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RBI ने इस सरकारी और दो प्राइवेट बैंकों पर लगाया मोटा जुर्माना, आखिर क्यों लिया एक्शन?

तीनों बैंकों पर नियामकीय गाइडलाइंस को फॉलो न करने के लिए आरबीआई ने यह कदम उठाया है। बैंकों को अब मोटी राशि आरबीआई को चुकानी होगी।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Apr 17, 2025 19:34 IST, Updated : Apr 17, 2025 19:47 IST
केंद्रीय बैंक ने कहा कि दंड विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है।
Photo:PTI केंद्रीय बैंक ने कहा कि दंड विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है।

देश के केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को दिग्गज सरकारी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक यानी पीएनबी और प्राइवेट सेक्टर के कोटक महिंद्रा बैंक और आईडीएफसी बैंक पर जुर्माना लगाया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, आरबीआई ने कहा कि कोटक महिंद्रा बैंक पर 'बैंक लोन डिस्ट्रीब्यूशन के लिए लोन सिस्टम पर गाइडलाइंस' और 'लोन और एडवांस - लीगल और दूसरे प्रतिबंध' पर कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए 61. 4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बैंकों में ग्राहक सेवा पर आरबीआई द्वारा जारी कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए पंजाब नेशनल बैंक पर 29. 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक पर इतना जुर्माना

खबर के मुताबिक, एक दूसरे बयान में, आरबीआई ने कहा कि 'अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी)' के कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए आईडीएफसी फर्स्ट बैंक पर 38.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। तीनों मामलों में, केंद्रीय बैंक ने कहा कि दंड विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है तथा इसका उद्देश्य बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी लेनदेन या समझौते की वैधता पर फैसला देना नहीं है।

कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस कैंसिल

आरबीआई ने बीते तबुधवार को ही बताया था कि उसने अहमदाबाद स्थित 'कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक' का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है क्योंकि उसके पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। आरबीआई ने कहा कि गुजरात सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।

मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाया

 भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को 4.2 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी-फरवरी, 2025 के दौरान कुल 1.6 प्रतिशत अंक घटकर दिसंबर, 2024 के 5.2 प्रतिशत से फरवरी, 2025 में 3.6 प्रतिशत के निचले स्तर पर आ गई थी।

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