Sunday, April 27, 2025
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Shukra Vakri March 2025: शुक्र 2 मार्च से चलेंगे उल्टी चाल, जानें सभी 12 राशियों पर क्या होगा इसका प्रभाव

Shukra Vakri March 2025: शुक्र ग्रह 2 मार्च को मीन राशि में वक्री गति शुरू कर देंगे। शुक्र के वक्री होने से सभी राशियों पर क्या प्रभाव देखने को मिलेगा, आइए जानते हैं।

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Naveen Khantwal Published : Feb 28, 2025 16:40 IST, Updated : Feb 28, 2025 16:40 IST
Shukra Vakri
Image Source : SOCIAL शुक्र गोचर

Shukra Vakri March 2025: भौतिक सुख सुविधाओं और रचनात्मकता के कारक ग्रह शुक्र 2 मार्च को मीन राशि में वक्री गति शुरू कर देंगे। शुक्र के मीन राशि में वक्री से विभिन्न राशि वालों पर अलग-अलग प्रभाव होगा। तो किस राशि के लोगों को शुक्र के इस वक्री गोचर से क्या फल मिलेगा, शुक्र उनके किस स्थान पर वक्री हुए है, साथ ही शुक्र के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये और अशुभ फलों से बचने के लिये आज के दिन आपको क्या करना चाहिए, अब हम इसकी चर्चा करेंगे।

मेष राशि

शुक्र आपके बारहवें स्थान पर वक्री हुए है। जन्मपत्रिका के बारहवें स्थान का सम्बन्ध आपके व्यय तथा शय्या सुख से है। शुक्र के इस गोचर से आपको हर प्रकार के सुख की प्राप्ति होगी। आपको शैय्या सुख मिलेगा। आप एक अच्छे कवि होंगे। साथ ही नौकरी से आपको लाभ मिलेगा। आपको अपने जीवनसाथी से जरूरत के वक्त पूरी मदद मिलेगी। इसके अलावा आपको संतान का सुख भी मिलेगा। लिहाजा शुक्र के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये- घर की महिला अपने हाथों से एक नीला फूल लेकर कहीं विराने में दबाएं।

वृष राशि

शुक्र आपके ग्यारहवें स्थान पर वक्री हुये है। जन्मपत्रिका के ग्यारहवें स्थान का सम्बन्ध हमारे आय तथा इच्छाओं की पूर्ति से होता है। शुक्र के इस गोचर के प्रभाव से इस दौरान आपकी कोई इच्छा पूरी होगी। धन लाभ के नये-नये स्त्रोत मिलेंगे। आप दूसरों से छिपकर कार्य करने की कोशिश करेंगे। अपने काम करवाने के लिये हर पैतरा अजमाने की कोशिश करेंगे। दाम्पत्य जीवन बेहतरीन रहेगा। लिहाजा शुक्र के शुभ फल बनाये रखने के लिये-मन्दिर में रूई का दान करें।

मिथुन राशि

शुक्र आपके दसवें स्थान पर वक्री हुए है। जन्मपत्रिका के दसवें स्थान का सम्बन्ध हमारे करियर, राज्य तथा पिता से होता है। शुक्र के इस गोचर से आपको करियर में अपनी मेहनत के अनुसार फल प्राप्त होंगे। आपके पिता की तरक्की भी आपकी मेहनत पर ही डिपेंड करती है। हालांकि इस दौरान धन के प्रति आप थोड़े लालची प्रवृत्ति के बने रहेंगे। तो शुक्र के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये- मन्दिर में दही या दही से बनी चीज़ों का दान करें। 

कर्क राशि

शुक्र आपके नवें स्थान पर वक्री हुये है। जन्मपत्रिका के नौवें स्थान का सम्बन्ध हमारे भाग्य से होता है। शुक्र के इस गोचर से आपका भाग्योदय निश्चित है। लक आपके पूरी तरह से साथ रहेगा। आपके भाग्य का सितारा चमकता रहेगा। आपको संतान का सुख मिलेगा। आपको धन लाभ के अवसर प्राप्त होंगे, लेकिन अपनी मेहनत के बल पर ही आप सबकुछ हासिल कर पायेंगे। बाकी आपकी बौद्धिक क्षमता अच्छी होगी। लिहाजा शुक्र के शुभ फल बनाये रखने के लिये-घर के अंदर कच्ची जगह पर और अगर घर में कच्ची जगह न हो तो घर के बाहर जमीन में थोड़ा-सा शहद दबाएं। 

सिंह राशि

शुक्र आपके आठवें स्थान पर वक्री हुए है। जन्मपत्रिका के आठवें स्थान का सम्बन्ध हमरे आयु से है। शुक्र के इस गोचर से पारिवारिक माहौल को नियंत्रण करने में आपको मेहनत करनी पड़ेगी। इस दौरान आपको घर के बुजुर्गों का और साथ ही अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना चाहिए। आपको पैसों के मामलों में भी सावधान रहना चाहिए। लिहाजा शुक्र के अशुभ फलों से बचने के लिये- अपने जीवनसाथी के भार के समान ज्वार मन्दिर में दान करें। अगर उतना न कर सके तो भार के दसवें हिस्से के बराबर ज्वार का दान मन्दिर में करें। 

