असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची आने के बाद कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि एनआरसी की मौजूदा स्थिति से राज्य का हर वर्ग नाराज है और देश के वास्तविक नागरिकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
असम में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल असम गण परिषद (अगप) ने एनआरसी की अंतिम सूची पर असंतोष जताते हुए शनिवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय में इसकी समीक्षा की गुंजाइश है, जो पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रहा है।
ऑल असम स्टुडेंट्स यूनियन (आसू) शनिवार को जारी अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से बाहर रखे गये नामों के आंकड़े से खुश नहीं है और इसमें सुधार के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख करने का निर्णय किया है।
नेशनल सिटिजन रजिस्टर या एनआरसी की अंतिम लिस्ट प्रकाशित होने के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भाजपा को सबक सीखना चाहिए, उन्हें देशभर में हिंदु और मुसलमान के आधार पर एनआरसी के संबंध में पूछना बंद करना चाहिए।
दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने राष्ट्रीय राजधानी में भी एनआरसी को लागू कराने की मांग की है।
नेशनल सिटिज़न रजिस्टर (एनआरसी) की आखिरी लिस्ट जारी हो गई है। इसमें अपना नाम कैसे चेक करें? ये जानने के लिए नीचे खबर पढ़िए।
असम एकमात्र राज्य है जहां 1951 के बाद सूची में संशोधन किया जा रहा है। आइए, जानते हैं एनआरसी की इस लिस्ट से जुड़ी खबरों एवं अपडेट्स के बारे में:
मसौदा एनआरसी में जिन लोगों का नाम शामिल नहीं था लेकिन शनिवार को प्रकाशित होने वाली अंतिम एनआरसी सूची में उन्हें जगह मिल गयी है तो उनके आधार कार्ड जारी किये जाएंगे।
नबारूण गुहा अपनी कुर्सी पर बेचैनी की हालत में बैठे हुए हैं। गुहा पत्रकार हैं और जब उन्हें पता चला कि उनका नाम अंतरिम और अंतिम मसौदे में शामिल नहीं हुआ है उसके बाद से वह दो बार एनआरसी सेवा केंद्र (एनएसके) का दौरा कर चुके हैं।
असम के पुलिस प्रमुख ने कहा है कि पुलिस, सामुदायिक पुलिस प्रणाली का नवोन्मेषी मॉडल अपनाकर राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अद्यतन प्रक्रिया के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती से प्रभावी तरीके से निपट पायी है।
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की 31 अगस्त को प्रकाशित होने जा रही अंतिम सूची में जो जरूरतमंद लोग शामिल नहीं हो पाएंगे, उन्हें सरकार मुफ्त में कानूनी सहायता मुहैया कराने के लिए जरूरी प्रबंध करेगी।
एनआरसी की अंतिम सूची 31 अगस्त को जारी होगी। इससे पहले एनआरसी राज्य में 1951 में प्रकाशित हुआ था। जून में प्रकाशित सूची में करीब एक लाख लोगों का नाम शामिल नहीं किया गया था।
असम में विवादित राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) को लेकर अब सांप्रदायिक विभाजन का भी खुलासा हुआ है। पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने वाले सूत्रों ने रविवार को बताया कि एनआरसी में नाम दर्ज करवाने के लिए मुसलमानों से अधिक हिंदुओं ने फर्जी दस्तावेज जमा कराए हैं।
पार्टी की मानें तो उसने सूबे में अपनी पकड़ सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कुशासन, अवैध घुसपैठ के खिलाफ अभियान और NRC के क्रियान्वयन का वादा करके बनाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के मामले में सरकार को झटका देते हुए हुए असम में एनआरसी की प्रक्रिया दोहराने से इंकार कर दिया है।
असम में इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) पुनर्सत्यापन की सूचना मिलने के बाद से हजारों मुस्लिम इसकी अंतिम समयसीमा खत्म होने से पहले एनआरसी प्रक्रिया को पूरा करने की जद्दोजहद में जुटे हैं।
सदन में शून्यकाल के दौरान पश्चिमी दिल्ली से सांसद वर्मा ने कहा कि सरकार देश के कई हिस्सों में एनआरसी लागू करने की बात कर रही है। हमारी मांग है कि दिल्ली में भी इसे लागू किया जाए।
Supreme Court extends the final publication of NRC deadline from July 31 to August 31, 2019- सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) की फाइनल लिस्ट जारी करने की समयसीमा को 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया है।
असम सहित देश के विभिन्न हिस्सों से घुसपैठियों को बाहर निकालने की केन्द्र की प्रतिबद्धता जताते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि देश की इंच इंच जमीन से अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें निर्वासित किया जाएगा।
लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के सबसे युवा सांसद तेजस्वी सूर्या ने NRC के मुद्दे पर बोलते हुए एक बड़ा बयान दिया है।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़