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UAE से बेतहाशा सोना-चांदी खरीद रहा भारत, 210% बढ़ा आयात, आखिर क्या है वजह?

भारत असीमित मात्रा में चांदी के आयात पर सात प्रतिशत शुल्क या सीमा शुल्क रियायतें और 160 मीट्रिक टन सोने पर एक प्रतिशत रियायत देता है। सीईपीए पर फरवरी 2022 में हस्ताक्षर किए गए और मई 2022 में इसे लागू किया गया।

Edited By: Pawan Jayaswal
Published : Jun 17, 2024 14:58 IST, Updated : Jun 17, 2024 14:58 IST
सोने चांदी का आयात- India TV Paisa
Photo:FILE सोने चांदी का आयात

भारत का अपने मुक्त व्यापार समझौता (FTA) साझेदार संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से सोने और चांदी का आयात 2023-24 में 210 प्रतिशत बढ़कर 10.7 अरब डॉलर हो गया है। इस उछाल को कम करने के लिए समझौते के तहत रियायती सीमा शुल्क दरों में संभावित रूप से संशोधन करने की आवश्यकता है। आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के अनुसार, सोने और चांदी के आयात में यह तीव्र वृद्धि मुख्य रूप से भारत-संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के तहत भारत द्वारा यूएई को दी गई आयात शुल्क रियायतों से मुमकीन हो पाई है।

चांदी के आयात पर 7% शुल्क

जीटीआरआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत असीमित मात्रा में चांदी के आयात पर सात प्रतिशत शुल्क या सीमा शुल्क रियायतें और 160 मीट्रिक टन सोने पर एक प्रतिशत रियायत देता है। सीईपीए पर फरवरी 2022 में हस्ताक्षर किए गए और मई 2022 में इसे लागू किया गया। इसके अतिरिक्त भारत गिफ्ट सिटी में इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (आईआईबीएक्स) के जरिए निजी कंपनियों को यूएई से आयात करने की अनुमति देकर सोने और चांदी के आयात की सुविधा देता है। पहले केवल अधिकृत एजेंसियां ​​ही ऐसे आयातों को संभाल सकती थीं।

210% बढ़ा सोने-चांदी का आयात

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘भारत का यूएई से कुल आयात वित्त वर्ष 2022-23 में 53.2 अरब अमरीकी डॉलर से 9.8 प्रतिशत घटकर वित्त वर्ष 2023-24 में 48 अरब अमरीकी डॉलर हो गया। जबकि सोने तथा चांदी का आयात 210 प्रतिशत बढ़कर 3.5 अरब अमरीकी डॉलर से 10.7 अरब अमरीकी डॉलर हो गया। शेष सभी उत्पादों का आयात वित्त वर्ष 2022-23 में 49.7 अरब अमरीकी डॉलर से 25 प्रतिशत घटकर वित्त वर्ष 2023-24 में 37.3 अरब अमरीकी डॉलर हो गया।’’

जूलरी पर 15% आयात शुल्क सही नहीं

जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि यूएई से सोने और चांदी का मौजूदा आयात टिकाऊ नहीं है, क्योंकि यूएई सोने या चांदी का खनन नहीं करता है या आयात में पर्याप्त मूल्य नहीं जोड़ता है। श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘भारत में सोने, चांदी और आभूषणों पर 15 प्रतिशत का उच्च आयात शुल्क समस्या की जड़ है। शुल्क को घटाकर पांच प्रतिशत करने पर विचार करें। इससे बड़े पैमाने पर तस्करी और अन्य दुरुपयोग में कमी आएगी।’’ उन्होंने कहा कि भारत में सोने, चांदी और हीरे के व्यापार का दुरुपयोग होने की संभावना है, क्योंकि इनकी मात्रा कम है, लेकिन कीमत अधिक है और आयात शुल्क भी अधिक है। श्रीवास्तव ने कहा कि सोने, चांदी के कम शुल्क आयात से केवल कुछ आयातकों को ही लाभ होता है, जो ‘टैरिफ आर्बिट्रेज’ के जरिए होने वाले सभी मुनाफे को अपने पास रख लेते हैं और इसे कभी भी उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाते।

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