Monday, April 29, 2024
Advertisement

भजन लाल शर्मा के CM बनने की कहानी बहुत पहले लिखी गई थी, नड्डा और शाह की पसंद कैसे बने; पढ़ें इनसाइड स्टोरी

भजन लाल शर्मा को बीजेपी की सुरक्षित सीट सांगानेर से टिकट दिया गया था। वह इस सीट से जीतने के बाद चुप रहे और उन्होंने अन्य सीएम पद के दावेदारों की तरह कोई लॉबिंग नहीं की। आखिरकार वह अंतिम समय में उभरे और सभी को हैरान कर दिया।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: December 13, 2023 22:28 IST
bhajan lal sharma- India TV Hindi
Image Source : PTI राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा

जयपुर: पहली बार के विधायक भजन लाल शर्मा राजस्थान के नए मुख्यमंत्री बने हैं। आखिर ये कैसे हुआ? जब विधायक दल की बैठक के लिए सब जाने लगे तो बीच में भजन लाल शर्मा एकदम ऐसे जा रहे थे कि कोई आइडिया भी नहीं लगा सकता कि यही राजस्थान के मुख्यमंत्री बन रहे हैं और फिर वो हुआ जिसका अंदाजा किसी को नहीं था। लेकिन भाजपा सूत्रों की मानें तो पार्टी नेतृत्व ने भजन लाल शर्मा की पदोन्नति की कहानी कुछ महीने पहले ही लिख ली थी। राजस्थान भाजपा के नेताओं को पता नहीं था कि केंद्रीय नेतृत्व अपनी रणनीति को लागू करने की दिशा में बड़े कदम उठा रहा था। कई नेताओं ने पुष्टि की कि आलाकमान ने 2018 में विधानसभा चुनावों के तुरंत बाद भजन लाल शर्मा पर फैसला किया था, क्योंकि वह एक जमीनी स्तर के कार्यकर्ता थे, जिन्होंने राजनीति में आए बिना अपने काम पर ध्यान केंद्रित किया था।

भरतपुर से चुनाव लड़ना चाहते थे भजन लाल

भजन लाल शर्मा ने भाजपा के चार प्रदेश अध्यक्षों अशोक परनामी, मदनलाल सैनी, सतीश पूनिया और सीपी जोशी के नेतृत्व में पार्टी महासचिव के रूप में कार्य किया। भजन लाल शर्मा हाल के विधानसभा चुनावों में अपने मूल स्थान भरतपुर से खड़ा होना चाहते थे, हालांकि पार्टी ने जोर देकर कहा कि वह जयपुर में सांगानेर की सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ें।

जेपी नड्डा से हैं पुराने रिश्ते

वहीं, आपको बता दें कि भजन लाल शर्मा के जेपी नड्डा से पुराने रिश्ते हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले वह अक्सर गोवर्धन परिक्रमा के लिए भरतपुर जाते थे और शर्मा तब भरतपुर के जिला अध्यक्ष थे। शर्मा निंबाराम के भी करीबी हैं क्योंकि जब वह आरएसएस के सह प्रांत प्रचारक थे तो उनका केंद्र भरतपुर था। 1990 में भजन लाल शर्मा एबीवीपी के कश्मीर मार्च में सक्रिय रूप से शामिल हुए और उधमपुर तक पहुंचे। इस दौरान उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। साथ ही भजन लाल शर्मा 1992 में राम जन्मभूमि आंदोलन में जेल भी गए।

2021 में अमित शाह के संपर्क में आए

एबीवीपी के साथ अपने पिछले जुड़ाव और संघ के समर्थन के कारण भजन लाल शर्मा को संगठन में आगे बढ़ने के अवसर मिले और 2021 में वह सीधे अमित शाह के संपर्क में आए। अमित शाह ने 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की कमान संभाली थी और भजन लाल शर्मा उनके सहयोगी के तौर पर वहां गए थे। तब से भजन लाल शर्मा अमित शाह की कोर टीम का हिस्सा थे। अमित शाह के निर्देश पर ही शर्मा को पार्टी की सुरक्षित सीट से टिकट दिया गया था। सांगानेर से टिकट चाहने वालों ने इस पर आपत्ति जताई थी, लेकिन जब बताया गया कि अमित शाह के निर्देश पर शर्मा को टिकट दिया गया है, इसके बाद सभी विरोध प्रदर्शन बंद हो गए।

इस बीच भजन लाल शर्मा इस सीट से जीतने के बाद चुप रहे और उन्होंने अन्य सीएम पद के दावेदारों की तरह कोई लॉबिंग नहीं की। आखिरकार वह अंतिम समय में उभरे और सभी को हैरान कर दिया।

(इनपुट- IANS)

यह भी पढ़ें-

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें राजस्थान सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement