प्रदीप सिंह खरोला कर्नाटक केडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, वह एयर इंडिया की कमान ऐसे समय में संभाल रहे हैं जब सरकार इसके विनिवेश पर विचार कर रही है
सार्वजनिक क्षेत्र की हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाता कंपनी पवन हंस के 300 कर्मचारियों से अधिक की एक यूनियन सरकार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में जुटी है।
जयंत सिन्हा ने कहा है कि एयर इंडिया के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय परिचालनों को एक साथ बेचा जाएगा। कर्ज में डूबी एयर इंडिया में विनिवेश के लिए प्रक्रिया शुरू
बुधवार को मंत्री स्तरीय समूह की बैठक के बाद सरकार ने एअर इंडिया के विनिवेश के लिए लेनदेन के लिए सलाहकार नियुक्त करने का फैसला किया है
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने MSTC की इकाई फेरो स्क्रैप निगम लि. (FSNL) के विनिवेश पर आगे नहीं बढ़ने की सहमति दे दी है।
इस तरह की खबरें आ रही हैं कि हिस्सा बिक्री से पहले एअर इंडिया अपने स्टाफ से करीब 15,000 कर्मचारियों को रिटायरमेंट दे सकती है
घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया को बेचने का सैद्धांतिक फैसला कर चुकी मोदी सरकार, अब इसे कई हिस्सों में बेचने पर विचार कर रही है।
SAIL की 3 इकाइयों के कर्मचारी मंगलवार को एक दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। वह सरकार के SAIL का विनिवेश करने के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं।
हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (Hudco) को सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के तहत IPO के जरिये पूंजी जुटाने के लिए SEBI से मंजूरी मिल गई है।
जनवरी-मार्च में NMDC, Nalco और MOIL जैसी सार्वजनिक कंपनियों में Disinvestment शुरू कर सकती है। इससे सरकार को 6,000 करोड़ रुपए मिलने की है उम्मीद।
ओआईएल, एनएफएल और आरसीएफ में विनिवेश के लिए सलाह देने के अनुबंध के इच्छुक मर्चेंट बैंकरों से निविदाएं आमंत्रित की हैं।
सरकार ने एनएमडीसी की 10% हिस्सेदारी बेचने में मदद करने के लिए मर्चेंट बैंकरों से बोली आमंत्रित की है। सरकारी खजाने में करीब 3,900 करोड़ रुपए आ सकते हैं।
वित्त वर्ष 2016-17 में विनिवेश के लिए ONGC, Oil India और कोल इंडिया समेत 16 पीएसयू की लिस्ट तैयार की गई है। इनसे सरकार को 40,000 करोड़ रुपए मिल सकते हैं।
2015 में सरकार को विनिवेश से होने वाली प्राप्तियां पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई हैं। अभी तक सरकार ने 35,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जुटाई है।
सरकार ने साल 2015-16 के लिए छमाही इकोनॉमिक सर्वे जारी कर दिया है। इसमें जीडीपी अनुमान को 8.1-8.5 फीसदी से घटाकर 7-7.5 फीसदी कर दिया गया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में खर्च बढ़ाने के लिए सरकार को और धन की जरूरत है और इसे कोल इंडिया लिमिटेड में 10 फीसदी हिस्सेदारी और बेचकर पूरा किया जाएगा।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश के जरिये 69,500 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार अभी तक केवल 12,600 करोड़ रुपए ही जुटा पाई है।
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