लॉकडाउन में छूट के बाद बिजली और ईंधन की मांग में बढ़त दर्ज
कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज के ऐलान के बाद आज फिर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कॉन्फेंस कर इसके बारे में और जानकारी दे रही है।
प्रधानमंत्री के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने इंडिया टीवी पर कहा, '1991 में हमने इस ढांचे को बदला था उसी तरह से इस ढांचे को एक बार फिर से परख रहे हैं।'
कोरोना संकट के बीच RBI Governor शक्तिकांत दांस ने शुक्रवार को कई बड़े ऐलान किए, रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की।
वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि घट कर 4.1 प्रतिशत रहने का अनुमान
कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देश भर में जारी लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था को हर दिन करीब 4.64 अरब डॉलर का नुकसान होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते वित्त मंत्री की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन करने की घोषणा की थी, जो कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था पर पड़े रहे प्रतिकूल असर को कम करने के लिए उपायों को सुझाएगा।
वित्तीय क्षेत्र के लिए राहत उपायों के बारे में सीतारमण ने कहा कि सेबी नियमनों की सूची लेकर आया है जो बाजार को स्थिर रखेगा।
बार्कलेज ने 2020 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 5.6 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 6.5 प्रतिशत व्यक्त किया गया था।
तकनीकी रूप से यदि लगातार दो तिमाहियों में अर्थव्यवस्था का आकार घटता है, तो उसे मंदी कहा जाता है।
इससे पहले दक्षिण अफ्रीका वर्ष 2008-09 तथा उसके बाद 2018 में मंदी की चपेट में आया था।
इन 11 क्षेत्रों में रीयल एस्टेट, बिजली, वाहन एवं वाहन अनुषंगी, दूरसंचार तथा बुनियादी ढांचा समेत अन्य शामिल हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे से पहले भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी खबर आई है। भारत दुनिया की पांच बड़ी अर्थव्यवस्था में शामिल हो गया है।
सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए और राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है
जॉर्जीवा ने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2019 में अचानक सुस्ती का सामना किया है।
संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2019-20 में कुछ आंकड़े विकिपीडिया से भी लिए गए हैं। हालांकि विकिपीडिया को सूचना का विश्वसनीय स्रोत नहीं माना जाता है।
विश्व बैंक के उद्यमिता आंकड़ों के अनुसार गठित की गई नई कंपनियों की कुल संख्या के मामले में भारत तीसरे पायदान पर रहा है। वर्ष 2014 से भारत में नई कंपनियों के गठन में उल्लेखनीय तेजी देखी जा रही है।
आर्थिक समीक्षा 2019-20 में सुझाव दिया गया है कि यदि बिल्डर कुछ घाटा सहने को तैयार हों और फ्लैटों के दाम घटाएं तो वे इनको बेच सकते हैं।
भारत भ्रमण पर आने वाले विदेशियों की संख्या की वृद्धि दर जनवरी-अक्टूबर 2019 की अवधि में घट कर 2.7 प्रतिशत रही। आर्थिक समीक्षा के अनुसार यह गिरावट वैश्विक रुख के अनुरूप बतायी गयी है।
मोदी सरकार के आर्थिक सर्वे में माना गया है कि अर्थव्यवस्था संकट में है और इसे रफ्तार देने के लिए सरकार को नीतियां बदलने की जरूरत है।
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