
Mauni Amavasya: मौनी अमवास्या 29 जनवरी के दिन है। इसी दिन महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान भी किया जाएगा। ऐसा दुर्लभ संयोग अब कई वर्षों के बाद ही बनेगा। इसलिए मौनी अमावस्या के दिन बड़ी संख्या में भक्त प्रयागराज के त्रिवणी घाट में डुबकी लगाएंगे। मौनी अमावस्या के दिन को बेहद शुभ माना जाता है, और धार्मिक मान्याताओं के अनुसार इस दिन पितृ धरती लोक पर आते हैं। ऐसे में मौनी अमावस्या के दिन अगर आप कुछ कार्य करते हैं तो पितरों का आशीर्वाद आपको प्राप्त हो सकता है, साथ ही पितृ दोष से भी आपको मुक्ति मिलेगी।
मौनी अमावस्या और अमृत स्नान का दुर्लभ संयोग
मौनी अमावस्या को हिंदू धर्म की पवित्र तिथियों में से एक माना जाता है। वहीं इस दिन 2025 में अमृत स्नान भी है, इसलिए माघ अमावस्या को बेहद शुभ माना जा रहा है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करके आप पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों को बारे में।
मौनी अमावस्या के दिन करें ये काम
- मौनी अमावस्या के दिन अगर आप महाकुंभ में डुबकी लगाने वाले हैं तो डुबकी लगाते समय पितरों का स्मरण करते हुए सूर्य को जल का अर्घ्य जरूर दें। इसके साथ ही 'ॐ पितृ देवतायै नम:' का कम से कम 11 बार जप करें। ऐसा करने से धरती पर आए पितृ आपको आशीर्वाद देते हैं और आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- पितरों को प्रसन्न करने के लिए मौनी अमावस्या के दिन आपको अन्न, वस्त्र आदि का दान अवश्य करना चाहिए। इसके साथ ही आप पशु-पक्षियों को भी इस दिन दाना डाल सकते हैं। यह आसान सा उपाय पितरों की आत्मा को तृप्ति देता है, इसके साथ ही अगर आप पितृ दोष से परेशान हैं तो उससे भी आपको मुक्ति मिलती है।
- इस दिन पितरों के निमित्त दीपक जलाना और पितृ कवच, पितृ सूक्तम या फिर पितृ स्तोत्रम का पाठ करना बेहद लाभदायक होता है। ऐसा करने से पितरों की अतृप्त आत्मा भी तृप्त हो जाती है। इस उपाय को करने से पितृ आप पर असीम कृपा बरसाते हैं। साथ ही पारिवारिक जीवन में भी सुख समृद्धि आती है।
अगर आप महाकुंभ में शामिल ना भी हो पाएं तो घर पर भी इन उपायों को कर सकते हैं। श्रद्धापूर्वक अपने घर में इन उपायों को करने से भी आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है। अगर आप इन उपायों को करने में समर्थ न हों तो घर की दक्षिण दिशा में चौमुखी दीपक इस दिन जलाएं। यह बेहद आसान उपाय भी पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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