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Tax Saving Time: पिछले बजट की ये 6 बातें याद हैं? इस साल टैक्‍स बचाने में मिलेगी मदद

इंडिया टीवी पैसाबताने जा रहा है कि सरकार ने किन सेक्‍शंस में टैक्‍स छूट की सीमाओं में बढ़ोत्‍तरी कर दी है। इससे टैक्‍स कैल्‍कुलेट करने में आसानी होगी।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Updated on: January 28, 2016 7:44 IST
Tax Saving Time: पिछले बजट की ये 6 बातें याद हैं? इस साल टैक्‍स बचाने में मिलेगी मदद- India TV Paisa
Tax Saving Time: पिछले बजट की ये 6 बातें याद हैं? इस साल टैक्‍स बचाने में मिलेगी मदद

नई दिल्‍ली। फाइनेंशियल ईयर 2015-2016 के खत्‍म होने से पहले आपकी टैक्‍स की टेंशन भी बढ़ गई होंगी। हर साल की तरह आप इस साल भी अपनी टैक्‍स देनदारी बचाने के लिए इंश्‍योरेंस, एफडी, पीपीएफ, एनएससी जैसे दूसरे विकल्‍पों में निवेश की प्‍लानिंग कर रहे होंगे। लेकिन टैक्‍स बचाने की हड़बड़ी में सरकार द्वारा बढ़ाई गई एक्‍जेम्‍प्‍शन लिमिट के बारे में सोचना ही भूल जाते हैं, जो हमारा टैक्‍स बचाने में भी मददगार होते हैं। यही ध्‍यान में रखते हुए इंडिया टीवी पैसा की टीम बताने जा रही है उन आयकर के अलग अलग सेक्शन्स के अंतर्गत उन संशोधित सीमाओं के बारे में बता रहे है जिनके बारे में जानना आपके लिए जरूरी है।

Tax saving formula: टैक्‍स बचाने का सबसे आसान तरीका है हाउस रेंट अलाउंस

बढ़ गई है हैल्‍थ इंश्‍योरेंस की लिमिट

स्वयं, बच्चों के लिए और अपने पार्टनर के लिए दिए गए मेडिकल इंश्योरेंस का प्रीमियम पर इनकम टैक्स सेक्शन 80डी के तहत मिलने वाली छूट की लिमिट 15 हजार रुपए सालाना से बढ़कर 25 हजार रुपए सालाना कर दी गई है। अगर अपने माता पिता के मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम का भुगतान कर रहे हैं तो उस पर आप 30 हजार तक की कटौती की मांग कर सकते हैं। पहले आप आप केवल 20 हजार रुपए की क्लेम कर सकते थे। वरिष्ठ नागरिकों के मामले में जहां पहले 20 हजार रुपए सालाना की लिमिट थी अब वहां 30 हजार कर दी गई है।

यह भी पढ़ें: Save Your Tax: टैक्‍स सेविंग के लिए हड़बड़ी में न करें इन्‍वेस्‍टमेंट, छूट पाने के लिए ये भी हैं फायदेमंद रास्‍ते

एनपीएस में निवेश कर पा सकते हैं 50 हजार की छूट

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80 सीसीडी के सेक्शन-1बी के तहत अब आप नैशनल पेंशन स्कीम के अंतर्गत 50 हजार रुपए की अतिरिक्त कटौती की भी मांग कर सकते हैं। यह कटौती सेक्शन 80 सी के तहत मिलने वाली 1.5 लाख रुपए के अलावा है। अब सेक्शन 80 सी और 80सीसीडी (1बी) की कुल कटौती 2 लाख रुपए है।

डिपेंडेंट के मेडिकल खर्च की लिमिट 25 हजार बढ़ी

सेक्शन 80डीडी के तहत आप 75 हजार रुपए सालाना की कटौती की मांग कर सकते हैं उन मेडिकल खर्चों पर जो आप अपने डिपैंडेंट रिश्तेदार जो विक्लांग (40 फीसदी से ज्यादा और 80 फीसदी से कम) है। पिछले साल तक यह राशि 50 हजार रुपए सालाना थी। गंभीर विक्लांगता (80 फीसदी के ज्यादा) की स्थिति में आप 1.25 लाख रुपए सालाना की मांग कर सकते हैं। ये पिछले साल तक 1 लाख रुपए थी। कटौती की मांग करते वक्त आपको मेडिकल ऑथोरिटी की तरफ से मिले गए सर्टिफिकेट को पेश करना अनिवार्य होत है।

गंभीर बीमारी के खर्च पर अतिरिक्‍त छूट

वरिष्ठ नागरिकों पर किए गए मेडिकल खर्चे जिनमें डिमैंशिया, कैंसर, एड्स आदि जैसी बिमारी शामिल हैं उसपर सालाना 60,000 रुपए की कटौती को बढ़ाकर 80,000 कर दिया गया है। ये कर कटौती सेक्शन 80डीडीबी के तहत है।

विकलांगता पर मिलती है टैक्‍स राहत

व्यक्ति की विकलांगता के मामले में सेक्शन 80यू के तहत कटौती की लिमिट 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपए कर दी गई है। गंभीर विकल्गता के मामले में लिमिट को 1 लाख से बढ़ाकर 1.25 लाख कर दी गई है। ये उस स्थिति में संभव है जब करदाता खुद किसी भी तरह की विक्लांग्ता से पीड़ित हो।

पिछले साल से दोगुना हुआ रेंट अलाउंस

आपके नियोक्ता की ओर से दिए जाने वाले किराया भत्ता पर आप 1600 रुपए प्रति महीना की मांग कर सकते हैं। पिछले साल तक यह लिमिट 800 रुपए प्रति महीना थी। साथ ही अगर व्यक्ति नेत्रहीन या ऑर्थियोपेडिकली विकलांग हो उस स्थिति में आप 3200 रुपए प्रति महीना तक की मांग कर सकते हैं। यह लिमिट पिछले साल तक 1600 रुपए प्रति महीना थी।

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