Highlights
- देश में साल भर में पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं में करीब 1.5 लाख लोगों की मौत होती है
- हादसों की फॉरेंसिक जांच के लिए एआई-आधारित ड्रोन एवं रोबोट का इस्तेमाल किया जा सकता है
- उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली को भारतीय राजमार्गों पर लगाया जा चुका है
नयी दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि भारत जैसे विकासशील देशों के लिए सड़क सुरक्षा एक चुनौती बनी हुई है और कृत्रिम मेधा (एआई) पर आधारित ड्रोन एवं रोबोट प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल सड़क हादसों की फॉरेंसिक जांच में किया जा सकता है।
गडकरी ने 'मशीन विजन एंड ऑगमेंटेड इंटेलिजेंस' पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यातायात प्रबंधन प्रणाली के साथ एआई-आधारित प्रौद्योगिकी के व्यापक एकीकरण की जरूरत है ताकि मानवीय दखल को दूर कर गलतियों की संभावना कम की जा सके।
गडकरी ने कहा, ‘‘सड़क सुरक्षा दुनियाभर में बड़ी चिंता का विषय है और भारत जैसे विकासशील देशों के लिए यह एक चुनौती बनी हुई है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार के लिए सड़क सुरक्षा प्राथमिकता में बहुत ऊपर है। इसकी वजह यह है कि देश में साल भर में पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं में करीब 1.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है।
गडकरी ने कहा, ‘‘इन सड़क हादसों की फॉरेंसिक जांच के लिए एआई-आधारित ड्रोन एवं रोबोट का इस्तेमाल किया जा सकता है।’’ गडकरी के मुताबिक, यातायात बाधित होने की स्थिति असंतुलित मांग एवं आपूर्ति गणनाओं से पैदा होती है। ऐसी स्थिति में एआई आधारित उपकरणों की मदद से यातायात के हालात की सटीक ढंग से जांच, विश्लेषण एवं पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली को भारतीय राजमार्गों पर लगाया जा चुका है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक सेंसर एवं एचडी कैमरों की मदद से एकीकृत आंकड़े संकलित किए जाते हैं।