राजस्थान के उदयपुर में एक युवक ने आर्थिक रूप से परेशान होकर अपने पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया और इसके बाद फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला भी समाप्त कर ली। घटना उदयपुर शहर के उपनगरीय क्षेत्र हिरणमगरी सेक्टर 5 की है। यहां एक युवक अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रह रहा था। वह पिछले कुछ समय से आर्थिक तंगी के चलते परेशान था और शुक्रवार को आत्मघाती कदम उठाया। सूचना मिलने के बाद हिरणमगरी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पुलिस ने पति पत्नी सहित उसके दोनों बच्चों के शव को एमबी हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया, जिसके बाद पुलिस ने चारों शवों का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।
हिरणमगरी थानाधिकारी भरत योगी ने बताया कि अंबाफला हाल प्रभात नगर सेक्टर 5 निवासी दिलीप चितारा अपने पूरे परिवार के साथ किराए के मकान में रह रहा था। शुक्रवार को सूचना मिली कि दिलीप चितारा और पत्नी अलका, 6 वर्षीय बेटे खुश सहित 4 वर्षीय बेटे मनवीर की मौत हो गई है।
मकान मालिक ने पुलिस को दी सूचना
मृतक दिलीप अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ प्रभातनगर स्थित घर में ग्राउंड फ्लोर पर किराए से रहता था। पूरे दिन दिलीप के घर के अंदर से मकान मालिक को आवाज नहीं सुनाई दी तो मकान मालिक रवि सचदेव ने दरवाजा खटखटाया। अंदर से कोई आवाज नहीं आयी तो मकान मालिक को शंका हुई। इस पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची।
बच्चों को पिलाई जहरीली दवा और पत्नी का गला घोंटा
पुलिस के अनुसार मकान मालिक से मिली सूचना के बाद जब मौके पर पहुंचे तो मकान के अंदर दिलीप चितारा ने फांसी लगाई हुई थी। वहीं, उसकी पत्नी का गला घोंटा हुआ था और दोनों बच्चे भी मृत पड़े हुए थे। दिलीप का शव फंदे से लटका हुआ था। वहीं, पत्नी और बच्चों के शव कमरे में थे। पुलिस ने चारों शवों को मोर्चरी शिफ्ट करवाया और परिजनों को सूचना दी।
मौके से मिला सुसाइड नोट
पुलिस ने बताया कि दिलीप की हिरणमगरी में ही आचार और जनरल स्टोर की दुकान थी। यह दुकान भी किराए की थी। मौके से सुसाइड नोट मिला है। जिसमें दिलीप ने आर्थिक हालात बेहद खराब होने की बात कही है। दिलीप ने कहा है कि कोरोना के बाद से आर्थिक स्थिति बहुत खराब होती चली गयी। इसलिए वह यह कदम उठा रहा है।
(उदयपुर से भगवान प्रजापत की रिपोर्ट)