भारत पेट्रोलियम का बाजार मूल्यांकन 85,316 करोड़ रुपए है और मौजूदा दर पर सरकार की हिस्सेदारी का मूल्य 45,200 करोड़ रुपए बैठता है।
सरकार को उम्मीद है कि सरकारी तेल वितरण कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में वह अगले वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है।
सरकार ने अपने विनिवेश कार्यक्रम के तहत देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में अपनी कुछ हिस्सेदारी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए बेचने की घोषणा की है।
सफल बोलीदाता को एयरलाइन का मैनेजमेंट कंट्रोल भी स्थानांतरित किया जाएगा।
सरकार एयर इंडिया में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने जा रही है। सोमवार को सरकार ने एयर इंडिया की बिक्री से जुड़े प्रिलिमिनरी इंफोर्मेशन मेमोरेंडम जारी कर दिया है।
वित्तीय संकट में फंसी सरकारी एयरलाइन एअर इंडिया को अगर खरीदार नहीं मिला तो अगले साल जून तक उसे परिचालन बंद करने के लिए मजूबर होना पड़ सकता है।
मझगांव देश में समुद्री जहाज बनाने वाली बड़ी कंपनियों में शामिल है। यह देश की रणनीतिक जरूरतों को पूरा करती है।
सरकार ने इसके साथ ही इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) जैसे चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे लाने को मंजूरी दे दी।
एसीसी ने पिछले हफ्ते खाची के 19 अक्टूबर, 2019 से 6 नवंबर, 2019 तक अवकाश पर जाने के बाद आर्थिक मामलों के सचिव अतानु चक्रवर्ती को दीपम सचिव की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी थी।
इसके अलावा मंत्रिमंडल ने पावर कंपनियों टीएचडीसी इंडिया और नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (नीपको) में सरकार की हिस्सेदारी को एनटीपीसी को बेचने के प्रस्ताव को भी अपनी स्वीकृति दे दी है।
एयर इंडिया पर 50,000 करोड़ रुपए से अधिक के कर्ज का बोझ है।
मोदी-2.0 सरकार के सत्ता में आने के बाद समूह का पुनर्गठन किया गया है और गडकरी अब इस समूह का हिस्सा नहीं हैं।अब इसमें पांच के बजाये चार सदस्य हैं।
एअर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म (एआईएसएएम) इस बाबत अंतिम निर्णय करेगा।
एयर इंडिया की बिक्री को लेकर जारी अनिश्चितता का दौर लगभग खत्म हो चुका है। सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार ने फिलहाल सरकारी विमानन कंपनी एअर इंडिया की बिक्री की योजना टाल दी है।
निजीकरण की तैयारियों तथा बढ़ते घाटे के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया आरक्षित श्रेणी में 270 सह- पायलटों की नियुक्ति की तैयारी कर रही है।
अब जेट एयरवेज राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया के अधिग्रहण की दौड़ से बाहर हो गई है। जेट एयरवेज ने आज कहा कि वह एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया में शामिल नहीं होगी।
सरकार को उम्मीद है कि एयर इंडिया के निजीकरण की प्रक्रिया इस साल के अंत तक पूरी हो जाएगी।
एयर इंडिया के विनिवेश की दिशा में आगे बढ़ रही सरकार इस विमानन कंपनी के कर्मचारियों को सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य उपक्रमों में भेजने या उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) पैकेज देने की तैयारी कर रही है।
एयर इंडिया में सरकार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए भी कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है।
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