Monday, April 29, 2024
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Lohri 2024: लोहड़ी मनाने के क्या हैं रीति-रिवाज? यहां जानें लोग इस दिन क्या कुछ करते हैं खास

इस बार देश भर में मकर संक्रांति की धूम है। इसी के साथ लोहड़ी का पर्व भी लोगों में खुशियों की बहार लेकर आता है। विशेष तौर पर लोहड़ी के पर्व को फसलों से जोड़ कर देखा। पंजाब समेत हरियाणा और भारत के कुछ राज्यों में इस पर्व को बड़े खास रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है।

Aditya Mehrotra Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: January 13, 2024 6:38 IST
Lohri 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Lohri 2024

Lohri 2024: मकर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले लोहड़ी मनाई जाती है। लोहड़ी का त्योहार मुख रूप से  पंजाब समेत हरियाणा और अन्य भारत के राज्यों में मनाया जाता है। लोहड़ी का त्योहार पुरानी फसल की कटाई और नई फसल की बुआई से जोड़ कर देखा जाता है। यह सिख धर्म का प्रमुख त्योहार होता है। इस दिन अग्नि में मूंगफली, गुड़, रेवड़ी, रवि की फसल के तौर पर तिल आदि जीचें चढ़ा कर इस पर्व को खुशियों के साथ मनाया जाता है। इस बार लोहड़ी का त्योहार 14 जनवरी 2024 दिन रविवार को मनाया जाएगा।

लोहड़ी के त्योहार से जुड़े रीति-रिवाज 

भगवान सूर्य देव की पूजा- लोहड़ी वाले दिन जगत को प्रकाश देने वाले भगवान सूर्य देव की पूजा का विधान है। सूर्य देव को जीवन की ऊर्जा का श्रोत माना जाता है। सूर्य देव की वंदना करने से फसलों की अच्छी पैदावार होती है और इस दिन जीवन की सुख-समृद्धि की कामना लोग करते हैं।

परिवार की खुशहाली का त्योहार- लोहड़ी के त्योहार का बहुत विशेष महत्व है। यह सिख धर्म का एक प्रमुख त्योहार भी है। इस दिन लोग एक-दूसरे के घर जाकर खुशियों के साथ लोहड़ी का पर्व मनाते हैं। यह त्योहार लोगों के बीच प्रेम और स्नेह को बढ़ाता है। लोग इस दिन सारे दुःख मिटाकर एक दूसरे से खुश होकर गले मिलते हैं और इस पर्व को धूम-धाम से मनाते हैं। यह त्योहार परिवार के सदस्यों के बीच की दूरी को मिटा देता है।
फसलों की प्रार्थना- लोहड़ी के दिन लोग अपनी-अपनी फसलों की खुशहाली के लिए भी प्रार्थना करते हैं। जिससे उनकी फसल अच्छी बनी रहे। लोहड़ी वाले दिन लोग अलाव जलाकर उसमें तिल, रेवड़ी, मूंगफली और घर पर बनाए मीठे पकवान चढ़ाते हैं। इन पकवानों को फसलों का प्रतीक माना जाता है।
अग्नि देव की पूजा- लोहड़ी वाले दिन लोग अग्नि की पूजा भी करते हैं। अग्नि को पवित्रता और नई शुरुआत के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है। लोहड़ी के पर्व पर अग्नि की पूजा करने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और चारों तरफ खुशहाली फैलती है।

लोहड़ी के दिन क्या किया जाता है

  • लोहड़ी के दिन शाम को घर के बाहर चौराहे पर या किसी खुले मैदान में लकड़ी और उपलों की ढेरी बनाकर लोहड़ी को जलाया जाता है।
  • लोहड़ी को जलाने के बाद उसमें  मूंगफली, तिल, गुड़ और अन्य मीठे पकवानों को उसमें डाला जाता है।
  • जहां लोहड़ी जलाई जाती है उसके चारों तरफ लोग खुशियों से नाचते और लोक गीत गाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
  • इस दिन लोग एक दूसरे से प्रेम पूर्वक गले मिलते हैं और आपस में खुशी बांटते हुए एक दूसरे को लोहड़ी की बधाईयां देते हैं।
  • लोहड़ी के त्योहार वाले दिन लोग गजक, रेवड़ी, तिल-गुड़ के लड्डू, मक्के की रोटी और सरसों का साग पकवान के रूप में बनाते हैं।
  • इस दिन बहनें अपने भाईयों को तिलक लगाती हैं और उनकी तरक्की के लिए उन्हें आशीर्वाद देती हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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