Nov 03, 2025 08:58 am IST, Updated : Nov 03, 2025 08:58 am IST
ED ने अनिल अंबानी ग्रुप...- India TV Paisa
Photo:ANI ED ने अनिल अंबानी ग्रुप से जुड़ी 3084 करोड़ की संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी की रिलायंस ग्रुप से जुड़ी करीब 3084 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी तौर पर जब्त कर लिया है। ये कार्रवाई 31 अक्टूबर 2025 को PMLA कानून के तहत की गई। जिन संपत्तियों को अटैच किया गया है उनमें मुंबई के बांद्रा स्थित पाली हिल वाला घर और दिल्ली का रिलायंस सेंटर है। इसके अलावा, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई, कांचीपुरम और ईस्ट गोदावरी में कई जमीन, ऑफिस और फ्लैट को भी अटैच किया गया है।

क्या है मामला?

ईडी की जांच के मुताबिक, रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) ने जनता और बैंकों से लिए गए पैसे को गलत तरीके से इस्तेमाल किया। 2017–2019 के बीच यस बैंक ने RHFL में लगभग 2965 करोड़ रुपये और RCFL में 2045 करोड़ रुपये निवेश किए थे। बाद में ये निवेश डूब गए और दोनों कंपनियों पर हजारों करोड़ की बकाया रकम रह गई। ईडी जांच में सामने आया कि सेबी के नियमों के खिलाफ, म्यूचुअल फंड के जरिए जनता का पैसा अप्रत्यक्ष रूप से रिलायंस ग्रुप कंपनियों को पहुंचाया गया। यस बैंक के जरिए पैसा घुमाकर इन कंपनियों में लगाया गया।

ED का आरोप

  • कंपनियों ने लिए गए कॉर्पोरेट लोन को अपनी ही ग्रुप कंपनियों को भेज दिया
  • कई लोन बिना सही डॉक्यूमेंट, बिना जांच और एक ही दिन में मंजूर किए गए
  • कुछ मामलों में पैसा लोन सैंक्शन होने से पहले ही दे दिया गया
  • कई उधारकर्ता कमजोर वित्तीय स्थिति वाले थे
  • लोन का इस्तेमाल बताए गए मकसद के लिए नहीं हुआ

ED का दावा है कि ये सब प्लानिंग के साथ किया गया और बड़े पैमाने पर फंड डायवर्जन हुआ।

रिलायंस कम्युनिकेशंस केस में भी जांच तेज

रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) केस में भी ईडी ने कार्रवाई तेज कर दी है। आरोप है कि कंपनियों ने 13,600 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम का गलत इस्तेमाल किया, जिसमें बड़ी रकम ग्रुप कंपनियों को भेजी गई और फर्जी तरीके से लोन बनाए रखे गए। ऐसे में ईडी का कहना है कि इस कार्रवाई से पब्लिक फंड की रिकवरी में मदद मिलेगी, क्योंकि ये पैसा आम जनता का है।

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