पूरे दिन में आपको बार-बार चीनी खाने की इच्छा होती है तो ये आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। कई रिसर्च और डॉक्टर भी मानते है कि चीनी आपकी हेल्थ के लिए खतरनाक है।
आर्टिफिशियल स्वीटनर के इस्तेमाल से पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है, इससे भूख कम हो जाती है। कनाडा की एक यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक शुगर फ्री के इस्तेमाल से दिल की बीमारी का खतरा रहता है।
खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि चीनी के न्यूनतम मूल्य को 29 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 31 रुपए प्रति किलोग्राम कर दिया गया है।
आइसक्रीम, मीठाई, चॉकलेट जैसी चीजे ऐसी होती है जो हमलोग अक्सर खाते ही है। सिर्फ यही नहीं ज्यातर लोगों की आदत होती है उन्हें मीठा खाना बहुत ही पसंद होता है। बाहर हो या घर खाने में मीठा पसंद करते हैं।
फसल के भुगतान में देरी से आक्रोशित किसानों ने महाराष्ट्र के सतारा, सांगली और कोल्हापुर जिलों में चीनी कारखानों के दफ्तरों पर हमला कर दिया और उनमें से कुछ को आग के हवाले कर दिया।
इसकी वजह महाराष्ट्र और कर्नाटक की चीनी मिलों का जल्द परिचालन शुरू करना है।
इंडोनेशिया भारत से चीनी खरीदने का इच्छुक है लेकिन वह इससे के लिए रिफाइंड पाम ऑयल और चीनी पर इंपोर्ट ड्यूटी को कम करवाना चाहता है।
ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ चीनी पर सब्सिडी को लेकर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराई है।
बिजनौर जिले के स्योहारा मे अवध चीनी मिल में बायलर के टूटने से उसकी चपेट में आए एक मजदूर की मौत हो गई। सोमवार तड़के हुए हादसे में तीन अन्य श्रमिक झुलस गये ।
चीनी के अधिशेष स्टॉक के बीच देश की चीनी मिलों ने पश्चिम एशिया और श्रीलंका जैसे देशों को करीब आठ लाख टन चीनी का निर्यात करने का अनुबंध किया है।
चालू विपणन वर्ष 2018-19 में देश का चीनी उत्पादन पिछले विपणन वर्ष से कुछ अधिक 321 लाख टन रह सकता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
ISMA के मुताबिक पिछले साल का लगभग 107 लाख टन चीनी का स्टॉक बचा हुआ है और इस साल की खपत 255-260 लाख टन के बीच अनुमानित है
ब्राउन शुगर या व्हाइट शुगर इन दोनों में सबसे अच्छा कौन है?
चीनी उद्योग को संकट से उबारने के लिए यह दूसरा सरकारी वित्तीय पैकेज है। इससे पहले जून में सरकार ने 8,500 करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की चीनी मिलों को राष्ट्रीयकृत एवं अन्य बैंकों के जरिए आसान शर्तों पर 4,000 करोड रुपये का कर्ज उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा, बुधवार को गन्ना किसानों के उत्पादन सहायता को दोगुना से अधिक करने तथा चीनी का निर्यात करने वाली मिलों को परिवहन सब्सिडी देने के लिए कुल मिला कर 4,500 करोड़ रुपये के पैकेज पर विचार किए जाने की संभावना है।
चीनी मिलें अगले पेराई सत्र (अक्तूबर-अप्रैल 2018-19) के दौरान एक लाख करोड़ के गन्ने की खरीद कर सकती है। उनके वर्तमान नकदी संकट को देखते हुए आगामी सत्र में गन्ने के लिए भुगतान संकट की स्थिति बढ़ है।
केंद्र सरकार ने चीनी मिलों को फिर राहत देते हुए न्यूनतम सांकेतिक निर्यात कोटा यानी एमआईईक्यू के तहत चीनी निर्यात की समयसीमा तीन महीने बढ़ा दी है।
मौजूदा चीनी सीजन 2017-18 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान देश में रिकॉर्ड चीनी उत्पादन के बाद अब अगले सीजन 2018-19 में भी नया रिकॉर्ड बन सकता है। देश में चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने 2018-19 सीजन के लिए शुरुआती अनुमान जारी किया है जिसके मुताबिक अगले साल भी उत्पादन का रिकॉर्ड बनेगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने जारी बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री लोक कल्याण मार्ग में 29 जून 2018 को करीब 150 गन्ना किसानों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करेंगे।’’ इसमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखंड और पंजाब के किसान होंगे।
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