Wednesday, December 11, 2024
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आगरा किला स्टेशन के पास ब्रेक फेल होने से 4 किलोमीटर तक दौड़ता रहा ‘टावर वैगन’

‘टावर वैगन’ ट्रेन के डिब्बे की तरह होता है जिसके जरिये तार संबंधी उपकरणों में गड़बड़ी को ठीक किया जाता है। कुबेरपुर रेलवे यार्ड में ब्लॉक के दौरान एक टावर वैगन काम कर रहा था। खराब ब्रेक पावर के कारण, यह 10 किमी प्रति घंटे से भी कम गति से कुछ दूरी तक चला गया।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Aug 09, 2024 8:04 IST, Updated : Aug 09, 2024 8:04 IST
टावर वैगन...- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO टावर वैगन (प्रतीकात्मक तस्वीर)

रखरखाव संबंधी कार्य के दौरान एक स्व-चालित ‘टावर वैगन’ बुधवार अपराह्न करीब दो बजे ब्रेक फेल होने के कारण चालक दल के साथ लगभग चार किमी दौड़ता रहा, जिससे महत्वपूर्ण आगरा-टूंडला रेल मार्ग पर ट्रेन संचालन के लिए सुरक्षा संबंधी खतरा पैदा हो गया। रेलवे सूत्रों ने यह जानकारी दी। ‘टावर वैगन’ ट्रेन के डिब्बे की तरह होता है जिसके जरिये तार संबंधी उपकरणों में गड़बड़ी को ठीक किया जाता है।

ब्रेक पावर में गड़बड़ी की हो रही जांच

घटना की पुष्टि करते हुए आगरा रेलवे मंडल की जनसंपर्क अधिकारी (PRO) प्रशस्ति श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘कुबेरपुर रेलवे यार्ड में ब्लॉक के दौरान एक टावर वैगन काम कर रहा था। खराब ब्रेक पावर के कारण, यह 10 किमी प्रति घंटे से भी कम गति से कुछ दूरी तक चला गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसे तुरंत लूप लाइन पर ले जाया गया और उस पर सवार लोको पायलट द्वारा रोका गया। ब्रेक पावर में गड़बड़ी की जांच की जा रही है।’’

'खराब ब्रेक पावर वाले टावर वैगन को सेवा में लगाना एक गंभीर मुद्दा'

रेलवे के एक सूत्र के अनुसार, कुबेरपुर रेल यार्ड में तार संबंधी उपकरणों के रखरखाव का काम चल रहा था और इस विशेष खंड में दोपहर 12 बजे से दो बजे के बीच लगभग दो घंटे तक रेल यातायात बाधित रहा। सूत्र ने कहा, ‘‘जब मरम्मत का काम पूरा हो गया और टावर वैगन अपने गंतव्य के लिए रवाना हुआ, तो उसके ब्रेक में खराबी आ गई। टावर वैगन का उपयोग ओएचई (ऊपरी उपस्कर) समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है।’’ आगरा मंडल के इस कथन कि गति 10 किमी प्रति घंटा से कम थी, का खंडन करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह वैगन आगरा किला स्टेशन की ओर बढ़ गया और कुबेरपुर स्टेशन से छलेसर स्टेशन तक लगभग चार किमी. की दूरी तय की।’’

उन्होंने बताया कि जब वैगन को बीच रास्ते में रोकने के प्रयास विफल हो गए तो इसे आगरा किला के पास छलेसर जंक्शन पर लूप लाइन में मोड़ने का निर्णय लिया गया, जहां लोको पायलट ने इसे स्थिर कर दिया। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि खराब ब्रेक पावर वाले टावर वैगन को सेवा में लगाना एक गंभीर मुद्दा है, क्योंकि इससे महत्वपूर्ण आगरा-टूंडला मार्ग पर यात्री ट्रेन संचालन में बड़ी सुरक्षा समस्या उत्पन्न हो सकती थी। (भाषा इनपुट्स के साथ)

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