Friday, April 19, 2024
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BCCI : सौरव गांगुली और जय शाह बने रहेंगे अपने पदों पर, जानिए कब होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

BCCI : सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई की उस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है, जिसमें बीसीसीआई ने अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह सहित अपने पदाधिकारियों के कार्यकाल के संबंध में संविधान में संशोधन का आग्रह किया था।

Pankaj Mishra Edited By: Pankaj Mishra @pankajplmishra
Published on: July 20, 2022 16:03 IST
Sourav Ganguly- India TV Hindi
Image Source : PTI Sourav Ganguly

Highlights

  • बीसीसीआई अध्यक्ष, सचिव और अन्य पदों को लेकर होनी थी सुनवाई
  • सौरव गांगुली और जय शाह साल 2019 में बीसीसीआई में आए थे
  • कोर्ट अगर परमीशन देता है तो गांगुली और जय शाह पद पर बने रहेंगे

BCCI : बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह अभी भी अपने पद पर बने रहेंगे, जब तक कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से कोई आदेश जारी नहीं होता। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है, लेकिन बुधवार को कोर्ट ने इसे एक और दिन के लिए स्थगित कर दिया है। सौरव गांगुली को साल 2019 में बीसीसीआई अध्यक्ष चुना गया था, उसी वक्त जय शाह भी सचिन बने थे। सौरव गांगुली इससे पहले भी बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन में पदाधिकारी रहे हैं। बीसीसीआई ने अपने प्रस्तावित संशोधन में अपने पदाधिकारियों के लिए ब्रेक के समय को खत्म करने की स्वीकृति देने की मांग की है, ताकि अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव शाह अपने राज्य क्रिकेट संघों में छह साल पूरे करने के बावजूद अपने पदों पर बने रह पाएंगे। अब मामले की सुनवाई गुरुवार को हो सकती है। 

सुब्रमण्यम स्वामी मामले में खुद को पक्ष बनाने की स्वीकृति लेने के लिए हुए पेश 

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई की उस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है, जिसमें बीसीसीआई ने अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह सहित अपने पदाधिकारियों के कार्यकाल के संबंध में संविधान में संशोधन का आग्रह किया था। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने मामले को गुरुवार के लिए स्थगित कर दिया, क्योंकि बीसीसीआई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने सुनवाई स्थगित करने की मांग की थी। बिहार क्रिकेट संघ की ओर से पेश वकील ने कहा कि पदाधिकारी अपने कार्यकाल को जारी रखे हुए हैं, जबकि तकनीकी रूप से उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है। पीठ ने कहा कि कल एक दिन में कुछ नहीं होगा। जल्दी क्या है? भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी इस मामले में खुद को पक्ष बनाने की स्वीकृति लेने के लिए पेश हुए। इससे पहले पीठ बीसीसीआई की याचिका पर आपात सुनवाई के लिए राजी हो गई। 

बीसीसीआई के वकील ने कोर्ट में ये रखी अपनी बात
बीसीसीआई अपने पदाधिकारियों के कार्यकाल के संबंध में अपने संविधान को संशोधित करने की स्वीकृति मांग रहा है। बीसीसीआई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने कहा कि उनका आवेदन दो साल पहले दायर किया गया था और दो हफ्ते बाद अदालत ने इस मामले को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था। पटवालिया ने कहा कि लेकिन इसके बाद कोविड आ गया और मामले को सूचीबद्ध नहीं किया जा सका। कृपया इस मामले को आपात सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कीजिए, क्योंकि दो साल से संविधान में संशोधन का इंतजार किया जा रहा है। पीएस पटवालिया ने कहा कि न्यायालय के पूर्व के आदेश में कहा गया था कि संविधान में संशोधन न्यायालय की स्वीकृति के बाद ही किया जा सकता है। इससे पहले न्यायमूर्ति आरएम लोढा की अगुआई वाली समिति ने बीसीसीआई में सुधारवादी कदम उठाने की सिफारिश की थी जिसे शीर्ष अदालत ने स्वीकार किया था। सिफारिशों के अनुसार राज्य क्रिकेट संघ या बीसीसीआई के स्तर पर छह साल के कार्यकाल के बाद पदाधिकारियों को तीन साल के ब्रेक से गुजरना होगा। 

सौरव गांगुली और जयशाह इससे पहले राज्य क्रिकेट संघों में रहे हैं पदाधिकारी 
उच्चतम न्यायालय की ओर से स्वीकृत बीसीसीआई के संविधान के अनुसार अगर कोई पदाधिकारी राज्य क्रिकेट संघ या बीसीसीआई में तीन साल के लगातार दो कार्यकाल पूरे करता है तो उसे तीन साल का अनिवार्य ब्रेक लेना होगा। सौरव गांगुली बंगाल क्रिकेट संघ जबकि शाह गुजरात क्रिकेट संघ में पदाधिकारी थे। 

(Input PTI)

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