
भारत में आमतौर पर छोटे निवेशकों की पहली पंसद सोना है। इसकी वजह सोना एक सुरक्षित और जरूरत पर काम आने वाला निवेश है। सोने के अलावे लोग बैंक एफडी, पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीम आदि में निवेश करते हैं। वहीं, पिछले कुछ सालों से स्टॉक और म्यूचुअल फंड में निवेश भी तेजी से बढ़ा है। स्टॉक और म्यूचुअल फंड में निवेश बढ़ने की वजह एफडी के मुकाबले मिल रहा ज्यादा रिटर्न है। हालांकि, इन सब के बीच एक ऐसा निवेश माध्यम जो भारत में लीगल यानी वैध तो नहीं है लेकिन काफी संख्या में युवा निवेशक निवेश करते हैं, उसने रिटर्न देने के मामले में सभी एसेट क्लास को काफी पीछे छोड़ दिया है। हम बात रहे हैं बिटक्वाइन की। इस क्रिप्टोकरेंसी ने सभी को पीछे छोड़ते हुए छप्परफाड़ रिटर्न दिया है। आइए जानते हैं कैसे?
15 साल पहले 100 रुपये का निवेश आज 23 करोड़ हुआ
कॉइनमार्केटकैप के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में बिटकॉइन में 5.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और गुरुवार को यह अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर 111,861.22 डॉलर पर पहुंच गया। बिटकॉइन का कुल मार्केट कैप 2.2 खरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया। दिलचस्प बात यह है कि जुलाई 2010 में अपने सर्वकालिक निम्नतम स्तर $0.04865 से बिटकॉइन में 23,00,00,000 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी निवेशक ने 15 साल पहले बिटकॉइन में 100 रुपये का निवेश किया होता तो उसे 23 करोड़ रुपये मिलते। इसी तरह, 1,000 रुपये का निवेश 230 करोड़ रुपये हो जाता, जबकि डेढ़ दशक पहले इसी स्तर पर 1 लाख रुपये का निवेश उसे 23,000 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति के साथ अरबपतियों के क्लब में शामिल कर देता।
इतनी बड़ी रैली क्यों आई?
जानकारों का कहना है कि बिटकॉइन की तेजी कई कारकों के कारण है। एक प्रमुख कारक सोमवार को अमेरिकी सीनेट द्वारा एक विधेयक को आगे बढ़ाने के लिए किया गया मतदान है जो क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेटरी फ्रेमवर्क प्रदान करेगा। जेपी मॉर्गन चेस के सीईओ ने घोषणा की कि बैंक ग्राहकों को बिटकॉइन खरीदने की अनुमति देगा। इसके अलावा अमेरिका में जनवरी 2024 में स्पॉट बिटकॉइन ETF को मंजूरी मिली। इससे बड़ी-बड़ी फाइनेंशियल कंपनियां (जैसे BlackRock, Fidelity) अब सीधे बिटकॉइन में निवेश कर रही हैं। इससे बाजार में भरोसा बढ़ा है। इसके चलते बिटकॉइन में लागतार तेजी है।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी प्रकार के निवेश से पहले या वित्तीय जोखिम लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के जोखिम के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।