कन्या राशि

शुक्र आपके सातवें स्थान पर वक्री हुये है। जन्मपत्रिका के सातवें स्थान का सम्बन्ध हमारे जीवनसाथी से है। शुक्र के इस गोचर से जीवनसाथी के साथ आपके रिश्ते अच्छे बने रहेंगे। आपके साथ आपके जीवनसाथी का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। दूसरों के प्रति आपका स्वभाव नरम बना रहेगा। आप हर तरह से सुखी होंगे। साथ ही इस राशि के बुजुर्गों को धन

लाभ मिलेगा। आपको पारिवारिक सहयोग मिलेगा। आपको इस दौरान कहीं बाहर यात्रा पर जाना पड़ सकता है। लिहाजा शुक्र के इन सब शुभ फलों की प्राप्ति के लिये- शुक्रवार के दिन मन्दिर में कांसे का बर्तन दान करें। 

तुला राशि

शुक्र आपके छठे स्थान पर वक्री हुए है। जन्मपत्रिका के छठे स्थान का सम्बन्ध हमारे मित्र, शत्रु तथा स्वास्थ्य से है। शुक्र के इस गोचर से आपके दोस्तों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। साथ ही आपको अपने कामों में दोस्तों
का सहयोग मिलेगा। आपको शुभ फलों की प्राप्ति के कई मौके मिलेंगे। इस दौरान स्वास्थ्य बेहतर बना रहेगा। आपको सांसारिक सुखों की प्राप्ति होगी। लेकिन इस दौरान शत्रु पक्ष से आपको सावधान रहने की जरुरत है। लिहाजा शुक्र
के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये-घर की महिला अपने बालों में सोने का या गोल्डन कलर का हेयर क्लिप लगाकर रखें। 

वृश्चिक राशि

शुक्र आपके पांचवें स्थान पर वक्री हुए है। जन्मपत्रिका के पांचवे स्थान का सम्बन्ध हमारे संतान, बुद्धि, विवेक और रोमांस से है। शुक्र के इस गोचर के प्रभाव से आपके परिवार में बढ़ोतरी होगी। इस दौरान पढ़ाई-लिखाई में आपकी बौद्धिक क्षमता ठीक बनी रहेगी। धर्म में आपकी रुचि बढ़ेगी। शत्रु पक्ष आपसे दूरी बनाकर रहेंगे। साथ ही आपके कार्य सामान्य रूप से बनते रहेंगे। लिहाजा शुक्र के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये- गाय की सेवा करें। साथ ही मन्दिर में दूध का दान करें।

धनु राशि

शुक्र आपके चौथे स्थान पर वक्री हुए है। जन्मपत्रिका के चौथे स्थान का सम्बन्ध हमारे भवन, भूमि, वाहन तथा माता से है। शुक्र के इस गोचर से आपको धन लाभ होगा। आपको भूमि, भवन और वाहन का सुख मिलेगा। इस दौरान आपकी मुलाकात या आपकी दोस्ती ऐसे लोगों से हो सकती है, जो आराम पसंद और हरफनमौला हो। ऐसे लोग आपके आस-पास ही नजर आयेंगे। आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है। शुक्र के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये- एक चुटकी हल्दी लेकर कुएं में डालें। 

मकर राशि

शुक्र आपके तीसरे स्थान पर वक्री हुये है। जन्मपत्रिका के तीसरे स्थान का सम्बन्ध हमारे पराक्रम, भाई-बहन तथा यश से है। शुक्र के इस गोचर के प्रभाव से भाई-बहन से सहयोग आपको मिलता रहेगा। इस बीच अगर आप किसी तीर्थ यात्रा पर जायेंगे तो आपको शुक्र के शुभ फलों की प्राप्ति होगी। आपके हाथ में मिट्टी भी सोना बनती नजर आयेगी। तो शुक्र के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये- सभी महिलाओं का सम्मान करें और रिश्ते में जो महिलाएं आपसे बड़ी हैं, उनका आशीर्वाद लें। 

कुम्भ राशि

शुक्र आपके दूसरे स्थान पर वक्री हुए है। जन्मपत्रिका के दूसरे स्थान का सम्बन्ध हमारे धन तथा स्वभाव से है। शुक्र के इस गोचर से आपको खूब धन लाभ होगा। आपको जीवनसाथी के साथ ताल-मेल बनाकर रखने की  जरुरत है। इस दौरान आपको अपना व्यवहार ठीक बनाये रखना चाहिए। साथ ही शुक्र के अशुभ फलों से बचने के लिये और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये- दो किलो उबले हुए आलू हल्दी से पीले करके गाय को खिलाएं।

मीन राशि

शुक्र आपके पहले स्थान, यानि लग्न स्थान पर वक्री हुये है।जन्मपत्रिका में लग्न यानि पहले स्थान का सम्बन्ध हमारे शरीर तथा मुख से है।  शुक्र के इस गोचर से लवमेट के साथ आपके रिश्ते में मजबूती आयेगी। आपको आर्थिक रूप से लाभ मिलता रहेगा। आप आराम पसंद होंगे। इस दौरान आपको अपने पारिवारिक रिश्तों में मजबूती बनाये रखनी चाहिए। लिहाजा शुक्र के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये- गुड़ का सेवन करने से बचें।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

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