Friday, May 17, 2024
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Tulsi Vivah 2022 : कब है तुलसी विवाह? जानें तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

Tulsi Vivah 2022 Date: तुलसी विवाह (Tulsi Vivah 2022) को देवउठनी एकादशी, प्रवोधिनी एकादशी भी कहते है। देवउठनी एकादशी, प्रवोधिनी एकादशी भी कहते है।

Written By: Poonam Shukla
Updated on: October 14, 2022 10:54 IST
तुलसी विवाह- India TV Hindi
Image Source : तुलसी विवाह तुलसी विवाह

Highlights

  • साल 2022 में तुलसी विवाह 05 नवंबर, 2022 दिन शनिवार को है
  • तुलसी विवाह के साथ ही सभी मांगलिक और धार्मिक कार्य शुरू हो जाते हैं

Tulsi Vivah 2022 Date: तुलसी विवाह (Tulsi Vivah 2022) का आयोजन हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। बता दें इस एकादशी को देवउठनी एकादशी, प्रवोधिनी एकादशी भी कहते है। इस दिन से देव सो के उठ जाते हैं और शादियों का शुभ मुहूर्त शुरू हो जाता है। 

तुलसी विवाह 2022 कब है?

साल 2022 में तुलसी विवाह 05 नवंबर, 2022 दिन शनिवार को है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार माह की लंबी निद्रा के बाद जागते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के शालीग्राम अवतार के साथ माता तुलसी के विवाह करने की परंपरा है। बता दें तुलसी विवाह के साथ ही सभी मांगलिक और धार्मिक कार्य शुरू हो जाते हैं। तुलसी विवाह के बाद से ही विवाह के शुभ मुहूर्त शुरू होते है। 

तुलसी विवाह 2022 शुभ मुहूर्त

तुलसी विवाह 2022 : 05 नवंबर, 2022, शनिवार

कार्तिक द्वादशी तिथि शुरू: 05 नवंबर 2022 शाम 06:08 बजे
द्वादशी तिथि समाप्त: 06 नवंबर 2022 शाम 05:06 बजे
तुलसी विवाह पारण मुहूर्त : 06 नवंबर को , 13:09:56 से 15:18:49 तक रहेगा।

ये है कथा 

ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, तुलसी, शंखचूड़ नाम के असुर की पत्नी थी। तुलसी के सतीत्व के कारण देवता शंखचूड़ को नहीं मार सकते थे। भगवान विष्णु ने शंखचूड़ का रूप बनाकर तुलसी का सतीत्व भंग कर दिया। इसके बाद भगवान शिव ने शंखचूड़ को मार दिया। जब तुलसी को यह बात पता चली तो उसने भगवान विष्णु को पत्थर बन जाने का श्राप दे दिया। भगवान ने तुलसी के श्राप को स्वीकार किया और कहा कि तुम पृथ्वी पर पौधे व नदी के रूप में रहोगी। पृथ्वी के लोग तुम्हारा और मेरा विवाह करवाकर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे। मान्यता के अनुसार, तुलसी नेपाल की गंडकी और पौधे के रुप में है और गंडकी नदी में पाई जाने वाली शालिग्राम शिला को ही भगवान विष्णु माना जाता है। हर साल धर्म में आस्था रखने वाले लोग देवउठनी एकादशी पर तुलसी-शालिग्राम विवाह कर धर्मलाभ लेते हैं। ऐसी मान्यता है कि तुलसी विवाह के संकल्प और उसे पूरा करने से व्यक्ति सुखी और समृद्ध होता है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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