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Diwali Shopping: Gold ज्वेलरी पर डिस्काउंट के चक्कर में न खा जाएं धोखा! धनतेरस पर खरीदारी से पहले इन जरूरी बातों का रखें ध्यान

अखबारों के पन्ने बड़े बड़े विज्ञापनों से पटे पड़े हैं। इन्हें देखकर कई ग्राहक उत्साहित भी हैं। लेकिन इन छूटों के पीछे भी कुछ शर्तें होती हैं। ऐसे में शॉपिंग से पहले आपको इन्हें समझना बहुत जरूरी होता है।

Sachin Chaturvedi Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: October 21, 2022 13:08 IST
Diwali Shopping- India TV Paisa
Photo:FREEPIK Diwali Shopping

Highlights

  • आफर सोने की कीमत पर नहीं बल्कि इसकी बनवाई यानि मेकिंग चार्ज पर
  • मेकिंग चार्ज के अलावा कंपनियां रत्नों पर भी छूट देती हैं
  • आज के समय में कई कंपनियां वर्चुअल गोल्ड का ऑफर करती हैं

Diwali Shopping: दिवाली का त्योहार अब आ ही गया। धनतेरस को लेकर बाजार में चारों ओर रौनक है। धन और सौभाग्य का यह पर्व नई खरीदारी के लिए सबसे शुभ माना जाता है। धनतेरस के पर्व पर भारतीय परंपरागत रूप से सोना और चांदी की खरीदारी का प्रचलन है। दिवाली के बाद ही शादियों का सीजन भी शुरू होने जा रहा है। यही ध्यान में रखते हुए लोग धनतेरस पर ही शुभ खरीदारी करने की प्लानिंग करते हैं। इस दिन गहनों के साथ ही सोने चांदी के सिक्कों, बिस्किट और बार की खरीदारी सबसे अधिक होती है। 

कोरोना संकट के चलते बीती दिवाली कई सालों में सबसे अधिक नीरस रही। लेकिन इस बार बाजार पूरे जोश में है। कंज्यूमर प्रोडक्ट के साथ ही कई ज्वेलरी कंपनियां सोने की खरीदारी पर अच्छा खासा डिस्काउंट आफर कर रही हैं। अखबारों के पन्ने बड़े बड़े विज्ञापनों से पटे पड़े हैं। इन्हें देखकर कई ग्राहक उत्साहित भी हैं। लेकिन इन छूटों के पीछे भी कुछ शर्तें होती हैं। ऐसे में शॉपिंग से पहले आपको इन्हें समझना बहुत जरूरी होता है। 

यही ध्यान में रखते हुए इंडिया टीवी पैसा की टीम आपको बाजार में मिल रहे आफर्स के बारे में जरूरी बातें बताने जा रहा है। 

छूट मेकिंग चार्ज पर ज्वैलरी पर नहीं

आनलाइन वेबसाइट, अखबारों के विज्ञापनों या सड़कों के किनारे साइनेज पर इस समय ज्वैलरी कंपनियों के विज्ञापन खूब दिख जाएंगे। यहां 25 से 50 प्रतिशत के डिस्काउंट के लुभावने आफर दिए जाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि यह आफर सोने की कीमत पर नहीं बल्कि इसकी बनवाई यानि मेकिंग चार्ज पर होती है। ऐसे में यदि आप ज्वैलरी अपने शौक के लिए खरीद रहे हैं तो ठीक है, लेकिन यदि आप निवेश को ध्यान में रखकर सिक्के या गहने खरीद रहे हैं तो यह आपके लिए ज्यादा मुनाफे का सौदा नहीं है। 

रत्नों पर भी मिलती है छूट 

मेकिंग चार्ज के अलावा कंपनियां रत्नों पर भी छूट देती हैं। रत्नों की कीमत पत्थर की प्योरिटी पर भी तय होती है। ऐसे में यदि विज्ञापनों में आपको 25 या 50 फीसदी डिस्काउंट का आफर किया जाए तो यह धातु पर नहीं बल्कि इस पर जड़े रत्नों को लेकर होती है। 

