लद्दाख के गलवान घाटी में खूनी संघर्ष के बाद भारत-चीन में तनातनी जारी है। इस बीच एलएसी पर चीन को सबक सिखाने के लिए भारतीय सेना ने फुलप्रुफ प्लान बना लिया है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पूर्वी लद्दाख में तनातनी को ‘बेहद गंभीर और चिंताजनक स्थिति’ बताते हुए भारत और चीन से अपने सीमा मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत करने का आह्वान किया।
गलवान वैली की सैटेलाइट तस्वीरों पर सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। तस्वीरों में दिख रहे स्ट्रक्चर्स चीन के नहीं बल्कि भारत के हैं। पहले तस्वीरों में दिख रहे स्ट्रक्चर्स को चीन का बताया जा रहा था लेकिन इंडिया टीवी की जानकारी के मुताबिक ये स्ट्रक्चर भारत के हैं।
कुरैशी ने दावा किया कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत 'फॉल्स फ्लैग आपरेशन’ (ऐसी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई, जिसमें कार्रवाई करने वाले की पहचान अस्पष्ट हो) शुरू करने का बहाना ढूंढ रहा है लेकिन उन्होंने इसका कोई ब्यौरा नहीं दिया और न ही कोई सबूत दिया।
एक ओर शांति के लिए अफसरों के बीच बैठकें हो रही है और दूसरी ओर खबर ये है कि गलवान घाटी में हिंसा वाली जगह पर चीन ने टेंट लगा दिए हैं। गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर ये टेंट लगाए गए हैं।
चीन को साफ-साफ कहा गया कि वह अपने सैनिकों को अप्रैल 2020 की पोजिशन में वापस ले, जिसे चीनी सेना ने मान लिया। जो लोग चीनी सेना के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं, उनका मानना है कि चीन को सख्त तेवर दिखाने की जरूरत है।
एलएसी पर भारतीय सेना पूरी मुस्तैदी से देश की एक-एक इंच ज़मीन की हिफाजत कर रही है और जब तक चीन का आखिरी सैनिक, आखिरी पोस्ट, आखिरी तंबू, आखिरी हथियार बहुत पीछे नहीं चला जाता तब तक भारतीय सेना पीछे नहीं हटेगी।
सीमा पर भले ही भारत और चीन के बीच समझौता हो गया लेकिन चीन इस हार को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। लद्दाख में चीन शांति स्थापित करने की दुहाई दे रहा है, वहीं भारत को जब दूसरे देशों का समर्थन मिल रहा है तो उसे देखकर परेशान भी हो रहा है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत को गलवान घाटी की घटना को गश्ती-टकराव मानकर खारिज करने की गलती नहीं करनी चाहिए।
ऊर्जा विभाग के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को 'भाषा' को बताया कि प्रदेश में अब चीन बने बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक लगा दी गई है।
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने लेह पहुंचकर सैनिकों से मुलाकात की। आर्मी चीफ ने उन घायल सैनिकों से भी मुलाकात की जो LAC पर चीन के साथ हुई झड़प में घायल हो गए थे।
भारतीय सशस्त्र बल किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और एलएसी पर चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है।
इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो जाता है कि चीन इस हमले के जरिए भारत को अपनी ताकत का संदेश देना चाहता था। हालांकि चीन की यह योजना उल्टी पड़ गई और इस हिंसक झड़प में उसके 40 से ज्यादा सैनिक हताहत हो गए।
कमांडर्स लेवल की बातचीत के बाद चीन झुक गया है। कल की बातचीत में दोनों देशों के बीच तनाव कम करने पर सहमति बनी है और जिन प्वाइंट को लेकर टेंशन है, उनसे दोनों सेनाएं पीछे हटेंगी।
चीन से तनाव के बीच सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे हालात का जायजा लेने के आज दो दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंच गए हैं। सूत्रों ने बताया कि सेना प्रमुख लद्दाख में तैनात कमांडरों के साथ गतिरोध पर चर्चा करेंगे और अग्रिम इलाकों का दौरा करेंगे।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद आज पहली बार जयशंकर और वांग यी आमने-सामने होंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर आज रूस-भारत-चीन (आरआईसी) की त्रिपक्षीय डिजिटल कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे।
सोमवार को सहरद पर भारत और चीन के बीच एक बार फिर कोर कमांडर लेबल की बात हुई और इसमें भारत ने साफ कर दिया कि चीन को दो मई से पहले वाली स्थिति बहाल करनी होगी।
भारत चीन के बीच कोर कमांडर लेवल की मॉलदो में सुबह 11:30 बजे से चल रही मीटिंग खत्म हो गई है। इस मीटिंग में पेंगोंग सो, पेट्रोलिंग पॉइंट 14 , पेट्रोलिंग पॉइंट 15 और पेट्रोल पॉइंट 17 के बारे में चाइनीज एक्शन को डिसकस किया गया।
यूपी कांग्रेस ने इंदिरा गांधी की फोटो के साथ एक ऐसा ट्वीट किया है, जिसका स्क्रीन शॉट तेजी से वायरल हो रहा है।
मौजूदा भारत-चीन सीमा गतिरोध पर टिप्पणी करते हुए सिंह ने शनिवार को एक समाचार चैनल से कहा, “अगर हमने 20 सैनिक गंवाए हैं तो उनकी (चीन की) तरफ भी दोगुने से ज्यादा लोग मारे गए हैं।”
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