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अडानी पोर्ट्स मामले में इंडियन ऑयल पर महुआ मोइत्रा के गंभीर आरोप, IOC ने दिया ये जवाब

तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा ने अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड के तहत संचालित गंगावरम बंदरगाह को किसी निविदा के बगैर ही आईओसी का एलपीजी आयात केंद्र बनाए जाने पर सवाल उठाए थे।

Sachin Chaturvedi Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: February 16, 2023 19:22 IST
Mahua Moitra- India TV Paisa
Photo:PTI Mahua Moitra

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने आंध्र प्रदेश के गंगावरम स्थित अडाणी समूह के बंदरगाह को एलपीजी के आयात के लिए साथ जोड़ने से संबंधित शुरुआती समझौते पर बृहस्पतिवार को स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि समूह के साथ उसका ‘लो-या-चुकाओ’ समझौता नहीं हुआ है। 

तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा ने अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड के तहत संचालित गंगावरम बंदरगाह को किसी निविदा के बगैर ही आईओसी का एलपीजी आयात केंद्र बनाए जाने पर सवाल उठाए थे। आईओसी ने मोइत्रा के इस आरोप पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के साथ ही अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड के इस बारे में समझौता ज्ञापन होने संबंधी बयान से अलग राय जाहिर करते हुए कहा कि उसने सिर्फ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। 

अडाणी पोर्ट्स ने अपने तिमाही नतीजों की घोषणा के बाद जारी एक बयान में कहा था, ‘‘गंगावरम बंदरगाह पर एलपीजी भंडारण सुविधा के निर्माण के लिए आईओसी के साथ ‘लो-या-चुकाओ’ समझौते को लेकर एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं।' 

मोइत्रा ने अडाणी समूह की कंपनी के इस बयान को ‘खुलेआम चोरी’ बताते हुए बुधवार को ट्विटर पर कहा था कि इसके लिए न तो कोई निविदा जारी की गई और न ही किसी सीवीसी मानक का पालन किया गया। उन्होंने अपने ट्वीट में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी और मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) को टैग करते हुए कहा था, ‘कारोबार को विजाग बंदरगाह से गंगावरम ले जाया जा रहा है। कोयला, गैस के बाद अब हरेक परिवार के चूल्हे से निकाला जा रहा है। शर्मनाक।’ 

इस आरोप पर आईओसी ने बृहस्पतिवार को कई ट्वीट के जरिये अपनी स्थिति साफ करने की कोशिश की। उसने कहा, ‘आईओसी ने एपीएसईजेड के साथ अभी तक सिर्फ एक गैर-बाध्यकारी एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। अभी कोई बाध्यकारी समझौता या ‘लो-या-चुकाओ’ समझौता नहीं हुआ है।’ इसके साथ ही सार्वजनिक की पेट्रोलियम कंपनी ने कहा कि वह एलपीजी के आयात के लिए किसी बंदरगाह को चुनते समय कोई निविदा नहीं जारी करती है। 

आईओसी ने कहा, ‘एलपीजी टर्मिनल की सेवाएं लेने के लिए तेल विपणन कंपनियां वाजिब लागत पर उपलब्ध ढांचागत सुविधाओं का मूल्यांकन करती हैं। इसके लिए अलग से कोई निविदा नहीं मंगाई जाती है।’ पेट्रोलियम कंपनी ने कहा कि वह कांडला, मुंद्रा, दाहेज, मुंबई, मंगलुरु, हल्दिया, विजाग और एन्नोर समेत कई बंदरगाहों पर एलपीजी का आयात करती है। 

इसके अलावा कोच्चि और पारादीप में भी एलपीजी आयात टर्मिनल बन रहे हैं जिनका इस्तेमाल आगे किया जाएगा। आईओसी ने कहा कि गंगावरम बंदरगाह पर बड़े जहाजों को एलपीजी उतारने की सुविधा होगी। इसके साथ विजाग बंदरगाह का भी इस्तेमाल जारी रहेगा।

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