Saturday, December 14, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. भारत ने जुलाई में चीन को इस मामले में छोड़ा पीछे, मिला ये तमगा, रूस से जुड़ा है कनेक्शन

भारत ने जुलाई में चीन को इस मामले में छोड़ा पीछे, मिला ये तमगा, रूस से जुड़ा है कनेक्शन

जुलाई में भारत के कुल आयात में रूसी कच्चे तेल का रिकॉर्ड 44 प्रतिशत हिस्सा रहा। यह बढ़कर रिकॉर्ड 2.07 मिलियन बैरल प्रति दिन हो गया। यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू करने के बाद से रूस के साथ भारत का व्यापार बढ़ा है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Aug 22, 2024 17:40 IST, Updated : Aug 22, 2024 17:40 IST
जुलाई में मध्य पूर्व से भारत की कच्चे तेल की खरीद में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।- India TV Paisa
Photo:FILE जुलाई में मध्य पूर्व से भारत की कच्चे तेल की खरीद में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।

रूस से कच्चा तेल आयात करने के मामले में भारत ने जुलाई 2024 में चीन को पीछे छोड़ दिया। इस तरह, जुलाई में भारत रूसी तेल का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक देश बन गया। आयात डेटा की तुलना से पता चला कि चीनी रिफाइनर ईंधन उत्पादन से कम लाभ मार्जिन के कारण कम खरीद कर रहे थे। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, जुलाई में भारत के कुल आयात में रूसी कच्चे तेल का रिकॉर्ड 44 प्रतिशत हिस्सा रहा। यह बढ़कर रिकॉर्ड 2.07 मिलियन बैरल प्रति दिन हो गया। खबर के मुताबिक, व्यापार और उद्योग स्रोतों से भारतीय शिपमेंट के डेटा से पता चला कि जून की तुलना में यह 4.2 प्रतिशत ज्यादा है और एक साल पहले की तुलना में 12 प्रतिशत ज्यादा है।

भारतीय रिफाइनर रूसी तेल पर खूब जोर दे रहे

भारत का रूस से तेल आयात चीन के जुलाई में रूस से पाइपलाइनों और शिपमेंट के माध्यम से 1.76 मिलियन बैरल प्रति दिन के तेल आयात से आगे निकल गया। पश्चिमी देशों द्वारा मास्को के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जाने और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के जवाब में अपनी ऊर्जा खरीद को कम करने के बाद भारतीय रिफाइनर छूट पर बेचे जाने वाले रूसी तेल पर खूब ज़ोर दे रहे हैं। खबर में एक भारतीय रिफाइनिंग सूत्र के हवाले से कहा गया है कि जब तक प्रतिबंधों में और सख्ती नहीं की जाती, तब तक रूसी तेल के लिए भारत की जरूरत बढ़ती रहेगी।

युद्ध के बाद रूस के साथ भारत का व्यापार बढ़ा

फरवरी 2022 में रूस की तरफ से यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू करने के बाद से रूस के साथ भारत का व्यापार बढ़ा है। तेल और उर्वरक आयात के चलते कारोबार तेज हुआ है। यह कदम वैश्विक कीमतों पर अंकुश लगाने और महंगाई को कंट्रोल करने में मदद करता है। भारत की बढ़ती खरीद से पारंपरिक चीनी खरीदारों से दक्षिण एशिया में रूसी ईएसपीओ ब्लेंड कच्चे तेल का फ्लो बदल रहा है। डेटा के मुताबिक, जुलाई में भारत में ईएसपीओ आयात बढ़कर 188,000 बैरल प्रति दिन हो गया।

इराक भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल सप्लायर बना रहा

 उत्तर-पूर्व चीन में रिफाइनर आमतौर पर अपनी निकटता के कारण सबसे बड़े ईएसपीओ खरीदार होते हैं, लेकिन ईंधन की कम मांग के कारण उनकी मांग में गिरावट आई है। पिछले महीने इराक भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल सप्लायर बना रहा, उसके बाद सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का स्थान रहा। डेटा से पता चलता है कि जुलाई में मध्य पूर्व से भारत की कच्चे तेल की खरीद में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इसके साथ ही भारत के कुल मिश्रण में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी जून में 38 प्रतिशत से बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement