Friday, April 19, 2024
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इयान चैपल ने की DRS प्रणाली में बदलाव की मांग कहा, खिलाड़ियों को नहीं मिलना चाहिए निर्णय का अधिकार

ऑस्ट्रेलिया के लिए 75 टेस्ट में 5345 रन बनाने वाले 76 साल के चैपल ने इंग्लैंड में मौजूदा सीरीज का उदाहरण दिया कि किस तरह डीआरएस से हेरफेर किया गया और इसकी अहमियत को कम किया गया। 

Bhasha Edited by: Bhasha
Published on: July 19, 2020 11:24 IST
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Image Source : GETTY IMAGES  Ian Chappell

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) में आमूलचूल बदलाव की मांग करते हुए कहा है कि यह खिलाड़ियों के विरोध को बढ़ावा देता है। कोरोना वायरस के कारण निलंबन के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बहाली कर रही इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट सीरीज के दौरान प्रत्येक पारी में तीन रिव्यू दिए गए हैं जो सामान्य से एक अधिक है। 

चैपल ने ईएसपीएनक्रिकइंफो पर अपने कॉलम में लिखा, ‘‘अंपायर हमेशा सही होता है और युवा क्रिकेटर को जो सबक सबसे पहले सिखाया जाता है वह यह है कि आप उसके फैसले पर बहस नहीं करेंगे। अनुशासन और आत्मनियंत्रण की यह सराहनीय प्रक्रिया अब मान्य नहीं है क्योंकि डीआरएस को लागू किए जाने से खिलाड़ियों के विरोध के एक तरीके को बढ़ावा दिया जा रहा है। ’’ 

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ऑस्ट्रेलिया के लिए 75 टेस्ट में 5345 रन बनाने वाले 76 साल के चैपल ने इंग्लैंड में मौजूदा सीरीज का उदाहरण दिया कि किस तरह डीआरएस से हेरफेर किया गया और इसकी अहमियत को कम किया गया। 

उन्होंने कहा, ‘‘इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच पहले टेस्ट के दूसरे दिन की शुरुआती में तीन फैसले बदले जाने के बाद अंपायर रिचर्ड कैटलब्रो के चेहरे पर घृणा के भाव फिलहाल इस प्रणाली को लेकर उनकी सोच का सबूत है।’’ 

चैपल ने 2008 में पहली बार इस्तेमाल की गई इस तकनीक के संदर्भ में कहा, ‘‘मेरी सहानुभूति कैटलब्रो के साथ है जो अंतरराष्ट्रीय पैनल में बेहतर अंपायरों में से एक हैं और महामारी के समय में तीसरा रिव्यू दिया जाना संकेत है कि इस प्रणाली से हेरफेर की गई है।’’ 

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भारतीय क्रिकेट बोर्ड को लंबे समय तक इस तकनीक पर भरोसा नहीं था लेकिन अंतत: उसने इसे स्वीकार कर लिया। चैपल ने कहा कि खिलाड़ियों को कभी फैसला लेने की प्रणाली का हिस्सा बनने की स्वीकृति नहीं दी जानी चाहिए। 

उन्होंने लिखा, ‘‘ऐसा समय था जब बीसीसीआई को डीआरएस पर भरोसा नहीं था। मैं अब बीसीसीआई के साथ नहीं हूं क्योंकि अब भी मुझे डीआरएस पर अधिक भरोसा नहीं है। शुरू से ही डीआरएस अंपायरों के हाथ में होना चाहिए था, खिलाड़ियों को फैसला करने की प्रणाली का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए।’’ 

चैपल ने लिखा, ‘‘डीआरएस से जुड़े उपकरणों और कर्मचारियों पर क्रिकेट अधिकारियों का नियंत्रण होना चाहिए, टेलीविजन प्रोडक्शन कंपनी का नहीं।’’ 

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