कितना होता है मेकिंग चार्ज

मेकिंग चार्ज किसी भी ज्वैलरी की बनावट और शिल्प पर निर्भर करता है। सामान्यत: ज्वैलर्स सोने की कीमत का 6% से 14% मेकिंग चार्ज के रूप में वसूलती हैं। सामान्य डिजाइन की रिंग या ज्वैलरी में मेकिंग चार्ज कम होता है, लेकिन यदि आपके हार में महीन कशीदाकारी की गई है तो इसके लिए आपको ज्यादा मेकिंग चार्ज देना होता है। 

आइए ब्रेकअप से समझते हैं

मेकिंग चार्ज के इस गणित को एक उदाहरण से समझते हैं। हमने कल्याण ज्वैलर्स की एक 18 कैरेट की गोल्ड चेन का उदाहरण लिया है। कंपनी की वेबसाइट पर इसकी कीमत 23092 रुपये बताई जा रही है। कंपनी आफर के साथ इसे 18758 रुपये में पेश कर रही है। दरअसल यह डिस्काउंट इसकी मेकिंग चार्ज पर मिल रहा है। प्राइस ब्रेकअप की बात करें तो इसमें धातु यानि सोने की कीमत 14,005 रुपये है।  इसका मेकिंग चार्ज 8,414 रुपये की बजाए 50 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 4,207 रुपये और जीएसटी (3%) 546 रुपये है। यानि 14,005 की इस चेन पर आप 4750 रुपये मेकिंग चार्ज के रूप में देते है। 

बेचने पर क्या होता है

​जब आप सोने की ज्वैलरी बेचने जाते हैं तो यहां सौदा सिर्फ सोने की कीमत पर होता है। आप ज्वैलरी खरीदते वक्त जो मोटी राशि मेकिेंग चार्ज के रूप में अदा करते हैं बेचते समय उसे हटा दिया जाता है। इसके साथ ही बेचते वक्त आपको वेस्टेज चार्जेज भी हटाकर कीमत का भुगतान किया जाता है। ज्वैलरी बनाने के लिए सोने को मजबूती लाने के लिए सोने में दूसरी धातुओं की मिलावट की जाती है। सोने को गलाते वक्त यही धातुएं वेस्टेज के रूप में गिनी जाती हैं। 

बैंक वापस नहीं खरीदते सिक्के 

पुराने जमाने में हम सुनार से गिन्नियां खरीदते हैं। लेकिन इसमें कितना सोना है कितनी मिलावट, यह आप खरीदते समय नहीं बल्कि बेचते समय ही जान पाते थे। इसी मुश्किल को देखते हुए बैंक और पोस्ट आफिस भी सोने के सिक्के बेचते हैं। ये सिक्के एमएमटीसी या वर्ड गोल्ड काउंसिल से सर्टिफाइड होते हैं। लेकिन इन सिक्कों की बनावट और मेकिंग चार्ज के चलते अलग अलग बैंक में सिक्कों की कीमतों में भी अंतर होता है। यहां पेंच यह है कि बैंक सिर्फ सिक्के बेचते हैं वापस खरीदते नहीं है। आपको सिक्के बेचने के लिए खुले बाजार में जाना होता है, जहां इनकी शुद्धता के अनुसार सुनार पैसे बताता है, यहां भी आपको मेकिंग चार्ज का नुकसान झेलना होता है। 

आप क्या करें

गोल्ड ज्वैलरी का मेकिंग चार्ज एक अटल सत्य है। आप सिक्का खरीदें या गहना, आपको हर खरीद पर इसका भुगतान तो करना ही होगा। ऐसे में आपके पास ई गोल्ड एक अच्छा विकल्प है। आज के समय में कई कंपनियां वर्चुअल गोल्ड का आफर करती हैं। ये कंपनियां आपके निवेश किए पैसे से खालिस सोना खरीदते हैं। यह सोना आपका होता है, लेकिन आपको इन्हें सहेजना नहीं होता। ऐसे में सोने के चोरी होने या फिर इसके लिए लॉकर का खर्च आपको नहीं उठाना पड़ता। आप सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड, गोल्ड ईटीएफ या डिजिटल वॉलेट द्वारा दिए जा रहे ई गोल्ड के विकल्प का लाभ उठा सकते हैं। 

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