Friday, April 26, 2024
Advertisement

शर्मनाक: कोटा में 2 किलोमीटर तक अपने पिता को ठेले पर लेकर दौड़ता रहा बेटा, नहीं बची जान

कोटा में कोरोना संक्रमण के बीच प्रशासन का अमानवीय पहलू सामने आया है। यहां एक बेटा करीब सवा दो किलोमीटर तक अपने पिता को ठेले पर रखकर भागता रहा।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: April 28, 2020 13:10 IST
Kota- India TV Hindi
Kota

कोटा में कोरोना संक्रमण के बीच प्रशासन का अमानवीय पहलू सामने आया है। यहां एक बेटा करीब सवा दो किलोमीटर तक अपने पिता को ठेले पर रखकर भागता रहा। उसके रास्ते में कई बार बेरिकेटिंग सामने आई तो कभी पिता को संभालता, तो कभी बेरिकेटिंग को हटाता, इस दौरान पुलिसकर्मी भी उसे मिले लेकिन किसी ने उसकी कोई मदद नहीं की। अमानवीयता की पराकाष्ठा तो तब हुई जब एमबीएस पहुंचने के बाद चिकित्सकों ने भी इमरजेंसी से लेकर ओपीडी के चक्कर कटवाए। बीमार पिता इतनी लापरवाही झेल न पाए और दम तोड़ दिया। 

कोटा के एक आम इंसान के साथ हुई इस लापरवाही पर भले ही लोग आंसू बहा रहे हों, लेकिन जिस वक्त सड़क से लेकर अस्पताल तक न तो पुलिस कर्मी, न तो डॉक्टर और न हीं किसी अन्य शख्स की मानवीयता जागी। कभी मरीज को अस्पताल के 125 नंबर कमरे से 104 नंबर भेजा गया। तो कभी चिकित्सकों ने 125 नम्बर कमरे से फिर 104 नंबर ओपीडी में भेज दिया।  अंतत: उनकी ईसीजी करने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। 

बताया जा रहा है कि कोटा निवासी सतीश अग्रवाल बाथरूम जाते समय दमे के कारण अचेत होकर गिर गए। तभी उनकी पत्नी गायत्री व बेटे मनीष अग्रवाल ने 108 एम्बुलेंस को फोन किया। लेकिन डेढ घंटे तक एम्बुलेंस के नहीं आने से उन्होंने पिता को उठाया और ठेले पर ही डालकर एमबीएस अस्पताल की और निकल गए। लेकीन कर्फ्यू के चलते उन्हें न तो कोई मदद मिल सकी और न ही वो आपने पिता की जान बचा सका।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें राजस्थान सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement