Avoid These Mistakes in Kartik Maas: कार्तिक माह हिंदू धर्म के सबसे पवित्र और पुण्य दायक माह माना जाता है। कार्तिक के पूरे महीने में विष्णु जी और मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। कार्तिक के महीने में स्नान, दीपदान के साथ ही जरूरतमंदों की सहायता करने का विशेष महत्व बताया गया है। वहीं, इस महीने में कुछ कार्य विशेष रूप से वर्जित बताए गए हैं। शास्त्रों माने तो इस माह में की गई कुछ गलतियां आपके पुण्य कर्म कर सकती है। इतनी ही नहीं ये गलतियां व्यक्ति की सुख-समृद्धि छीनकर उसकी दरिद्रता का कारण भी बनती है।
सात्विक भोजन ग्रहण करें
कार्तिक माह में हिंदूओं के भी बड़े और महत्वपूर्ण त्योहार आते हैं। ऐसे में शुद्ध और सात्विक भोजन बनाने और करने का विधान है। इस महीने में मांस, मछली, अंडा और शराब के सेवन का सेवन पूरी तरह से वर्जित बताया गया है। इसके अलावा लहसुन और प्याज जैसे तामसिक खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल भी खाना बनाने में नहीं करना चाहिए। शास्त्रों में लिखा है कि तामसिक भोजन ग्रहण करने से मन अशांत रहता है और शरीर की शुद्धता भी खतम होती है। इसके कारण पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता।
इंद्रियों पर रखें संयम
कार्तिक महीना बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस महीने में सात्विक जीवन जीने पर ज्यादा जोर दिया गया है। धर्म के जानकार बताते हैं कि यह पवित्र महीना अपनी इंद्रियों पर संयम रखने का होता है।
शरीर पर तेल लगाना और बाल काटना है मना
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक के महीने में शरीर पर तेल लगाना वर्जित माना गया है। इस मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानी कि नरक चौदस को शरीर पर तेल लगाना शुभ माना जाता है। इस एक तिथि पर तेल लगाने की मनाही नहीं है। साथ ही बाल और नाखून कटवाने की भी मनाही है।
खुद पर रखे काबू
कार्तिक मास में अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके अलावा दूसरों से झगड़ा करने, क्रोधित होने और निंदा करने से बचना चाहिए। यह वह समय होता है जब व्यक्ति को अपना मन शांत रखकर ईश्वर भक्ति में ज्यादा से ज्यादा मन लगाना चाहिए। ऐसा करना बहुत ही शुभ फलदायक माना गया है।
दोपहर का समय ईश्वर भक्ति में लगाएं
कहा जाता है कि कार्तिक के महीने में बिछौने पर नहीं सोना चाहिए। इसकी अपेक्षा जमीन पर सोने का विधान बताया गया है। इसके अलावा दोपहर में सोने क बजाय उस समय को जप और ध्यान आदि में लगाने के लिए कहा जाता है। कार्तिक माह में ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करने पर जोर दिया गया है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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