सरकार घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देने और कीमतों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से पिछले कुछ वर्षों से चना सहित विभिन्न प्रकार की दालों का बफर स्टॉक बनाए रख रही है।
चना दाल जो फिलहाल बाजार में उपलब्ध सबसे सस्ती दाल है, की कीमत में एक महीने में 4 प्रतिशत कमी देखने को मिली है। इस सप्ताह अरहर दाल की कीमतों (Arhar dal price) पर दबाव रहने की उम्मीद है।
चना भारत में सबसे अधिक मात्रा में उत्पादित होने वाला दलहन है और पूरे देश में कई रूपों में इसका सेवन किया जाता है।
Side effects of chana dal: चना दाल सबसे ज्यादा प्रोटीन से भरपूर है। लेकिन, कई बार यह नुकसानदेह हो सकती है। आइए, जानते हैं ऐसी कौन सी समस्याएं हैं जिनमें इसका सेवन नहीं करनी चाहिए।
सरकार चना वायदा कारोबार से प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रही है। इसका मकसद कटाई के समय किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाना है।
उपभोक्ताओं को राहत दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने NCCF को निर्देश दिया कि वह दिल्ली में चना दाल की बिक्री 60 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से करे।
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