
Varuthini Ekadashi 2025: वरुथिनी एकादशी का व्रत वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का खास महत्व बताया गया है। कहते हैं कि एकादशी का व्रत करने से लक्ष्मी-नारायण की विशेष कृपा प्राप्त होती है। एकादशी के भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करें और श्री हरि की प्रिय चीजों का भोग लगाएं। लेकिन विष्णु जी को भोग अर्पित करते समय इन गलतियों को करने से बचना चाहिए।
एकादशी के दिन विष्णु जी को लगाएं इन चीजों का भोग
- केला, आम, अंगूर, सेब और अन्य मौसमी फल
- मखाना और अन्य ड्राई फ्रूट्स
- पंजीरी
- पीली मिठाई
- मखाना या साबूदाना की खीर
एकादशी के दिन भोग लगाते समय न करें ये गलतियां
1. एकादशी के दिन चावल का सेवन वर्जित होता है। तो विष्णु जी को भी चावल या इससे बनी चीजों का भोग न लगाएं।
2. भगवान विष्णु को जो भी चीजें अर्पित करें सब शुद्ध और ताजा होना चाहिए। बासी चीजें अर्पित करना अशुभ होता है।
3. श्री हरि को तुलसी अत्यंत प्रिय है। तो बिना तुलसी के भोग अधूरा माना जाता है। ऐसे में एकादशी के विष्णु जी के भोग में तुलसी का पत्ता जरूर रखें।
4. एकादशी के व्रत में नमक का सेवन नहीं किया जाता है। तो भगवान विष्णु के भोग में नमक का इस्तेमाल गलती से भी न करें।
5. भगवान विष्णु शांति और शुद्ध मन के साथ भोग लगाना चाहिए। अपवित्र अवस्था में विष्णु जी को कोई भी चीज अर्पित न करें।
6. एकादशी के दिन खुद से बनाया भोग ही विष्णु जी को चढ़ाएं। किसी दूसरे का दिया या पहले से इस्तेमाल किया हुआ भोग नारायण को चढ़ाने की भूल बिल्कुल भी न करें।
वरुथिनी एकादशी व्रत 2025 डेट और मुहूर्त
- वरुथिनी एकादशी व्रत तिथि- 24 अप्रैल 2025
- एकादशी तिथि प्रारंभ- 23 अप्रैल को शाम 4 बजकर 43 मिनट पर
- एकादशी तिथि समाप्त- 24 अप्रैल को दोपहर 2 बजकर 32 मिनट प
- वरुथिनी एकादशी व्रत पारण का समय- 25 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 14 मिनट से सुबह 8 बजकर 47 मिनट तक
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)