
भारत में आईफोन बनाने के लिए एक और प्लांट रेडी हो गया है। कर्नाटक के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री एम बी पाटिल ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी फॉक्सकॉन की देवनहल्ली के सूचना प्रौद्योगिकी निवेश क्षेत्र (आईटीआईआर) में स्थित यूनिट परिचालन के लिए लगभग तैयार है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जून की शुरुआत में ही आईफोन की कमर्शियल सप्लाई शुरू हो जाएगी। फॉक्सकॉन कॉन्ट्रैक्ट पर आईफोन की मैन्यूफैक्चरिंग करती है।
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में मील का पत्थर
पाटिल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा, “यह सिर्फ मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में मील का पत्थर नहीं है, बल्कि यह एक रणनीतिक बदलाव को दर्शाता है। भू-राजनीतिक और टैरिफ का दबाव बढ़ने के साथ, भारत तेज़ी से एपल का पसंदीदा उत्पादन केंद्र बनता जा रहा है।” उन्होंने कहा कि यह विकास वैश्विक विनिर्माण में कर्नाटक की स्थिति को मजबूत करता है और हितधारकों के हितों से समझौता किए बिना अधिक विदेशी निवेश के लिए द्वार खोलता है।
अमेरिका में बेचे जाने वाले अधिकांश आईफोन भारत में बनेंगे
मंत्री ने कहा कि एपल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) टिम कुक ने पुष्टि की है कि जून तिमाही के लिए अमेरिका में बेचे जाने वाले अधिकांश आईफोन भारत में बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा, “एक कन्नड़ व्यक्ति के रूप में, यह मेरे लिए गर्व का क्षण है। मैसूरु से लेकर क्यूपर्टिनो तक, कर्नाटक वैश्विक सुर्खियां बटोर रहा है।” कंपनी ने बेंगलुरु ग्रामीण जिले के डोड्डाबल्लापुरा और देवनहल्ली तालुक में स्थित आईटीआईआर औद्योगिक क्षेत्र में 300 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है।
भारत में निवेश करता रहेगा एपल
आईफोन मेकर एपल ने भारत सरकार को आश्वस्त किया है कि देश के लिए उनकी निवेश योजनाओं में कोई बदलाव नहीं होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत में एपल की मैन्यूफैक्चरिंग प्रजेंस की सार्वजनिक आलोचना के बाद एपल का यह कमिटमेंट सामने आया है। एक रिपोर्ट में सरकारी सूत्र के हवाले से कहा गया कि भारत में एपल की निवेश योजनाओं में कोई बदलाव नहीं है और कंपनी ने भारत को एक प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग बेस के रूप में उपयोग करने के अपने कमिटमेंट के बारे में भारत सरकार को आश्वासन दिया है।