Friday, October 04, 2024
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पंजाब के मंत्री अमन अरोड़ा को कोर्ट ने सुनाई इतने साल की सजा, जानिए क्या जाएगी विधायकी

पंजाब के मंत्री अमन अरोड़ा और आठ अन्य को 15 साल पुराने मामले में गुरुवार को संगरूर जिले की एक अदालत ने दो साल की कैद की सजा सुनाई, जिसमें अरोड़ा के एक रिश्तेदार ने उन पर अपने घर में हमला करने का आरोप लगाया था।

Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Updated on: December 22, 2023 10:29 IST
मंत्री अमन अरोड़ा- India TV Hindi
Image Source : X/@ARORAAMANSUNAM मंत्री अमन अरोड़ा

चंडीगढ़ः पंजाब के संगरूर जिले की एक अदालत ने प्रदेश सरकार के मंत्री अमन अरोड़ा और आठ अन्य को 15 साल पुराने उस मामले में बृहस्पतिवार को दो साल के कारावास की सजा सुनाई, जिसमें अरोड़ा के एक रिश्तेदार ने स्वयं पर हमला करने का मंत्री पर आरोप लगाया था। सुनाम के उपमंडलीय न्यायिक मजिस्ट्रेट गुरभिंदर सिंह जोहल की अदालत ने मंत्री के रिश्तेदार राजिंदर दीपा की शिकायत पर 2008 में दायर मामले में अरोड़ा और आठ अन्य को दोषी ठहराया।

 फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी व्यक्तियों के अपराध को सामने लाने में सफल रहा है। अदालत के आदेश में कहा गया, शिकायतकर्ता के घर में घुसकर उस पर हमला कर उसे चोट पहुंचाई गई। बता दें कि दो साल की सजा होने की वजह से अमन अरोड़ा की विधानसभा सदस्यता और मंत्री पद दोनों बच गया है। 

अमन के पास है ये विभाग

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की कैबिनेट में अरोड़ा के पास नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, मुद्रण और स्टेशनरी, रोजगार सृजन और प्रशिक्षण एवं शासन सुधार विभाग हैं। इस मामले में नौ लोगों पर धाराओं 452 (घर-अतिचार) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा) सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। अदालत ने उन्हें आईपीसी की धारा 452 के तहत दो साल की कैद और धारा 323 के तहत एक साल की सजा सुनाई। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। 

ऊपरी अदालत में अपील करेंगे अमन अरोड़ा 

दोषी ठहराए जाने के बाद अरोड़ा ने संगरूर में संवाददाताओं से कहा कि वह फैसले के खिलाफ उच्च अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे और उन्हें न्यायिक प्रणाली पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि 2012 में उनके और दीपा के बीच समझौता हो गया था लेकिन उनके जीजा अपने वादे से मुकर गए। दीपा का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील सुशील ने कहा कि दीपा ने दस लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिनमें से एक की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। उन्होंने कहा कि दोषियों ने अदालत के समक्ष एक आवेदन दिया कि वे ऊपरी अदालत में अपील दायर करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, अपील दायर करने के लिए उनके पास 30 दिन की समयावधि है।

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