बता दें कि मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव के लिए वोटिंग हुई, जिसमें कुमारस्वामी सरकार को 99 विधायकों का समर्थन मिला जबकि बीजेपी के पक्ष में 105 वोट पड़े।
कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार के विश्वासमत हारने के बाद अब बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है।
कर्नाटक के इतिहास में केवल तीन मुख्यमंत्री ही पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा कर पाये। चौदह माह तक सत्ता में रहने के बाद एच डी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार मंगलवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव हार बैठी।
कर्नाटक में सरकार बचाने की लंबी जद्दोजहद भी काम नहीं आई और आखिरकार एचडी कुमारस्वामी सरकार फ्लोर टेस्ट में फेल हो गई। इसपर मायावती ने कर्नाटक में बसपा के एकमात्र विधायक एन. महेश को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
कर्नाटक में सरकार बचाने की लंबी जद्दोजहद भी काम नहीं आई और आखिरकार एचडी कुमारस्वामी सरकार फ्लोर टेस्ट में फेल हो गई।
कर्नाटक विधानसभा में मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी विश्वासमत पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं। इस बीच बेंगलुरु में एहतियातन अगले 48 घंटे के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है।
सदन में मंगलवार को सत्ता पक्ष के इका दुका विधायक ही सदन में नजर आए जबकि विश्वास प्रस्ताव पर आज मतदान होना है। कुमार ने मंत्री प्रियांक खड़गे से पूछा, ‘‘यह अध्यक्ष के भविष्य की बात है विधानसभा के।’’
इस बीच खबर ये है कि बागियों को मनाने के लिए आखिरी कोशिश के तौर पर जेडीएस ने कुमारस्वामी के सीएम की कुर्सी छोड़ने की पेशकश भी की। जेडीएस की तरफ से ऑप्शन दिया गया कि सिद्धारमैया, जी परमेश्वर या डीके शिवकुमार में से कोई भी चीफ मिनिस्टर बने, उन्हें परेशानी नहीं है लेकिन बीजेपी की जीत नहीं होनी चाहिए।
कर्नाटक में जल्द से जल्द शक्ति परीक्षण कराने की दो निर्दलीय विधायकों की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को इनकार कर दिया।
कर्नाटक विधानसभा में सोमवार को भी 'नाटक' जारी रहा। पूरे दिन जहां भाजपा के नेता फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर अड़े रहे, वहीं दूसरे दिन गठबंधन के नेता मुद्दे को खिंचते नजर आए। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने भरोसा जताया है कि सोमवार कुमारस्वामी सरकार का आखिरी दिन होगा।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा कि वह अपनी सरकार को बचाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग नहीं करेंगे। विधानसभा में उनके द्वारा पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव को लेकर उन्होंने यह बात की।
राज्यपाल ने गुरुवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे तक विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने को कहा है। इससे पहले कर्नाटक विधानसभा को गुरुवार को सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद (एस) व विपक्षी भाजपा के नेताओं के विश्वास मत प्रस्ताव पर देरी करने को लेकर हंगामे के बाद विधानसभा को स्थगित कर दिया गया।
बीजेपी विधायकों ने सदन में ही रात भर धरना दिया। पार्टी के विधायक तकिया और चादर लेकर पहुंचे और जहां जगह मिली वहीं तनकर सो गए।
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली 14 महीने पुरानी गठबंधन सरकार का भविष्य तय करने वाले विश्वास प्रस्ताव पर गुरुवार को कर्नाटक विधानसभा में मतदान नहीं हो सका।
गठबंधन सरकार के 16 विधायकों के विधानसभा से इस्तीफा देने और दो निर्दलीय विधायकों के सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद सभी की निगाहें विश्वास मत पर टिकी हैं। बहरहाल, एक असंतुष्ट विधायक रामलिंगा रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने पार्टी के साथ रहने का फैसला कर लिया है
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अगर फ्लोर टेस्ट से पहले स्पीकर रमेश कुमार 15 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लेते हैं तो कर्नाटक विधानसभा में सदस्यों की संख्या 225 से घटकर 210 रह जाएगी क्योंकि स्पीकर वोटिंग में हिस्सा नहीं लेते हैं। ऐसे में केवल 209 विधायक ही विश्वास मत पर वोटिंग कर सकेंगे।
कर्नाटक में जारी सियासी ड्रामे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब कांग्रेस ने अपने बागी विधायकों को मनाने की आखिरी कोशिश की है।
कर्नाटक में जारी सियासी संकट के बीच भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा सरकार बनाने को लेकर निश्चिंत नजर आ रहे हैं।
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