Monday, April 29, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. फायदे की खबर
  4. आप खुद भर सकते हैं अपना इनकम टैक्‍स रिटर्न, ये है फाइलिंग की स्‍टेप बाई स्‍टेप प्रक्रिया

आप खुद भर सकते हैं अपना इनकम टैक्‍स रिटर्न, ये है फाइलिंग की स्‍टेप बाई स्‍टेप प्रक्रिया

नौकरीपेशा लोगों के लिए इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल करने की तारीख अब नजदीक आ रही है। इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है।

Sachin Chaturvedi Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: June 28, 2016 10:37 IST
नई दिल्ली। नौकरीपेशा लोगों के लिए इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल करने की तारीख अब नजदीक आ रही है। वेतनभोगी कर्मचारियों व छोटे व्यवसायियों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। पूरी संभावना है कि आपको अपनी कंपनी के एचआर की ओर से फॉर्म 16 भी मिल चुका होगा। लेकिन वे लोग जिन्‍होंने इसी साल नौकरी की शुरूआत की है या पहली बार रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं, उनके सामने अब यही सवाल होगा कि अब आगे क्‍या करें। देखा जाए तो आज के समय में टैक्‍स रिटर्न फाइल करना कठिन काम नहीं है। ज्‍यादातर लोग चार्टेड अकाउंटेंट व टैक्स कंसल्टेंट की मदद लेते हैं, लेकिन इसके लिए आपको एक्‍स्‍ट्रा फीस चुकानी पड़ती है। इसके अलावा कई वेबसाइट्स भी हैं जहां पर आप थोड़ी सी फीस देकर आप अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं। लेकिन आप यदि चाहें तो सीधे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जाकर रिटर्न फाइल कर सकते हैं। यह बेहद आसान है, खासतौर पर ऐसे लोगों के लिए जिनकी आमदनी केवल तनख्वाह, बैंक का ब्याज या गृह संपत्ति से आती होगा। आज इंडिया टीवी पैसा की टीम अपने रीडर्स के लिए इनकम टैक्‍स फाइलिंग से जुड़ी स्‍टेप बाई स्‍टेप पूरी प्रक्रिया लेकर आई है। जिससे आपको रिटर्न फाइल के लिए न तो कहीं भटकना होगा और न ही एक्‍स्‍ट्रा पैसे खर्च करने होंगे।

यह भी पढ़ें- इनकम टैक्‍स रिटर्न भरना सबके लिए जरूरी, न भरने वालों को होगी जेल और देना होगा जुर्माना

रजिस्ट्रेशन

जिस तरह हम ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म पर ईमेल या अन्‍य सेवाओं के लिए रजिस्‍ट्रेशन करवाना होता है, यही प्रक्रिया इनकम टैक्‍स रिटर्न की शुरूआत में भी करना होता है। इसके लिए सबसे पहले आयकर विभाग की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। आप अपने पैन कार्ड के आधार पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इनकम टैक्स की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन रिटर्न फाइल करने के अलावा और भी कई काम आता है। इसकी मदद से आप अपने आईटीआर का स्टेटस जान सकते हैं। इसके अलावा रिफंड की जानकारी व आपके आईटीआर से संबंधित यदि आपको कोई नोटिस आता है तो उसकी भी जानकारी आपको इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट की साइट पर जाकर मिल जाएगा। खास बात यह है कि इन सभी सुविधाओं के लिए आपको पैसे भी खर्च करने की जरूरत नहीं होती। आयकर विभाग की वेबसाइट पर यह सुविधा निशुल्क है।

यह भी पढ़ें- Save Tax on Salary: सैलरी पर इनकम टैक्‍स बचाने के ये हैं तरीकें, आप भी जान लीजिए इन्‍हें

समझिए कि कौन सा फॉर्म आएगा आपके काम

इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट ने अलग अलग आय स्रोतों के आधार पर अलग अलग आईटीआर फॉर्म नोटिफाई किए हैं। अब आपका दूसरा कदम अपने लिए सही फार्म का चयन करना है। आप सही फार्म इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए हम यहां बता रहे हैं कि कितनी तरह के फॉर्म वेबसाइट पर उपलब्‍ध हैं।

आईटीआर-1 (सहज) : ये फॉर्म उनके लिए है जिनकी इनकम सेलरी, पेंशन या अन्य स्रोतों से है, जैसे कि बैंक से मिलने वाले ब्याज या घर किराए के रूप में है। यदि आप इस श्रेणी में आते हैं तो आप इस फार्म में अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

आईटीआर-2: यह फार्म उन लोगों के लिए मान्य है जिनकी इनकम सेलरी, एक से अधिक हाउस प्रापर्टी, कैपिटल गेन व अन्य स्रोतों जैसे लाटरी, क्रॉर्सवड पजल, घुडदौड़, गैंबलिंग इत्यादि से हुई हो या जिनके पास विदेशों में बैंक अकाउंट या संपत्ति है। जिन लोगों की आय बिजनेस या व्यवसाय से हो वह इस फार्म के जरिए रिटर्न नहीं भर सकते।

