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कब घटेगी महंगाई? अप्रैल आने से पहले भारत को लेकर हुई बड़ी भविष्यवाणी

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने एक अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को छह प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

Sachin Chaturvedi Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: March 27, 2023 14:18 IST
Indian Economy- India TV Paisa
Photo:FILE Indian Economy

महंगाई, युद्ध और आर्थिक मंदी के बीच आने वाले वित्त वर्ष के दौरान भारत की आर्थिक सेहत को लेकर पूर्वानुमान सामने आने लगे हैं। ये अनुमान इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि आगे आने वाला साल भारत के लिए चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। वैश्विक मंदी की आहट से अभी तक दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था रहे भारत के पहिए थमते दिख रहे हैं और ग्रोथ में गिरावट के अनुमान जताए जा रहे हैं। 

साख निर्धारण करने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने एक अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को छह प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। एजेंसी ने इसके अगले वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-26 में बढ़कर 6.9 प्रतिशत पर पहुंचने की उम्मीद भी जताई। 

महंगाई से मिलेगी राहत ?

एशिया-प्रशांत के लिए त्रैमासिक आर्थिक जानकारी को अद्यतन करते हुए एसएंडपी ने कहा कि मुद्रास्फीति दर चालू वित्त की 6.8 प्रतिशत से नरम होकर 2023-24 में पांच प्रतिशत पर होगी। वहीं, भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) चालू वित्त वर्ष (2022-23) में सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगा लेकिन 2023-24 में यह कम होकर छह प्रतिशत पर आ जाएगा। इसमें कहा गया, ‘‘2024-2026 में भारत की औसत वृद्धि दर सात प्रतिशत होगी।’’ 

2024 में तेज होगी तरक्की की स्पीड

इसके बाद, 2024-25 और 2025-26 में जीडीपी के 6.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, 2026-27 के लिए यह 7.1 प्रतिशत होगी। रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘भारत में अर्थव्यवस्था को परंपरागत रूप से घरेलू मांग प्रभावित करती रही है। हालांकि बाद में यह वैश्विक चक्र के प्रति अधिक संवदेनशील हो गई, जिसकी एक वजह जिसों के निर्यात में वृद्धि है। 

चीन का क्या होगा? 

अक्टूबर-दिसंबर 2022 में जीडीपी वृद्धि सालाना आधार पर धीमी पड़कर 4.4 प्रतिशत पर आ गई।’’ इसमें कहा गया, ‘‘भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति मार्च 2024 में खत्म होने वाले वित्त वर्ष में धीमी पड़कर पांच प्रतिशत रहनी चाहिए।’’ एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने एशिया-प्रशांत के लिए ‘‘सतर्कता के साथ सकारात्मक परिदृश्य’’ को कायम रखा और कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था इस वर्ष पुनरुद्धार की राह पर बढ़ रही है।

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