भारत से हथियार या रक्षा उपकरण खरीदने के मामले में शीर्ष तीन देशों में अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया शामिल हैं। अमेरिका, फ्रांस और अर्मेनिया के अलावा कई अन्य देश भी हैं जो भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट में खासी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने "मेक इन इंडिया" जैसी कई नीतिगत पहल की है और पिछले 10 वर्षों में इसमें कई आर्थिक सुधार किए हैं।
भारत फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइलों का पहला सेट सौंपने जा रहा है। दोनों देशों के बीच 2022 में इस हथियार प्रणाली को लेकर 375 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सौदा हुआ था।
ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता बढ़कर 900 किलोमीटर हो गई है। शुरुआत में यह रेंज सिर्फ 290 किमी थी। मारक क्षमता बढ़ने के बाद जानिए चीन और पाकिस्तान के कौन कौनसे इलाके जद में आ जाएंगे?
भारत की ब्रह्मोस मिसाइल चीन का काल बनने वाली है। दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस की सेना भारत के ‘ब्रह्मास्त्र‘ ब्रह्मोस मिसाइल से लैस होगी। इससे ड्रैगन की हेकड़ी निकल जाएगी।
DRDO ने घोषणा की है कि मार्च तक देश की शक्तिशाली सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस का निर्यात शुरू हो जाएगा।
अमेरिका से लेकर अफ्रीका तक पूरी दुनिया भारत के हथियारों की दीवानी है। खासकर आकाश और ब्रह्मोस मिसाइल का लोहा पूरी दुनिया मानती है। जानिए क्या है कारण?
नौसेना की नई स्वदेशी मिसाइल विध्वंसक इंफाल ने बुल्स आई' स्कोर किया है। समंदर में अपनी पहली ब्रह्मोस फायरिंग में उसने ये हासिल किया है। इसका वीडियो भी सामने आया है।
मिस्र में संयुक्त अभ्यास के दौरान भारतीय वायु सेना के पांच मिग-29 लड़ाकू विमान उड़ान भर रहे हैं। इसी बीच ब्रह्मोस और तेजस खरीदने में मिस्र ने दिलचस्पी दिखाई है। 20 तेजस विमानों को लेकर बातचीत चल रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स समिट के बाद अब ग्रीस यात्रा पर पहुंच गए हैं। 40 साल बाद यूनान के दौरे पर यह भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा है। इस दौरान दोनों देशों के बीच कारोबार के साथ ही रक्षा संबंधों पर भी बात होगी। ग्रीस पाकिस्तान के दोस्त तुर्की का दुश्मन है।
ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। वह बैलिस्टिक मिसाइल से अलग है। S-400 डिफेंस सिस्टम खासतौर से बैलिस्टिक मिसाइलों से सुरक्षा के लिए बनाई गई है।
चीन को डराने वाली इस भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल को फिलीपींस, इंडोनेशिया के बाद अब वियतनाम भी खरीदने की तैयारी में है।
भारत अब पानी के रास्ते ही चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के घर मिनटों में आग लगा सकता है। दरअसल रविवार को भारतीय नौसेना ने अपने खतरनाक युद्धपोत आइएनएस मोरमुगाओ (D67) विध्वंसक से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण करके दुश्मनों में खलबली मचा दी है।
हाइपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस रूस की जिरकॉन मिसाइल की तरह खतरनाक होगी। यह पलक झपकते ही दुश्मन देशों में तबाही मचा देने में सक्षम होगी। इससे पाकिस्तान और चीन जैसे देशों की अकड़ अपने आप ढीली हो जाएगी।
मिसाइल के पाक में गिरने की घटना से डरे पाकिस्तान ने सालभर बाद फिर भारत से अपील की है कि वह ब्रह्मोस मिसाइल मामले में जॉइंट इन्वेस्टिगेशन में शामिल हो। वैसे भारत पहले भी इस मामले में साझा जांच से इनकार कर चुका है।
भारतीय नौसेना ने ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल का परीक्षण कोलकाता के युद्धपोत से किया गया। मिसाइल में स्वदेशी सामग्री बढ़ाने पर ब्रह्मोस एयरोस्पेस लगातार काम कर रहा है।
रक्षा अधिकारी ने बताया कि भारतीय वायु सेना ने आज Su-30MKI विमान से टारगेट जहाज पर ब्रह्मोस एयर लॉन्च मिसाइल की विस्तारित रेंज संस्करण को सफलतापूर्वक टेस्ट फायर किया।
Brahmos Missile: भारत सरकार बाय इंडियन केटेगरी के तहत 1700 करोड़ रुपए में ब्रह्मोस मिसाइलें खरीद रही है। ये मिसाइलें जमीन से जमीन पर मार करने के अलावा एंटी टैंक हमलों को रोकने में भी सक्षम है।
Minstry Of Defense: रक्षा मंत्रालय ने सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों की अतिरिक्त दोहरी भूमिका के अधिग्रहण के लिए गुरुवार को 1,700 करोड़ रुपए के सौदे पर हस्ताक्षर किए।
BrahMos Missile: तीन अधिकारियों को ब्रह्मोस मिसाइल दागे जाने की घटना के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है। केंद्र सरकार ने उनकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं। अधिकारियों को 23 अगस्त को बर्खास्तगी के आदेश दे दिए गए हैं।
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