आईटीआर-2ए: यह फार्म उन लोगों के लिए मान्य है जिनकी इनकम सेलरी, एक से अधिक हाउस प्रापर्टी, दूसरे सोर्स जैसे लाटरी से आमदनी, क्रॉसवर्ड पजल, घुडदौड़, गैंबलिंग आदि से है किन्तु कैपिटल गेन से न हुई हो। जिनके पास विदेशों में बैंक अकाउंट या संपत्ति है या जिन व्यक्तियों की आय बिजनेस या व्यवसाय से हुई हो ऐसे लोग इस फार्म में अपना रिटर्न दाखिल नहीं कर सकते।

आईटीआर-3: यह फार्म उन व्यक्तियों के लिए है जो किसी पार्टनरशिप फर्म में पार्टनर हैं। ऐसे व्यक्ति जो कि पार्टनरशिप फर्म में पार्टनर होने के साथ-साथ अपना निजी व्यवसाय भी कर रहे हैं, वह इस फार्म का उपयोग नहीं कर सकते।

आईटीआर-4: ऐसे व्यक्ति जिनकी आमदनी किसी बिजनेस या प्रोफेशन से होती है। जैसे कि डाक्टर, इंजीनियर, चार्टेड अकाउंटेंट, वकील, बीमा एजेंट, म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर या छोटे दुकानदार इस फार्म में अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

आईटीआर-4एस: ऐसे व्यवसायी या व्यापारी जो अपना व्यापार खाता ठीक से नहीं रखते वह अपना रिटर्न इस फार्म में भर सकते है। यह एक सीमा के नीचे आमदनी वाले व्यापारियों के लिए ही संभव है।

सहेज कर रखें अपने अहम दस्‍तावेज

अपने दस्तावेज तैयार रखें आपको अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए फार्म 16 के साथ साथ फार्म 26एएस व बैंक स्टेटमेंट की भी जरूरत पड़ेगी। यदि आप वेतन भोगी कर्मचारी हैं तो आपके पास फार्म 16 होगा। यदि आप एक कंसलटेंट के रूप में काम कर रहे हैं या फिक्स्ड डिपाजिट से आपकी आमदनी हैं तो आपके पास फार्म 16 होगा। आपकी आमदनी पर जो टैक्स कटा है उसकी जानकारी आपको फार्म 26एस से भी मिल जाती है। आपको सेविंग बैंक खाते से कितना ब्याज मिला है इसकी जानकारी आपको बैंक पासबुक या स्टेटमेंट से मिल जाएगी।

यह भी पढ़ें- Tax-Free Income: इन 11 तरह से हुई कमाई पर नहीं लगता भारत में कोई इनकम टैक्स

फाइलिंग से पहले समझें टैक्स में छूट का लाभ

आयकर कानून की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत कुछ विशेष स्थितियों में आयकर में छूट का प्रावधान है। यदि आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं और आपने अपने निवेश की जानकारी अपने आफिस में दे दी थी तो आपके फार्म 16 में यह दर्ज हो गया होगा यदि आपने जानकारी नहीं दी थी तो आप रिटर्न भरते समय इसका लाभ ले सकते हैं। सेविंग बैंक व फिक्स्ड डिपाजिट पर मिलने वाला कुल ब्याज आपको अदर सोर्स में भरना होगा। सेविंग अकाउंट में 10,000 रपए तक के ब्याज पर टैक्स नहीं लगता इसलिए आप 80टीटीए के तहत सही स्थान पर इसकी जानकारी भरकर अपनी कुल आमदनी में से घटा सकते हैं।

आमदनी का संयोजन आयकर की धारा 64 के तहत आयकर कानून में परिवार के अन्य सदस्यों की इनकम को अपनी इनकम के साथ जोड़ने का प्रावधान है। उदहारण के तौर पर यदि आपने अपने पति या पत्नी के नाम पर कुछ पैसा निवेश किया है तो इस पर मिलने वाला ब्याज आपकी आमदनी में जुड़ जाएगा और आपको उस पर टैक्स देना होगा। यदि आपने अपने बच्चे के नाम पर कुछ पैसा निवेश किया है और उस पर मिलने वाला ब्याज 1500 रपए से अधिक है तो माता या पिता में से जिसकी आमदनी अधिक होगी यह राशि उसकी आमदनी में जोड़नी होगी।

यदि जरूरत हो तो टैक्स भरें यदि फार्म में सारी जानकारी भरने के बाद आपको अतिरिक्त टैक्स जमा करने की जरूरत पड़ती है तो आप आनलाइन चालान 280 भर कर अपना टैक्स भर सकते हैं। रिटर्न भरने के बाद आपको उसे इनकम टैक्स की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। इसके बाद आप अपने आधार नंबर या बैंक अकाउंट से लिंक करके इसका आनलाइन वेरिफिकेशन कर सकते हैं। अन्यथा आपको 120 दिन के भीतर अपना आईटीआर-वी फार्म दिए गए पते पर सीपीसी बेंगलुरू भेजना होगा।

यह भी पढ़ें- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पहली बार जारी किए डायरेक्ट टैक्स से संबंधित आंकड़े, बताया टैक्सपेयर्स की कुल संख्या

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। My Profit News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement