सर्विस चार्ज पर अप्रैल में सरकार की तरफ से जारी निर्देशों के मुताबिक ग्राहक सर्विस चार्ज देने के लिए बाध्य नहीं हैं
उपभोक्ताओं को जून में उपभोग की गई क्रेडिट कार्ड, टेलीफोन या अन्य सर्विस के बिल भुगतान पर GST देना होगा। यदि जुलाई में इन सेवाओं का इन्वॉइस बनाया जाता है।
नए ऑर्डर मिलने से जून माह के दौरान सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में जोरदार उछाल आया है और इस क्षेत्र का PMI आंकड़ा 53.1 अंक पर पहुंच गया।
ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स और टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटने वाले 25 जून से जीएसटी नेटवर्क पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
GST के कार्यान्वयन के बाद रेलवे के एसी और फर्स्ट क्लास में यात्रा करना थोड़ा महंगा हो जाएगा। GST का कार्यान्वयन एक जुलाई से होने जा रहा है।
क्रेडिट कार्ड कंपनियों, बैंक और बीमा कंपनियों ने एक जुलाई से GST लागू होने के बाद अधिक टैक्स चुकाने को लेकर चेतावनी मैसेज भेजना शुरू कर दिया है।
मोदी सरकार 67,000 से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड्स की समीक्षा करने वाली है। इस लिस्ट में IAS और IPS ऑफिसर भी शामिल होंगे।
अगर कल समाप्त हो रही समयसीमा तक किसी कारण से जीएसटी नेटवर्क पर अपना पंजीकरण नहीं करा पाते हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है।
दूरसंचार नियामक TRAI इंटरनेशन सिम कार्ड व अंतरराष्ट्रीय कॉलिंग कार्ड कंपनियों के लिए कड़े नियमों की सिफारिश कर सकता है।
BSNL का अगले 12 महीनों में बाजार की 11 फीसदी हिस्सेदारी प्राप्त करने का लक्ष्य है। इसके अलावा कंपनी यूएसओएफ के साथ करार किया है।
मासिक आधार पर सेवा क्षेत्र के उत्पादन की निगरानी करने वाला निक्केई इंडिया का सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मई में बढ़कर 52.2 पर पहुंच गया।
GST को अगले महीने से लागू करने के लिए सरकार तैयार है। GST की दरें तय की जा चुकी हैं। अब सरकार बताएगी कि GST से कौन सी वस्तुएं सस्ती होंगी।
डिप्टी गवर्नर एस एस मूंदड़ा ने विभिन्न प्लेटफॉर्म के जरिये मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की तर्ज पर बैंक एकाउंट नंबर पोर्टेबिलिटी शुरू करने की वकालत की।
GST में TV, AC, वॉशिंग मशीन, फ्रीज और एरेटेड ड्रिंक्स जैसे उत्पाद महंगे होंगे, जबकि स्मार्टफोन, छोटी कारें तथा रोजमर्रा के इस्तेमाल के उत्पाद सस्ते होंगे।
सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने बुधवार को इनमारसैट (INMARSAT) के जरिये सैटेलाइट फोन सर्विस की शुरुआत की है।
एक जुलाई से देश में लागू होने वाले गुड्स एवं सर्विसेस टैक्स (GST) में टेलीकॉम सेवाएं महंगी हो जाएंगी। सरकार ने इसे 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब में रखा है।
जीएसटी परिषद (GST) की शुक्रवार को दूसरे दिन की बैठक में गुड्स की तरह सर्विसेस पर भी चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) को मंजूरी दी गई है।
GST परिषद ने यहां आज शुरू अपनी दो दिन की बैठक के पहले दिन 80 से 90 प्रतिशत वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दरों का निर्धारण कर लिया है।
ट्राई संभवत: इसी महीने से दूरसंचार ऑपरेटरों की सेवा गुणवत्ता और कॉल ड्रॉप मामलों की स्वतंत्र तौर पर जांच की इसी महीने से शुरुआत कर सकता है।
ट्राई ने कहा है कि वह जल्द ही एक एप जारी करेगा, जिससे मोबाइल कॉल की गुणवत्ता मापी जा सकेगी और सब्सक्राइबर्स सेवा की गुणवत्ता का मूल्यांकन कर सकेंगे।
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