Saturday, April 20, 2024
Advertisement

रेलवे प्लेटफॉर्म से लेकर 'रांची का राजकुमार' बनने तक कुछ ऐसा रहा धोनी का सफर

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज कप्तान महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का एलान कर दिया। धोनी एक साल भी अधिक समय से टीम से बाहर चल रहे थे।

Jitendra Kumar Written by: Jitendra Kumar @jitendrak23
Updated on: August 15, 2020 21:31 IST
Dhoni retires news, dhoni one day international retirement, dhoni retires latest news, ms dhoni reti- India TV Hindi
Image Source : GETTY IMAGES MS Dhoni 

महेंद्र सिंह धोनी, भारतीय क्रिकेट का एक ऐसा नाम जिसे सदियों तक याद रखा जाएगा जिन्होंने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहकर पिछले एक साल से उनके भविष्य को लेकर लग रही अटकलों पर विराम लगा दिया। गैर पारंपरिक शैली में कप्तानी और मैच को अंजाम तक ले जाने की कला के साथ महानतम क्रिकेटरों की जमात में खुद को शामिल करने वाले धोनी के इस फैसले के साथ ही क्रिकेट के एक युग का भी अंत हो गया। 

धोनी आखिरी बार पिछले साल इंग्लैंड में खेले गए विश्व कप में भारतीय टीम के लिए मैदान पर उतरे थे। भारत को विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से हार कर टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा था। इसके बाद से ही धोनी क्रिकेट के मैदान से दूर हो गए। 

धोनी भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक बने। धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को आईसीसी के सभी बड़े खिताब जीताए जिसमें साल 2007 का टी-20 विश्व कप, 2011 वनडे विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी भी शामिल है। इसके अलावा धोनी इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नई सुपरकिंग्स को भी तीन बार खिताब दिला चुके हैं। 

धोनी के शुरुआती सफर

स्कूल के समय धोनी क्रिकेट की जगह फुटबॉल खेला करते थे और उसमें गोलकीपर थे। धोनी खेल-कूद में काफी अच्छे थे यही कारण है कि बहुत जल्द स्कूल के क्रिकेट कोच की नजर उनपर पड़ी और उन्हें टीम के विकेटकीपर के तौर पर चुन लिया गया। देखते ही देखते धोनी ने क्रिकेट में भी महारत हासिल कर ली, फिर क्या था लोकल टूर्नामेंट के मैचों में धोनी की धूम मच गई। इसके बाद धोनी का 1997-98 सीजन में वीनू माकंड ट्रॉफी अंडर-16 में चयन हुआ।

हालांकि एक तरफ जहां धोनी क्रिकेट में रम गए वहीं दूसरी तरफ परिवार के लोग उनकी पढ़ाई और आगे नौकरी की चिंता करने लगे। ऐसे में धोनी अपने खेल पर पूरी तरह से ध्यान नहीं दे पाते थे लेकिन इसका भी एक हल निकल गया था। उन्हें स्पोर्ट्स कोटे से खड़गपुर रेलवे डिविजन में टीटीई की नौकरी मिल गई थी। अब धोनी नौकरी के साथ-साथ क्रिकेट भी खेल सकते थे लेकिन यहां दिक्कत यह थी कि काम के बाद वह प्रैक्टिस में अधिक समय नहीं दे पाते थे।

ऐसे में नौकरी और क्रिकेट में से किसी एक को चुनने की नौबत आ गई और धोनी ने क्रिकेट को चुना। इस दौरान वह बिहार की तरफ से देवधर ट्रॉफी और कुछ फर्स्ट क्लास और लिस्ट ए मैच खेले। हालांकि साल 2000 में राज्य का बंटवारा होने के बाद वह झारखंड की तरफ से खेलने लगे। घरेलू मुकाबले के साथ ही धोनी को इंडिया ए के तरफ से भी खेलने का मौका मिला तभी उनपर उस समय के सीनियर टीम के कप्तान सौरव गांगुली की नजर पड़ी और साल 2004 में उन्हें पहली बार नेशनल टीम में खेलने का मौका मिला।

डेब्यू मैच में खाता नहीं खोल पाए थे धोनी

23 दिसंबर 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ धोनी को भारतीय टीम में डेब्यू का मौका मिला। इस समय में भारतीय टीम में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़ और युवराज जैसे सितारे शामिल थे। रांची जैसे छोटे शहर से निकलर धोनी ने बहुत मेहनत के बाद टीम इंडिया में एंट्री पाई थी लेकिन डेब्यू मैच को लेकर जैसी उनकी उम्मीद रही होगी वैसा कुछ नहीं हो पाया।

