मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक मिलने और मनसुख हिरेन की हत्या पर चल रहे घमासान से बीच महाराष्ट्र सरकार ने 17 मार्च को परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया था। पद से हटने के 2 दिन बाद परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि पुलिस अधिकारियों की मदद से गृह मंत्री हर महीने 100 करोड़ रुपए की उगाही करवा रहे हैं।
बालासाहेब थोराट ने एक वीडियो संदेश में कहा कि महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रभारी एच के पाटिल ने राज्य में पार्टी के नेताओं के साथ विवाद पर चर्चा की और मामले पर उनकी राय समझने की कोशिश की।
महाराष्ट्र में मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर के पत्र के बाद वहां की राजनीति में आए तूफान के बाद परमबीर सिंह ने एक और बड़ा कदम उठाया है। परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और अपनी याचिका में महाराष्ट्र के गृह मंत्री के कथित भ्रष्टाचार की सबूत नष्ट होने से पहले जांच की मांग की है।
अपनी याचिका में परमबीर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि अनिल देशमुख पुलिस विभाग के तबादलों में भ्रष्टाचार करते थे और इस मुद्दे को उठाने वाली महिला अधिकारी हटाया गया था। याचिका में परमबीर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि अनिल देशमुख कई मामलों में चल रही जांच में हस्तक्षेप करते थे और उस तरह से जांच करने के लिए बोलते थे जिस तरह वे खुद चाहते थे।
बीजेपी ने एनसीपी प्रमुख के स्पष्टीकरण पर पलटवार किया है जिसमें कहा गया है कि अनिल देशमुख को कोरोनोवायरस संक्रमण के कारण 5 फरवरी से 15 फरवरी तक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। भाजपा ने बाद में महाराष्ट्र एचएम का एक वीडियो जारी किया जिसमें 15 फरवरी को पीसी करते देखा गया था।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री के इस्तीफे की भाजपा की मांग के बारे में पूछे जाने पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि यह स्पष्ट है कि जिस अवधि के दौरान आरोप लगाए गए, अनिल देशमुख अस्पताल में भर्ती थे। जैसा कि यह स्पष्ट है, इस तरह की मांगों में कोई मजबूती नहीं है |
एक तरफ जहां शरद पवार ने अनिल देशमुख के बचाव में दलीलें दी हैं औऱ कहा कि वो 5 से 15 फरवरी तक एडमिट थे, जबकि बीजेपी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अनिल देशमुख का पुराना ट्वीट साझा करते हुए कहा कि अनिल देशमुख इस दौरान मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने दिल्ली में मीडिया को ब्रीफ कर अनिल देशमुख का बचाव किया। उन्होंने कहा कि पहली नचर में मुझे लगा कि आरोप गंभीर हैं। फरवरी में वाजे से देशमुख की कोई मुलाकात नहीं हुआ।
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख द्वारा सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट देने का पर्दाफाश होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) सक्रिय हो गया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय राउत ने कहा कि केंद्र चाहे जिस भी एजेंसी से महाराष्ट्र में जांच करवा सकता है, उन्होंने कहा, "ED (प्रवर्तन निदेशालय) या उनके पिताजी को ले आइए, NIA या CBI को ले आइए, जो जांच करनी है कर लीजिए" उन्होंने आगे कहा, "कोई कुछ भी करे, कोई भी जांच हो... महाराष्ट्र सरकार का कोई बाल बांका नहीं कर सकता"
सूत्रों के अनुसार विनायक शिंदे ने वाज़े के कहने पर 4 मार्च को मनसुख को फ़ोन किया | इसके अलावा पहचान छुपाने के लिए गुजरात के सिम कार्ड का प्रयोग किया गया था |
महाराष्ट्र गृहमंत्री अनिल देशमुख पर बोले शिवसेना नेता संजय राउत, अगर एनसीपी प्रमुख ने फैसला किया है कि आरोपों की जांच होनी चाहिए, तो क्या गलत है? कोई भी किसी भी आरोप को लगा सकता है। अगर लोग मंत्रियों का इस्तीफा ऐसे ही ले लेते हैं तो सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा |
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी और शिवसेन के चाणक्य कहे जाने वाले संजय राउत ने प्रेस वार्त की है। उन्होंने कहा कि इस्तीफा लेने का अधिकार सीएम का होता है, उनको तय करने दीजिए। यदि कोई केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करके महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रयास कर रहा है, तो मैं उन्हें चेतावनी दे रहा हूं - आप स्वयं उस आग में जल जाएंगे।
शरद पवार की सलाह के बारे में सवाल करने पर रिबैरो ने पीटीआई/भाषा से कहा, "मैं उपलब्ध नहीं हूं। किसी ने (राज्य सरकार में से) मुझसे संपर्क नहीं किया है। और वैसे भी अगर वे मुझसे संपर्क करते हैं तो, मैं उपलब्ध नहीं हूं।"
एनसीपी नेताओं की बैठक से पहले, महाराष्ट्र में गठबंधन सहयोगी कांग्रेस का संदेश लेकर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ भी शरद पवार के घर पहुंचे थे। कमल नाथ करीब आधे घंटे तक शरद पवार के घर रहे। कमल नाथ से पहले शिवसेना नेता संजय राउत भी शरद पवार के घर आकर उनसे मिले।
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की वसूली कराने का गंभीर आरोप लगाने के बाद से राजनीति गरमा गई है।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार के दिल्ली आवास पर हुई महाविकास अघाड़ी सरकार के बड़े नेताओं की बैठक के बाद जयंत पाटिल ने साफ कर दिया कि गृह मंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अनिल देशमुख के इस्तीफे की जरूरत नहीं।
एनसीपी सूत्रों के मुताबिक, गृहमंत्री अनिल देशमुख को उनके पद से हटाया जा सकता है। जयंत पाटील या दिलीप वलसे पाटील को महाराष्ट्र का नया गृहमंत्री बनाया जा सकता है।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग करने के एक दिन बाद, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने रविवार को केंद्रीय जांच की मांग की और कहा कि कैसे उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटकों से भरी एसयूवी खड़ी की गई।
एक और चौंकाने वाले रहस्योद्घाटन में, यह बात सामने आई है कि पूर्व कांस्टेबल विनायक ने सोशल मीडिया पर अपनी नई कार की तस्वीर पोस्ट की थी, लेकिन बाद में मनसुख हिरानी की मौत से पहले इसे हटा दिया। समय बीतने के साथ मामला और गहराता जा रहा है।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़