Friday, December 05, 2025
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अमेरिका के 50% टैरिफ के बीच भारत कपड़ा निर्यात बढ़ाने के लिए 40 देशों में चलाएगा खास अभियान, जानें स्ट्रैटेजी

भारत पहले से ही 220 से अधिक देशों को वस्त्र निर्यात करता है, लेकिन इन 40 देशों में असली अवसर हैं। यहां करीब 590 अरब डॉलर का वस्त्र और परिधान आयात होता है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Aug 27, 2025 03:34 pm IST, Updated : Aug 27, 2025 11:41 pm IST
वस्त्र और परिधान क्षेत्र का आकार वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 179 अरब डॉलर का अनुमान है।- India TV Paisa
Photo:PIXABAY वस्त्र और परिधान क्षेत्र का आकार वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 179 अरब डॉलर का अनुमान है।

अमेरिका की तरफ से भारतीय उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद, भारत ने कपड़ा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ब्रिटेन, जापान, दक्षिण कोरिया समेत 40 प्रमुख देशों में विशेष प्रचार अभियान चलाने की योजना बनाई है। यह जानकारी एक अधिकारी ने बुधवार को दी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, इन 40 देशों में जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्पेन, नीदरलैंड, पोलैंड, कनाडा, मेक्सिको, रूस, बेल्जियम, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया जैसे महत्वपूर्ण बाजार भी शामिल हैं। अधिकारी का कहना है कि भारत इन बाजारों में एक रणनीतिक योजना के तहत काम करेगा, जिसमें भारतीय उद्योग समूह, एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल और देश के मिशन की अहम भूमिका रहेगी। 

इन 40 देशों में असली अवसर 

खबर के मुताबिक, इस पहल का मकसद भारत को गुणवत्ता, स्थिरता और नवीनता वाले कपड़ा उत्पादों का भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करना है। भारत पहले से ही 220 से अधिक देशों को वस्त्र निर्यात करता है, लेकिन इन 40 देशों में असली अवसर हैं, जहां कुल मिलाकर लगभग 590 अरब डॉलर का वस्त्र और परिधान आयात होता है। भारत की वर्तमान बाजार हिस्सेदारी मात्र 5-6% है, जिसे बढ़ाने का लक्ष्य है।

48 अरब डॉलर से अधिक के निर्यात प्रभावित होंगे

सरकार इन बाजारों में परंपरागत और नए दोनों तरह के क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रही है ताकि निर्यात को व्यापक रूप से बढ़ावा दिया जा सके। अमेरिका द्वारा 27 अगस्त से लागू 50% टैरिफ के कारण भारत के 48 अरब डॉलर से अधिक के निर्यात प्रभावित होंगे। खास तौर पर कपड़ा, रत्न-आभूषण, झींगा, चमड़ा और फुटवियर, पशु उत्पाद, रसायन, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल मशीनरी क्षेत्र इससे भारी प्रभावित होंगे। 

वस्त्र और परिधान क्षेत्र का आकार वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 179 अरब डॉलर का अनुमान है, जिसमें 142 अरब डॉलर घरेलू बाजार और 37 अरब डॉलर निर्यात है। विश्व स्तर पर इस क्षेत्र का आयात बाजार 800.77 अरब डॉलर का है। भारत विश्व व्यापार में 4.1% हिस्सेदारी के साथ छठा सबसे बड़ा निर्यातक है।

एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की होगी अहम भूमिका

अधिकारी ने बताया कि एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल भारत की इस रणनीति का अहम हिस्सा होंगी। ये काउंसिल बाजार की मांग को समझेंगी, प्रमुख उत्पादन केंद्रों जैसे सूरत, पानीपत, तिरुपुर, भदोही को लक्षित देशों से जोड़ेंगी, और अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों व प्रदर्शनों में भारत की भागीदारी को बढ़ावा देंगी। साथ ही ‘ब्रांड इंडिया’ के तहत विभिन्न सेक्टरों की मार्केटिंग भी करेंगी। ये काउंसिल फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (एफटीए) का उपयोग, स्थिरता मानकों का पालन और जरूरी सर्टिफिकेट हासिल करने में निर्यातकों की मदद करेंगी। एफटीए और कई देशों के साथ चल रही बातचीत से भारतीय निर्यात प्रतिस्पर्धी बनेगा और इस क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं।

कपड़ा क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित 

एप्पेयरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के सचिव जनरल मिथिलेश्वर ठाकुर ने कहा कि कपड़ा क्षेत्र, जिसका अमेरिका में निर्यात 10.3 अरब डॉलर का है, सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। 25% टैरिफ के बाद उद्योग इसे संभाल सकता था, लेकिन अतिरिक्त 25% टैरिफ ने कुल 50% कर दिया, जिससे भारतीय कपड़ा उद्योग अमेरिका के बाजार से लगभग बाहर हो गया है। ठाकुर ने बताया कि इस टैरिफ वृद्धि के कारण भारत को बांग्लादेश, वियतनाम, श्रीलंका, कंबोडिया और इंडोनेशिया जैसे प्रतिस्पर्धी देशों के मुकाबले 30-31% अधिक शुल्क का सामना करना पड़ रहा है।

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