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भिखारी को खाना खिलाया, कपड़े दिए और फिर कार में बैठा कर आग लगा दी; वजह जानकर हिल जाएगा दिमाग

यूपी के आगरा जिले में मौत का एक खौफनाक मंजर सामने आया है। दरअसल, ये घटना 17 साल पहले की है। हालांकि पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी के पिता को गिरफ्तार किया तब जाकर मामला सामने आया है।

Edited By: Amar Deep
Published : Jun 28, 2024 23:30 IST, Updated : Jun 28, 2024 23:30 IST
भिखारी को कार में बैठाकर जिंदा जलाया।- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE/PIXABAY भिखारी को कार में बैठाकर जिंदा जलाया।

आगरा: जिले के रकाबगंज में एक भिखारी को कार में जलाने के 17 साल पुराने मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी के पिता को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस घटना की जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने बीमे की रकम पाने के लिए एक भिखारी को कार में अपने कपड़े पहनाकर जिंदा जला दिया था। उसने बताया कि अहमदाबाद की अपराध शाखा ने नवंबर 2023 में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करके मामले का खुलासा किया था। वहीं अब रकाबगंज पुलिस ने इसी मामले में मुख्य आरोपी के पिता को गिरफ्तार किया है। 

बाप-बेटे ने मिलकर रची थी साजिश

पुलिस के मुताबिक 30 जुलाई 2006 को एक कार आगरा के किले के सामने टक्कर रोड पर खंभे से टकरायी थी और उसमें भीषण आग लगी थी। इस घटना में चालक सीट पर बैठा युवक जिंदा जल गया था। पुलिस ने बताया कि कार के नंबर के आधार पर पुलिस ने भट्टा परसौल निवासी विजय सिंह से संपर्क किया था, जिसके बाद वह आगरा आये और उन्होंने शव की शिनाख्त अपने बेटे अनिल के तौर पर की। पुलिस ने बताया कि अनिल की ट्रेवल एजेंसी थी और उसका करीब 60 लाख रुपये का बीमा था। मृत्यु प्रमाण पत्र बनने के बाद बीमा राशि ले ली गयी। उसने बताया कि अनिल वास्तव में कार दुर्घटना में मरा नहीं था, वह जिंदा था और अहमदाबाद में पहचान छिपाकर रहने लगा था। गोपनीय शिकायत के बाद पुलिस ने अनिल को गिरफ्तार किया था। 

पुलिस ने आरोपी पिता को भी किया गिरफ्तार

पुलिस उपायुक्त सूरज कुमार राय ने बताया कि अहमदाबाद से मामला आगरा भेजा गया जिसके बाद रकाबगंज थाने में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने मुख्य अरोपी के पिता विजय को गिरफ्तार किया है। पुलिस के घटना के संबंध में बताया कि बीमा के पैसे पाने के लिए अनिल और उसके परिवार ने साशिज रची और उसी साजिश के तहत अनिल ने एक भिखारी को खाना खाने के लिए बुलाया, उसे खाना खिलाया और पहनने को अपने कपड़े भी दिए। उसने बताया कि खाने में बेहोशी की दवा थी जिससे भिखारी बेहोश हो गया। इसके बाद आरोपियों ने उसे कार की ड्राइविंग सीट पर बैठाया और कार को जला दिया। भिखारी की शिनाख्त अब तक नहीं हो सकी है। (इनपुट- भाषा)

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