निशिकांत दुबे ने संसद में कहा कि आज की नई थ्योरी है कि सस्टेनेबल इकोनोमिक वेलफेयर आम आदमी का हो रहा है या नहीं हो रहा। GDP से ज्यादा जरूरी है कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट, हैपिनेस हो रहा है की नहीं।
शोधकर्ताओं का दावा है कि मुस्कुराने से लोग सचमुच में खुश महसूस कर सकते हैं। इन परिणामों तक पहुंचने के शोधकर्ताओं ने 50 साल का डेटा निकाल कर जांचा कि क्या चेहरे के भावों का उससे जुड़ी भावनाओं को महसूस करने से संबंध है।
संयुक्त राष्ट्र की ये सूची 6 कारकों पर तय की जाती है। इसमें आय, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, सामाजिक सपोर्ट, आजादी, विश्वास और उदारता शामिल हैं।
International Day of Happiness: हर साल 20 मार्च को इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस मनाया जाता है। जानें क्यों, कब और कैसे हुई इस शानदार दिन की शुरुआत।
वैज्ञानिकों ने अपनी एक खोज में पाया है कि किसी को कुछ देने का आनंद कभी खत्म नहीं होता और दूसरों को अक्सर उपहार देते रहने की प्रवृत्ति आपको लंबे समय के लिये खुशहाल रखती है।
भारत के पड़ोसी देशों में सबसे खुशहाल पाकिस्तान है। उसे 75वां स्थान दिया गया है। चीन को खुशहाली के मामले में 86वां स्थान दिया गया है। भूटान को 97वां, नेपाल को 101वां, बांग्लादेश को 115वां, श्रीलंका को 116वें और म्यांमार को इस सूची में 130वें स्थ
भारत में जापान के सहयोग से पहली बुलेट ट्रेन शुरू करने की पहल पर चीन ने बुधवार को कहा कि वह इस विकास से खुश है और वह खुद नई दिल्ली के साथ रेलवे सहित ऐसे बुनियादी ढांचों के निर्माण में सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है।
हमारे अंदर थोड़ी सकारात्मकता आए, क्योंकि रात्रि खुद में काफी नकारात्मकता लिए हुए होती है। आज हम अपनी खबर में आपको ऐसी ही कुछ गूढ़ बातें बताएंगे जिन्हें स्त्री और पुरुष दोनों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
वर्ल्ड हैप्पिनेस रिपोर्ट 2017 के अनुसार, खुश रहने के मामले में भारतीय, चीनी और पाकिस्तानियों से भी पीछे हैं। नॉर्वे को सबसे खुश देश करार दिया गया है।
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