धोनी को इस मैच में सातवें नंबर बल्लेबाजी का मौका मिला था लेकिन वह पहली ही गेंद खेलकर रन आउट हो गए। डेब्यू मैच में भला कौन सा क्रिकेटर शून्य पर आउट होना चाहता है। हालांकि इसके बावजूद वह मुस्कुराते हुए चेहरे को लेकर दिल में गुबार के साथ ड्रेसिंग रूम में लौट आए।

Dhoni retires news, dhoni one day international retirement, dhoni retires latest news, ms dhoni reti

Image Source : GETTY
Dhoni

अब बारी थी विकेटकीपिंग में कुछ कर दिखाने की, लेकिन दुर्भाग्य से इस मैच में बांग्लादेश का एक भी खिलाड़ी विकेट के पीछे आउट नहीं हुआ। इस तरह बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग दोनों में धोनी को अपने डेब्यू मैच में निराशा हाथ लगी। हालांकि धोनी को सीरीज के बाकी बचे मैच में भी खेलने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 7 और 3 रन बनाए।

इसके बाद साल 2005 में 6 वनडे मैचों की सीरीज के लिए पाकिस्तान की टीम भारत दौरे पर आई। पहले ही मैच में ही भारतीय टीम को पाकिस्तान ने करारी मात दी। धोनी भी टीम इंडिया का हिस्सा थे। सीरीज का दूसरा मैच विशाखापट्नम में खेला गया। 0-1 से पिछड़ रही भारतीय टीम ने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव किया और धोनी को नंबर तीन पर भेजा गया गया। फिर क्या था उस दिन धोनी ने अपना असली रंग दिखाया और पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने 123 गेंद में 148 रनों की तूफानी पारी खेली। इस पारी के दौरान उन्होंने 15 चौके और 4 दनदनाते हुए छक्के भी लगाए। इसके बाद से धोनी ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वह टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में अहम सदस्य बन बन गए।

2007 में मिली टी-20 टीम की कप्तानी

साल 2007 में वेस्टइंडीज में लिमिटेड ओवर विश्वकप का आयोजन हुआ था। भारतीय टीम के लिए यह विश्व एक काले अध्याय की तरह साबित हुआ। सितारों से सजी टीम लीग स्टेज में ही बांग्लादेश जैसी टीम से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी। इसी साल साउथ अफ्रीका में पहली बार टी-20 विश्व कप का आयोजन होना था। क्रिकेट का यह फॉर्मेट नया था। ऐसे में बीसीसीआई ने एक युवा और नई टीम को इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए भेजा और सीनियर टीम को आराम दिया गया।

टी-20 विश्व कप के लिए धोनी को टीम का कप्तान चुना गया। हालांकि कहा जाता है कि टीम मैनेजमेंट के इस फैसले के बाद कई बड़े खिलाड़ी नाखुश थे लेकिन वह खुलकर कभी भी अपनी बात को सबके सामने नहीं रख सके। इस बीच टी-20 विश्व कप में धोनी की अगुआई में टीम एक के बाद एक मैच जीतने लगी और फाइनल में अपनी जगह बना ली। यहां मुकाबला पाकिस्तान के साथ के साथ था। लो स्कोरिंग फाइनल में भारत ने रोमांचक जीत दर्ज कर ली और टी-20 विश्व कप का खिताब अपने नाम कर लिया।

इसके साथ ही भारत समेत पूरी दुनिया में धोनी के नाम की गूंज उठ गई। टी-20 के बाद धोनी को वनडे टीम की भी कमान मिली। इस बीच गांगुली और राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज वनडे से संन्यास ले चुके थे। साल 2011 में विश्व कप का आयोजन भारत में हुआ था। यह अच्छा मौका था कि भारत अपने घर में विश्व कप का खिताब अपने नाम करें।

Dhoni retires news, dhoni one day international retirement, dhoni retires latest news, ms dhoni reti

Image Source : GETTY
Dhoni

धोनी ने साल 2007 विश्व कप के बाद से ही साबित कर दिया था कि वह बहुत ही बेहतरीन नेतृत्वकर्ता हैं। अब मौका था कि अपनी कप्तानी का जौहर दिखाकर वनडे विश्व कप जीतने का। भारत के लिए यह विश्व कप कई मायनों में खास था। टीम के खिलाड़ी सिर्फ देश के लिए ही नहीं महान सचिन तेंदुलकर के लिए भी यह ट्रॉफी जीतना चाहते थे जिन्हें क्रिकेट का भगवान कहा जाता है।

धोनी की चतुर कप्तानी और टीम के बेमिसाल प्रदर्शन के दमपर भारत ने फाइनल में भारत ने श्रीलंका को हराकर 28 साल बाद दूसरी बार विश्व कप का खिताब अपने नाम किया और साबित किया कि उस दौर में उनसे बेहतर दुनिया में और कोई भी कप्तान नहीं है।

