Monday, June 23, 2025
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Gaurikund: क्या है गौरी कुंड की महिमा, केदारनाथ यात्रा शुरू करने से पहले क्यों जरूरी है यहां स्नान; जल रहता है 53 डिग्री सेल्सियस तक गर्म

केदारनाथ यात्रा से पहले गौरी कुंड में स्नान-ध्यान और दान करने का महत्व है। माना जाता है कि यहां मां पार्वती के सामने अपने सभी मन के सभी विकार त्याग कर केदारनाथ के दर्शन करने चाहिए।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Jun 15, 2025 9:26 IST, Updated : Jun 15, 2025 9:26 IST
गौरी कुंड
Image Source : X गौरी कुंड

अगर आप पहली बार केदारनाथ यात्रा करने का मन बना रहे हैं तो यह जान लेना बेहद जरूरी है कि आखिर यह यात्रा कहां से शुरू होती है और कितनी लंबी चढ़ाई है जिसे पार करने के बाद आप बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर पाएंगे। केदारनाथ की यात्रा गौरीकुंड से आरंभ होती है, माना जाता है कि भोलेनाथ के दर्शन करने से पहले गौरी कुंड में स्नान करना बेहद जरूरी होता है। गौरीकुंड या कहें 'देवी गौरी का तालाब' रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है, अचरज की बात यह है कि गौरी कुंड का पानी हमेशा 53 डिग्री सेल्सियस तक गर्म रहता है।

गौरी कुंड की महिमा 

गौरी कुंड के बारे में मां पार्वती से जुड़ी एक कथा प्रचलित हैं। हिंदू पौराणिक कथा के मुताबिक, गौरीकुंड वह स्थान है, जहां देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए 100 वर्षों तक तपस्या की थी। इसके बाद शिव प्रकट हुए और देवी पार्वती से विवाह के लिए राजी हुए थे। इसी के पास में गौरा माई का एक प्राचीन मंदिर भी है जो मां पार्वती को समर्पित है। स्कंद पुराण में इसका जिक्र भी मिलता है।

गौरीकुंड में दो कुंड है एक जहां गर्म जल निकलता है और उसका पानी 53 डिग्री सेल्सियस तक गर्म रहता है, उसे तप्त कुंड भी कहते हैं और दूसरा कुंड भी है जहां पानी नॉर्मल 23 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। 

क्यों जरूरी है यात्रा शुरू करने पहले कुंड में स्नान?

केदारनाथ की यात्रा गौरीकुंड से शुरू होती है, ऐसे में मान्यता है कि भक्तों को केदारनाथ के दर्शन करने से पहले मां पार्वती का आशीर्वाद लेना जरूरी है, वरना केदारनाथ दर्शन करना व्यर्थ हो जाएगा और आपको पुण्यफलों की प्राप्ति नहीं होगी। मान्यता है कि इस कुंड को मां पार्वती ने शिव का प्रेम पाने के लिए अपनी कठिन साधना से बनाया था, इसलिए भगवान शिव ने मां पार्वती को आशीर्वाद दिया था कि मेरे दर्शन से पहले लोग इस कुंड में आकर अपने पाप से मुक्त होंगे और आपकी जयजयकार करेंगे। तभी से केदारनाथ से पहले भक्त इस कुंड में स्नान करते हैं और अपने पापों को यहीं छोड़ साफ मन से बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए आगे बढ़ते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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