Saturday, May 04, 2024
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भारत के इस गांव में लोग नहीं मानते देश का कानून! यहां है खुद की संसद और संविधान

भारत के इस गांव के लोग देश का कानून नहीं मानते। यहां पर गांव वाले लोग ही अपना एक अलग संसद बनाए हुए हैं। यहीं पर उनका नियम और कानून बनता है।

Pankaj Yadav Written By: Pankaj Yadav @ThePankajY
Updated on: February 13, 2023 16:11 IST
गांव का नजारा।- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA गांव का नजारा।

दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत है। इसे मदर ऑफ डेमोक्रेसी भी कहा जाता है। भारत के संविधान के बारे में हम सभी जानते हैं और यह भी जानते हैं कि देश में कानून व्यवस्था संविधान के जरिए ही चलती है। संविधान का पालन करना हमारा फर्ज है। संविधान में कोई भी नया कानून लाया जाता है तो उसे संसद में बनाया और पास किया जाता है और फिर उसी कानून से पूरा देश चलता है। लेकिन भारत में एक ऐसा भी गांव है जहां भारत का कानून नहीं चलता। शायद आप ये बात जानते हैं या नहीं लेकिन यह सच है। अब आपलोग ये सोच रहे होंगे कि यह गांव कश्मीर में होगा। लेकिन यह कश्मीर में भी नहीं है। ये गांव हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला में स्थित है। इस गांव का नाम मलाणा है। इस गांव के लोग भारत के संविधान को नहीं मानते और इनके यहां अपना अलग नियम और कानून है। यहां पर इनका खुद का संसद भी है जहां से कानून बनता है। आप यह पढ़कर हैरान हो गए होंगे कि आखिर में ऐसा कौन सा गांव है जो भारत में रहते हुए भी पूरी तरह से अलग है।

गांव के लोग बाहरी लोगों को पसंद नहीं करते।

Image Source : SOCIAL MEDIA
गांव के लोग बाहरी लोगों को पसंद नहीं करते।

गांव में है खुद की संसद

खूबसूरत घाटियों से घिरा यह गांव दुनिया भर के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां के लोग खुद को सिकंदर का वंशज बताते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस गांव में सिकंदर की तलवार एक मंदिर में रखी गई है। इस गांव के कई कहानी और किस्से हैं। इस गांव के संसद में दो सदन हैं एक ऊपरी सदन और एक निचली सदन। ऊपरी सदन में 11 लोग होते हैं। इनमें से 3 गुरु, पुजारी और देवता के प्रतिनिधि। ये 3 सदस्य स्थाई होते हैं और बाकी लोगों का चुनाव गांव के लोग करते हैं। इस संसद में हर घर से एक व्यक्ति मौजूद होता है। सबसे अंतिम फैसला जमलू देवता का होता है। गुरु की आत्मा पर जमलू देवता राज करते हैं और जो भी उन्हें कहना होता है वह उसी के जरिए अपनी बात कहते हैं। 

मलाणा गांव

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मलाणा गांव

गांव में बाहरी लोगों का आना मना है

मलाणा गांव में रहने वाले लोग किसी से ज्यादा मिलते-जुलते नहीं हैं। ये एक दूसरों से हाथ भी नहीं मिलाते। इस गांव में दुकानदार ग्राहक के हाथों से पैसे लेने के बजाय रख देने के लिए कहते हैं। मलाणा गांव के लोग दीवारों को भी नहीं छूते। बाहर से आने वाले लोगों की सख्त मनाही है। पर्यटक भी इस गांव में नहीं आते। यहां के लोग गांव में ही एक दूसरे से शादी कर लेते हैं। यह गांव पूरे देश में चरस के लिए जाना जाता है। इस गांव के आस-पास गांजा अच्छी मात्रा में पाया जाता है। 

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