इन दो विश्व कप को जीतने के बाद भी धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को कई अन्य ट्रॉफी जीताई, जिसमें साल 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी शामिल है। इस तरह धोनी भारत के इकलौते ऐसे कप्तान बन गए जिन्होंने अपनी कप्तानी भारत को आईसीसी के सभी बड़े खिताब जीतने का कारनामा किया।

इंडियन प्रीमियर लीग में चैंपियन से लेकर विवाद तक

धोनी की कप्तानी में टी-20 विश्व कप जीतने के एक साल बाद ही भारत में इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत हुई। इस लीग में धोनी को चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम ने खरीदा और कहा जाता है कि धोनी पहले सीजन के सबसे मंहगे खिलाड़ियों में से एक थे। धोनी को सीएसके का कप्तान नियुक्त किया गया और लीग के तीसरे ही सीजन 2010 में यह टीम चैंपियन बन गई। सीएसके चैंपियन बनने में धोनी का महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने अपनी कप्तानी में फ्रेंचाइजी को लीग की सबसे मजबूत टीम बना दी थी। यही कारण है कि साल 2011 में लगातार दूसरी बार इस टीम ने खिताब पर अपना कब्जा किया।

Dhoni retires news, dhoni one day international retirement, dhoni retires latest news, ms dhoni reti

Image Source : BCCI
Dhoni

इस बीच टीम कई बार फाइनल में पहुंची लेकिन विजेता नहीं पाई लेकिन इस चैंपियन टीम और धोनी तब धक्का लगा जब स्पॉट फिक्सिंग मामले में साल 2016 में इस पर सीजन का बैन लगा दिया गया। लीग की इस चैंपियन टीम पर इस तरह का आरोप लगना भारतीय क्रिकेट के लिए किसी भूचाल से कम नहीं था। इसके साथ धोनी पर भी उंगलियां उठने लगी लेकिन उनपर किसी तरह का कोई आरोप साबित नहीं हुआ। हालांकि इस विवाद से धोनी आहत जरूर हुए थे।

साल 2018 में सीएसके की लीग में वापसी हुई और एक बार फिर धोनी की कप्तानी में आईपीएल का खिताब जीतकर टीम तीसरी बार चैंपियन बनी। इस बीच वह दो सीजन के लिए पुणे राइजिंग सुपरजाइंट्स के साथ खेले थे।

धोनी के संन्यास की अटकलें

भारतीय क्रिकेट को अर्श पर पहुंचाने वाले धोनी की बढ़ती उम्र के साथ उनके खेल में भी गिरावट देखने को मिली। कई बार आलोचकों ने कहा की धोनी में अब पहले की तरह मैच फिनिश करने की क्षमता नहीं बची हैं और उन्हें अब संन्यास ले लेना चाहिए।

धोनी आखिरी बार पिछले साल इंग्लैंड में खेले गए विश्व कप में नजर आ आए थे। भारत को इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में हार मिली थी। इस वजह से धोनी को काफी दुख भी हुआ।

Dhoni retires news, dhoni one day international retirement, dhoni retires latest news, ms dhoni reti

Image Source : GETTY
Dhoni

इंग्लैंड से वापस लौटने के बाद धोनी ने क्रिकेट से ब्रेक लेने की घोषणा की थी। इस बीच उनके संन्यास की अटकलें खूब तेज गई लेकिन उन्होंने खुद कभी इस पर अपनी बात नहीं रखी। धोनी इस साल टी-20 विश्व कप में खेलना चाहते थे लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इस टूर्नामेंट को स्थगित कर दिया। वहीं आईपीएल में भी धोनी खेलते रहेंगे।

आईपीएल का यह 13वां सीजन इस बार यूएई में खेला जाएगा। इसके लिए धोनी तैयारियों में जुट गए हैं। इसके लिए वह टीम के बाकी अन्य खिलाड़ियों के साथ सीएसके के ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लेने के लिए चेन्नई पहुंच चुके हैं और यही टीम के साथ वह यूएई रवाना होंगे।

वहीं धोनी भारत के लिए अबतक 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी-20 मैच खेल चुके हैं। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 4876 रन बनाए जिसमें 33 अर्द्धशतक और 6 शतक शामिल है। वहीं वनडे में 73 अर्द्धशतक और 10 शतक के साथ 10773 रन अपने नाम किए हैं जबकि टी-20 में धोनी ने 1617 रन बना चुके हैं।

Latest Cricket News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Cricket News in Hindi के लिए क्लिक करें खेल सेक्‍शन

Advertisement

लाइव स्कोरकार्ड

Advertisement
Advertisement