Thursday, March 28, 2024
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गलवान वैली की सैटेलाइट इमेज पर सबसे बड़ा खुलासा, तस्वीर में दिख रहे स्ट्रक्चर चीन के नहीं भारत के

गलवान वैली की सैटेलाइट तस्वीरों पर सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। तस्वीरों में दिख रहे स्ट्रक्चर्स चीन के नहीं बल्कि भारत के हैं। पहले तस्वीरों में दिख रहे स्ट्रक्चर्स को चीन का बताया जा रहा था लेकिन इंडिया टीवी की जानकारी के मुताबिक ये स्ट्रक्चर भारत के हैं।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 25, 2020 11:43 IST
Biggest disclosure on Galwan Valley, structure seen in satellite images is not of China but of India- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Biggest disclosure on Galwan Valley, structure seen in satellite images is not of China but of India

नई दिल्ली: गलवान वैली की सैटेलाइट तस्वीरों पर सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। तस्वीरों में दिख रहे स्ट्रक्चर्स चीन के नहीं बल्कि भारत के हैं। पहले तस्वीरों में दिख रहे स्ट्रक्चर्स को चीन का बताया जा रहा था लेकिन इंडिया टीवी की जानकारी के मुताबिक ये स्ट्रक्चर भारत के हैं जिसे भारतीय सेना ने 15 जून की झड़प के बाद बहुत तेजी से बनाया है।

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गलवान वैली में भारतीय सेना ने बहुत तेज गति से अपना बिल्डअप बढ़ाया है। भारतीय सेना ने बड़ी तादाद में अस्थाई बंकर बनाए हैं जिन्हें संगर कहते हैं। चूंकि मामला भारतीय सेना की स्ट्रैटजी से जुड़ा है ऐसे में हम आपको इसके बारे में ज्यादा डिटेल या इससे ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते।

तस्वीरों में दिख रहे गुलाबी स्ट्रक्चर्स बंकर नहीं बल्कि संगर हैं। बता दें कि अस्थाई बंकर को संगर कहते हैं। भारत ने ये संगर 16 से 22 जून के बीच बनाए। गलवान वैली में भारत ने एलएसी के करीब बड़ी तादाद में संगर बनाए हैं।

गौरतलब है कि चीन की सेना ने 6 जून और फिर 22 जून को भारतीय सेना के साथ बातचीत की थी लेकिन बात की आड़ में वो गलवान में फिर धोखा देने की कोशिश में है। सैटेलाइट के जरिये जो तस्वीरें सामने आई है उसमें ये साफ दिख रहा है कि पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर चीन की सेना की गाड़ियां और चाइनीज आर्मी की एंबुलेंस मौजूद हैं। ये तस्वीर 22 जून की है जिस दिन चीन के साथ मिलिट्री लेवल पर बात हो रही थी और ये एंबुलेंस और कार चीन की सेना के अफसरों के हैं।

बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि गलवान घाटी में हिंसा वाली जगह पर चीन ने टेंट लगा दिए हैं। गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर ये टेंट लगाए गए हैं। बुधवार को ही दोनों देशों के अधिकारियों के बीच करीब ढाई घंटे की बैठक हुई । इस बैठक में चीन ने कहा कि वो डिसइंगेजमेंट के प्लान पर काम करने के लिए सहमत है।

बताया गया कि विवादित पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर फिर से टेंट खड़े करना, चीन की पैतरेबाजी को दिखाता है। सैटेलाइट इमेज बताते हैं कि चीन की सेना इस वक़्त एलएसी पर पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 के मुहाने पर ही मौजूद है। भारत ये सोचकर बैठा है कि चीन वापस चला जाएगा लेकिन टेंट हटाने की बजाय उसने और भी तंबू गाढ़ दिए हैं और स्ट्रक्चर खड़े कर दिए हैं।

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